RE: Gandi Kahani (इंसान या भूखे भेड़िए )
रजत... सम की बातचीत....
रजत.... साले, कमिने तू है किधर.... हरामजादे तूने तो कहा था कि दोनो का काम तमाम हो जाएगा, फिर क्या हुआ.
सॅम..... साले तू क्या पागल है. एक तो बस से पूरा परिवार एक साथ जाते हो, उपर से एस.पी भी उस बस मे. तेरी ग़लत इन्फो थी, इसमे हम क्या करेंगे.
रजत..... हां-हां ठीक है समझ गया. तू ये बता मेरा काम कब होगा.
सॅम.... काम तो कर दिया. देखा नही क्या, उस मानस को कैसे फसा दिया. मुझे लगा किसी को तो मार कर अपने दोस्त को खुश कर ही दूं...
रजत..... तो क्या तूने वो करवाया था...
सॅम.... हां मैने करवाया था. अब तो खुश है ना....
रजत..... वाहह ! अब लग रहा है मेरा पैसा सही हाथों मे है. कल जो उस कुत्ते का एक्सप्रेशन था वो उसके मरने से ज़्यादा मज़ेदार था. उसे दर्द तो दे दिया, अब उस से मुक्ति भी करवा दे....
सॅम.... हां वो भी हो जाएगा.... लेकिन दोस्त एक मर्डर की डील तो पूरी हो गयी, अब बस एक का ही होगा... तू बता टारगेट किसे करना है... मनु या काया....
रजत.... मनु, काया और उसके भाई मानस तीनो.... आज शाम पैसे ले जाना.....
सम ने ओके कहा और कॉल कट हो गया...... दीप्ति..... "बड़े कामीने हो, बिना कुछ किए वसूली"
सॅम.... इस बार 1 करोड़ लूँगा. अपना कोटा पूरा, फिर इधर से कटने का टाइम आ जाएगा....
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