RE: Gandi Kahani (इंसान या भूखे भेड़िए )
"आअहह" की एक लंबी सिसकारी श्रेया के मुँह से निकली और वो मनु के गले मे हाथ डाल, अपना सिर उसके कंधे से टिका दी......
"अंदर काफ़ी गरम है श्रेया, काफ़ी टाइट पुसी है तुम्हारी".......
. "उफफफ्फ़ धक्के मारते रहो मनु... ये तो अब तुम्हारी हे है... ढीला कर दो इसे".....
उत्तेजक बातें... तेज चल रही सांसो की आवाज़ और श्रेया की तेज-तेज सिसकारी.... मनु ने अपने हाथ बिस्तर से टिकाए और कमर को तेज-तेज हवा मे उच्छालने लगा..... श्रेया मनु के गले मे अपनी बाहें डाले, हर धक्के के साथ उपर हो रही थी... छाती से छाती जब रगड़ खाती तो हर धक्कों मे तो अजीब सा नशा च्छा जाता....
हर धक्के के साथ बढ़ता उत्तेजना का टॅशन..... तेज-तेज सिसकारियों के साथ श्रेया सेक्स का पूरा मज़ा लेने लगी.... दोनो किसी पॉर्न आक्टर्स की तरह पर्फॉर्म कर रहे थे, और पोज़ बदल-बदल कर सेक्स एंजाय कर रहे थे....
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अगली सुबह.....
मनु श्रेया के नंगे बदन पर हाथ फेरता कहने लगा..... "आज का मज़ा देखना हो तो तैयार हो जाओ, और शाम को अपनी माँ के साथ मूलचंदानी हाउस मे आ जाना".
मनु श्रेया को उसके घर छोड़ते हुआ वापस अपने घर चला आया जहाँ सब कुछ पहले से रेडी था....
मनु.... भाई आप के अकाउंट मे अभी कितने रुपये होगे....
मानस...... लास्ट तेरे ट्रॅन्सॅक्षन के बाद तो उस पर अब तकरीबन 120 करोड़ हैं....
महू.... ह्म ! ये अच्छा है आप का नया काम शुरू करने के लिए. पर नया काम शुरू करने से पहले आप बॅंक चेंज कर लेना... ताकि पुराने
बॅंक से कोई भी आप का अकाउंट डीटेल ना निकाल सके...
मानस.... ह्म ! समझ गया मैं..... ये ले पेपर मैने सारे बाउंड और शेर्स तुम्हारे नाम कर दिए हैं.....
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