RE: Gandi Kahani (इंसान या भूखे भेड़िए )
स्नेहा के घर....
स्नेहा अपने पापा का सामना नही करना चाहती थी, शुरू से ही उसके पापा काफ़ी स्ट्रिक्ट रहे थे, इसलिए शुरू से ही वो अपनी सारी बात अपने माँ से ही कहती थी. लेकिन जब आज स्नेहा ने अपनी शादी की बात अपनी माँ से की तो पहली बार उसकी
माँ बोली.... "स्नेहा ये शादी की बात है, ना कि तुम्हारे कॉलेज की फी की जो मैं तुम्हारे पापा को बता कर ले लूँ. अच्छा यही होगा कि तुम खुद बात कर लो"
खाने के टेबल पर स्नेहा खा कम रही थी और बस यही सोच रही थी कि पापा से आख़िर बात कैसे करे.... संकोच मे सोचते
-सोचते आख़िर उसने बताने का फ़ैसला कर ही लिया.....
स्नेहा.... पापा मुझे आप से कुछ ज़रूरी बात करनी है...
पापा.... पहले ठीक से खाना खा लो, फिर बात करते हैं...
पापा की रोबदार आवाज़ सुन कर वो चुप-चाप खाने लगी...... और खाने के बाद उसकी हिम्मत नही हुई कि वो पापा से इस बारे मे बात कर सके....
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नताली का प्रॉजेक्ट वर्क...
नेगी से सारे डीटेल लेने के बाद, नताली खुद से पता करने निकल गयी कि आख़िर परिवहन विभाग मे चल क्या रहा है. उसने
परिवहन मंत्री के पीए से मीटिंग अरेंज की....
पीए.... कहिए मेडम कौन सा काम करवाना है मंत्री जी से..
नताली.... सर, मुझे एक्सपोर्ट & एम्पोर्ट के शिप्पिंग कांट्रॅक्ट के बारे मे बात करनी है...
पीए.... इसमे हम क्या कर सकते हैं मेडम. ओपन टेंडर है, आप अपना रेट कोट कर दीजिए, जो भी होगा वो टेंडर खुलने के बाद होगा...
नताली.... सर, ओपन टेंडर है ये तो मुझे भी पता है, लेकिन...... क्या कोई बॅकडोर ऑप्षन नही.
पीए.... देखिए मेडम, सरकारी विभाग का मतलब घूसखोरी नही होता है... ये चीज़ आप बड़े लोगों को समझ मे नही आती क्या. पैसों के दम पर आप क्या सोचती हैं, अपना हर काम करवा लेंगी... जाइए और टेंडर भरिये... आएन्दा ऐसे प्रस्ताव ले कर आप आई तो मजबूरन मुझे आक्षन लेना पड़ेगा.
नताली, पीए की बात सुन कर वहाँ से चली आई, शायद अनुभव की कमी थी जो वो ये मौका भूना नही पाई... लेकिन जब पीए के ऑफीस से निकल रही थी तो गेट के बाहर ही पार्थ से मुलाकात हो गयी... ये वही पार्थ था जिस से जिया और नताली की मुलाकात क्लब मे हुई थी....
पार्थ... हेलो मिस नताली, आप यहाँ कैसे..
नताली...... सॉरी मैने आप को पहचाना नही...
पार्थ उसे फिर क्लब की मुलाकात याद दिलाया और उस से यहाँ आने का कारण पूछने लगा. नताली ने भी अपने आने का कारण बता दिया...
पार्थ.... नताली मुझे कल का राक ऑन शो दिखाओ, और वहाँ राक हो कर मैं तुम्हे शॉकिंग इन्फर्मेशन दूँगा....
नताली.... हहे, उस दिया और आज मैं. मिस्टर. मेरी कमज़ोरी का ये कोई फ़ायदा तो नही...
पार्थ.... दिखने से तो काफ़ी तन्द्रुस्त हो, कहीं से भी कमजोर नही लग रही.... खैर जोक आ पार्ट... यदि तुम अपने पॉइंट से भी सोचो कि मैं तुम्हारे किसी काम का नही, तो भी राक ऑन शो मेरे साथ देखना बुरी डील नही... बाकी कल तुम खुद समझ जाओगी ये डील तुम्हे कितना फ़ायदा दे सकता है...
नताली.... डन पार्थ... तुमने मुझे कॉन्वियेन्स कर लिया... सी यू देयर... बाइ
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