RE: Gandi Kahani (इंसान या भूखे भेड़िए )
मीटिंग इन मानस ऑफीस....
सुबह के 11 बजे हे रौनक और तनु दोनो पहुँच चुके थे मानस के ओफीस मे. सब के मन मे लड्डू फुट रहे थे, कई हज़ार करोड़, वो भी बैठे बिठाए.....
मानस और नताली दोनो ऑफीस मे बैठे हुए थे, और उनके ठीक सामने तनु और रौनक...
मानस.... इतने बड़े करोरेपति हम जैसे भिखारियों के दरवाजे, आख़िर बात क्या है...
नताली.... जाने दो मानस, ये वो आस्तीन के साँप हैं जो अपना किया दूसरों पर थोप कर उसकी बर्बादी का तमाशा देखते हैं.
रौनक.... कुछ भी कहने से पहले ज़रा बातों की गहराई को सोच लिया करो....
तनु.... हां नताली, कुछ भी बोलने से पहले ज़रा सोच लिया करो. यदि उस वक़्त हम ने भी कबूल किया होता तो हम भी वंश की तरह रोड पर होते और मनु अपने मंसूबों मे कामयाब हो जाता. जबकि तुम्हे पता था ये मामला आराम से रफ़ा-दफ़ा हो सकता था....
नताली.... कैसे ज़रा बताना...
रौनक.... क्योंकि इस पूरे मामले मे मनु का परिवार ही मुख्य आरोपी था. सारा चक्र्वियुह सुकन्या और हर्षवर्धन का रचा हुआ था. अब चुकी उनकी पवर ऑफ अटर्नी तो मनु के पास ही थी, इसलिए उसने साइड पार्ट्नर्स पर अटॅक किया...
मानस.... ह्म ! तो हम से क्या चाहते हो....
तनु.... मनु को बर्बाद करना....
नताली.... और वो कैसे होगा....
रौनक.... हम तुम्हारे प्रॉजेक्ट मे इनवेस्ट करेंगे और उसके प्रॉफिट से मनु के बिज़्नेस यूनिट के शेयर ख़रीदेंगे.
नताली.... तुम दोनो ही डफर हो, सिंपल सी बात है तुम यहाँ खुद से नही आए हो ज़रूर तुम्हे मनु ने भेजा है.... सोचते रहो तुम दोनो मनु के शेर्स को हासिल करना. जब तक तुम सोचोगे मनु के शेयर हासिल करना है, उतने मे तो वो तुम दोनो के बिज़्नेस यूनिट का ओनर बन चुका होगा....
तनु और रौनक दोनो एक साथ शॉकिंग एक्सप्रेशन देते हुए कहने लगे.... "तुम्हे कैसे पता कि मनु ने हमे यहाँ भेजा है, और वो हमे बर्बाद कैसे करेगा".
नताली...... तुम जैसे विस्वाशघातियों को मैं कुछ भी बता कर क्या करूँगी. कल को फिर मुझे फसा कर मेरा ये बिज़्नेस भी हथिया लोगे.
रौनक..... कितनी बार हम बताए, वहाँ ऑफीस मे यदि हम कुछ बोलते तो हमारा भी सब कुछ चला जाता.
नताली...... ह्म ! समझ सकती हूँ तुम लोगों का दर्द, पर हो तो तुम सब सेल्फिश ही ना. अभी भी मनु के ही कहने पर यहाँ आए. अर्रे बेवकुफों इतना भी नही समझते कि यदि तुम ने अपना सारा पैसा उसकी कंपनी से लोन ले कर यहाँ मेरे प्रॉजेक्ट पर इनवेस्ट कर दिया तो वो उधर तब तक तुम दोनो की कंपनी के शेयर खरीद चुका होगा. तुम मेरे प्रॉजेक्ट से पैसा बना कर जब तक उसके शेयर खरीदोगे तब तक तो तुम दोनो का शेयर जा चुका होगा....
रौनक.... नही ऐसा नही हो सकता. मनु को शेयर खरीदने के लिए पैसे शो करने होंगे. अब वो कंपनी का पैसे से थोड़े ना हमारा शेयर खरीद सकता है.
नताली.... जैसु तुम्हारी मर्ज़ी, मत मानो मेरी बात. माइ डोर ईज़ ऑल्वेज़ ओपन फॉर यू. जब मान करे तब इनवेस्टमेंट कर देना. लेकिन सीधी बात हम तुम्हे अपना पार्ट्नर नही बनाएँगे, बस तुम हमारे इन्वेस्टर्स रहोगे. हमारे प्रॉफिट या लॉस मे तुम्हारे इनवेस्टमेंट के बराबर शेयर रहेगा...
तनु..... नताली, मानस तुम दोनो का मोटिव क्या है पहले मुझे ये क्लियर करो....
मानस..... एस.एस ग्रूप को बर्बाद करना. उसके सारे शेयर्स खरीद कर मालिकाना हक़ लेना...
रौनक.... और वो तुम कैसे करने वाले हो.
मानस..... उपर वाला हमारे साथ है, हमे इतना बड़ा कांट्रॅक्ट मिलने वाला है कि हम 25% के बराबर होंगे पूरे एस.एस ग्रूप के.
तनु..... तो हमे भी अपने मोटिव के साथ जोड़ लो. मनु की इतनी प्लॅनिंग होगी ये हम सोच नही सकते थे. हां ये सच है हम उसी के कहने पर तुम सब से पार्ट्नरशिप करने आए थे. हां लेकिन सोच यही थी कि उसके प्रॉफिट के पैसों से मनु के शेर्स ही ख़रीदेंगे पर यहाँ तो प्लॅनिंग ही कुछ और चल रही थी.
नताली..... तो मिलाओ हाथ और लग जाओ उस मनु को धूल चटाने मे. यहाँ के प्रॉफिट से मैं मनु के और उनके फॅमिली ग्रूप के शेर्स खरिदुन्गि. तुम दोनो वहाँ से पैसे निकाल कर सीधा ही मनु के शेर्स खरीदना शुरू कर दो. इसके बदले मैं तुम दोनो को 25% पार्ट्नरशिप दूँगी वो भी बिना किसी इनवेस्टमेंट के.
ऐसा ऑफर भी कोई ठुकराता है क्या. पल मे ही प्लान बना तनु और रौनक का कि... "सीधा मनु की कंपनी के शेर्स ख़रीदो, और 25% का प्रॉफिट इन के टेंडर से लो. पासे बिच्छ चुके थे और दोनो उन पासों पर अपना पूरा दौ खेल चुके थे. अब बस बचे थे तो हर्षवर्धन और सुकन्या.
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