RE: Gandi Kahani (इंसान या भूखे भेड़िए )
मनु जब अंदर गया तो, बॅंड की धूम-धाम चल रही थी.... "आऊओ.. आऊओ" कर के वो सिंगर गा रहा था. वहाँ मौजूद सभी ऑडियेन्स हवा मे हाथ लहराते... ज़ोर-ज़ोर से हूटिंग कर रहे थे.
मनु चुप-चाप खड़ा बस वहाँ के महॉल को देखने लग गया. तभी श्रेया उसके पास पहुँची, और ज़बरदस्ती उस से कुछ ज़्यादा ही क्लोज़ होती हुई कहने लगी.... "यू नो मनु, इस से बेहतरीन आर्टिस्ट मैने आज तक नही देखी. मुझे तो अब भी यकीन नही
की.. मैं रकके मार्टिन के शो को लाइव देख रही हूँ"
मनु उखड़ा सा सहमति देते उसके पास से हट गया, और नताली के पास पहुँचा.... नताली, पार्थ के साथ शो को फुल एंजाय
कर रही थी.... मनु को देखते ही.... "थॅंक्स मनु"
मनु.... पर थॅंक्स किसलिए...
नताली.... शो के टिकेट अरेंज करने के लिए...
अखिल.... मिस, इस शो के टिकेट मनु ने नही मैने अरेंज किए थे. से थॅंक्स टू मी.
काया अपनी तिर्छि नज़रों से एक बार अखिल को देखी, और फिर सामने देखने लगी... इस बात को अखिल ने भी नोटीस किया.....
पार्थ..... आप यहाँ है तो शहर के लॉ & ऑर्डर कौन कंट्रोल कर रहा होगा सर...
नताली.... सॉरी सर इसकी बातों को माइंड नही कीजिएगा, इसकी मज़ाक करने की आदत है...
अखिल.... हा हा हा... ये यदि सीरियस्ली भी बोलेगा तो भी मैं कुछ नही कर सकता. आप यहाँ कैसे सर, मुझे नही लगता कि
आप को इस शो मे कोई इंटरेस्ट भी होगा.
पार्थ..... क्यों मज़ाक कर रहे हैं अखिल सर, हम तो आप के रहमो करम पर हैं... बस हमारी इस खूबसूरत दोस्त की इच्छा थी सो यहाँ चला आया....
नताली.... हद है ये मेरी इच्छा थी या तुम मुझे यहाँ ले कर आए पार्थ, और डाइलॉग क्या मारे थे, इस शो के बाद मैं सर्प्राइज़्ड हो जाउन्गी... इट सीम आइ आम सर्प्राइज़्ड नाउ....
मनु.... हा हा हा... लगता है आज कोई झूठ बोलने के चक्कर मे पिटेगा...
पार्थ, मनु का चेहरा देखते हुए... "आप तो मशहूर बिज़्नेस टिकून मिस्टर मनु मूलचंदानी हैं राइट"
मनु.... अब तो सच मे सर कहना पड़ेगा... लगता है बहुत पहुँची हुई चीज़ हैं... है कौन ये अखिल.
अखिल... पेसे से वकील हैं. सुप्रीमे कोर्ट के चीफ जस्टीस मिस्टर. अनंत शर्मा के एकलौते सुपुत्र. हर उलझी जगहों पर पाए जाते हैं और अक्सर पोलीस के केस सॉल्व कर के ही मानते हैं. एक सब से बड़ी खास बात, इनका आक्षन साउत के किसी हीरो से
कम नही, क्या उड़ी-उड़ी मारते हैं.... आप की शान मे कुछ कमी तो नही रह गयी पार्थ सर.
पार्थ.... हा हा हा... अखिल सर बस एक कमी रह गयी... इतने बड़े इंट्रो के बाद एक लाइन जोड़ना तो बनता ही था... इन मी
सूपरहीरो जैसी शख्शियत है... कुछ भी कहते हो आप....
नताली.... लगता है मुझे यहाँ से जाना चाहिए. लोग कहते हैं कि जब लड़कियाँ एक जगह इकट्ठा हो तो इतनी बातें करती हैं पूछो मत. कोई यहाँ आ कर देख ले, लड़कों की हरकत....
अखिल.... उफफफ्फ़ इतनी बड़ी नादानी, आप इधर आइए मिस मेरे पास, इन सब को कदर नही आप की...
नताली अपनी बाल झटकती हुई.... "मैं तो रिक मार्टिन को ही देखूँगी... अभी तो सबसे ज़्यादा स्वीट वही है"....
पार्थ... एक्सक्यूस मी मिस, हम यहाँ किसी काम से आए हैं....
मनु.... इस शो की टिकेट किसी काम के लिए लिया था, मतलब तुम दोनो शो देखने नही आए थे...
पार्थ... बेचारी को छोटी सी उम्र मे इतना बड़ा प्रॉजेक्ट दे दिया, उसके बोझ तले दबी यहाँ भी काम ही करने आई है....
मनु.... मुझे नही पता था नताली यहाँ प्रॉजेक्ट के काम से आई है. मैने आज तक किसी को नही कहा कि वो अपनी छुट्टी के समय मे कोई काम करे.
पार्थ.... मनु भाई मैं किसी के काम के लिए हां नही कहता, पर ये नताली का जुनून है इस काम के प्रति जिसे देख कर मैने
इसे कुछ रास्ता दिखाने का सोचा.... एक्सक्यूस अस, मैं थोड़ा नताली को ये अरीना घुमा कर ला दूं.
अखिल.... यार ये कहाँ आ गये, ऐसा लग रहा है मेरे सर मे ड्रम बज रहे हैं...
मनु... हां यार मेरा भी यही हाल है... चल चलते हैं, आज अपने देसी अड्डे पर... कॉलेज की कुछ पुरानी यादें ताज़ा हो जाए....
मनु, श्रेया को बाइ कहता हुआ वहाँ से चला गया. बाइ कहते वक़्त भी वो कुछ ज़्यादा ही क्लोज़ बनती उस से सवाल करने लगी, और अपनी नाराज़गी दिखाने लगी... मनु उसे सॉरी कहता हुआ आगे बढ़ गया. अखिल ने जाते वक़्त गौर किया काया
बस उसे ही देख रही थी.
अखिल, मनु को ले कर अपने क्वाटर पहुँचा, फटाफट चेंज कर के सीधा कंट्री बार निकल गया. दोनो वहाँ पर देसी दारू का मज़ा उठाते हुए पॅक पर पॅक लगाने लगे. दारू पीते हुए मनु को पुराने दिन याद आ गये, और उन दिनो को याद कर के
उसकी आँखों से आँसू आ गये...
अखिल.... हेयययी यार !!! तू रो क्यों रहा है...
मनु.... कुछ नही यार, बीते दिन याद आ गये. ज़ख़्म हरे हो गये हो जैसे. वो हसरत भरी निगाहें याद आ गयी, और वो निर्दयी समय... खैर चल बाइ... चलता हूँ मैं....
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