RE: Gandi Kahani (इंसान या भूखे भेड़िए )
मूलचंदानी हाउस.....
अमृता.... क्यों सुकन्या.. ये दाव कैसा लगा. अब तो मैं कह सकती हूँ ना, "अब देखो तमाशा".
सुकन्या.... वाहह ! मज़ा आ गया. मनु के साथ तुम ने उसके भाई को भी क्या खूब लपेटा है. और उस काव्या भक्त, आस्तीन के साँप दीवान को भी ठिकाने लगा दी. क्या बात है अमृता, हॅट्स ऑफ.
अमृता.... नही मानस के बारे मे मुझे नही पता था. मुझे भी न्यूज़ से ही पता चला. शायद हर्ष का प्लान हो.
हर्षवर्धन..... मानस की इन्फर्मेशन मेरे पास कहाँ से आई. वैसे भी मैं जल्लाद नही, जो किसी का मडर करवा दूं... मानस के साथ उधर क्या
हुआ मुझे भी न्यूज़ से ही पता चला.
अमृता.... छोड़ो, लेकिन खुश तो हो ना. आह्ह्ह्ह ! उसका तड़पता चेहरा देख कर ऐसा लगा जैसे उसकी कमिनि माँ तड़प रही हो. तुम सोच नही सकते कितनी सुकून मे हूँ....
सुकन्या..... सेम हियर अमृता. लेकिन दोनो भाई को एक साथ लपेट गया. उन्हे भनक भी पड़ी तो हमे छोड़ेगा नही.
अमृता.... तो बिगाड़ क्या लेगा. उसे तो यकीन है कि उसके साथ किसने बुरा किया... लेकिन जब वो अपने प्यारे दोस्त से इस केस को फॉल्स साबित करने कहेगा तो फिर भगवान जाने कि कौन सा नाम सामने आएगा. और तब मैं अपने बेटे मनु के लिए एक एननोसेंट माँ रहूंगी. मनु
खुद पर धिक्कार करेगा और कहेगा... "मैने इस देवी जैसी माँ पर शक़ किया"... हा हा हा.
सुकन्या.... चलो अब कहीं जा कर दिल को चैन मिला. अब मुझे लग रहा है कि कहीं कोई प्लान था. अब अगला मूव क्या होगा....
अमृता.... वेट & वॉच. पहले मनु के एम डी पोस्ट से रेसिग्नेशन की डिमॅंड तो आने दो, फिर हम उसे अपने कदमों तले दबाएँगे.....
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