RE: Gandi Kahani (इंसान या भूखे भेड़िए )
ईव्निंग... अट मूलचंदानी हाउस....
सभी लोग बैठे थे. अमृता अपने प्यारे बेटे के गले लगती कहने लगी.... "वाह मेरे शेर हमे बदनाम करने वालों को अच्छा सबक सिखाया".....
मनु.... कोई मेरी बेज़्जती कर दे और उसे मैं छोड़ दूं, ऐसा भला हो सकता है क्या. आप सब का सुक्रिया जिसने मुझे पूरा पवर दिया, वरना ये
आस्तीन का साँप कभी ट्रेस नही हो पाता....
तभी गुसे मे तमतमाया मानस वहाँ पहुँच गया...... "कमीने तुझे मैं भाई समझता था, और तू दगाबाज निकला"
सभी लोग मानस के रिक्षन देख चौंक गये.... मनु ने बड़े प्यार से जबाव दिया..... "आप को ही तो अपना काम शुरू करना था ना, इसलिए तो
मैने आप के अकाउंट मे 50 करोड़ डलवा दिए बदले मे आप ने पेपर पर साइन कर दिया".....
मानस.... कमीना कहीं का. मैने कब पेपर्स पर साइन किया था. 2500 करोड़ के शेयर तुझे मैं 50 करोड़ मे दे दूँगा...
तभी स्टाइलिश एंट्री के साथ नताली पहुँची..... "तुम सब मेरे पापा को बर्बाद कर यहाँ जश्न मना रहे हो, क्या सब मे और अकेले मेरे पापा को फसाया गया. ये सब तुम लोगों की मिली भगत से हुआ है... मैं तुम सब को एक्सपोज़्ड कर दूँगी....
मनु.... एक्सपोज़ तो तेरा बाप हो गया.... उसने खुद कबूल किया है कि सारी साज़िश उसी की रची हुई थी...
नताली.... जी नही, उन्होने बहुतों का नाम लिया था, पर आक्षन केवल मेरे पापा पर. जानती हूँ मैं, कि तुम सब ने मिल कर उन्हे फसाया है...
कोई बात नही आज खुश हो लो, पर मैने भी एसएस ग्रूप को बर्बाद ना किया तो मेरा भी नाम भी नताली नही...
मानस.... तुम जो कुछ भी करने वाली हो, मैं तुम्हारे साथ हूँ... इन सब को इनकी औकात दिखा देना....
एक हाइ वोल्टेज ड्रामा क्रियेट करते नताली और मानस वहाँ से निकल गये. मनु स्ट्रॉंग पोज़िशन को देख कर सब के सब अब उस की ओर झुक गये..... अब हर किसी को मनु का फेवर चाहिए था, क्योंकि अब तो वो एसएस ग्रूप का सब से स्ट्रॉंग प्लेयर था 40% मालिकाना हक़ के साथ ......
मनु के सारे मोहरे बिच्छ चुके थे, अब तो बस अपनी चाल से सब को फसाना था. काम आसान नही था, पर एक दाँव जिस पर अब पूरा खेल टीका था......
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