RE: Gandi Kahani (इंसान या भूखे भेड़िए )
रात के वक़्त... मनु और स्नेहा....
स्नेहा, अपनी बड़ी-बड़ी आखें दिखाती.... "वो छिप्कलि मेरा मज़ाक उड़ा रही थी, और तुम्हारे एक्सप्रेशन मे कोई चेंज भी नही आया. उल्टा उसके साथ बाहर चले गये. हुहह" !!!!
मनु.... तुम्हे बताया तो था श्रेया के बारे मे. सॉरी बाबा, यूँ समझ लो कुछ चाहिए था उस से इसलिए उस की बदतमीज़ी सहनी पड़ी.
स्नेहा.... सॉरी कहने की ज़रूरत नही, मैं अपने मनु को जानती हूँ. पर मनु तुम्हे नही लगता कि तुम केवल एक तरफ़ा सोच कर अपना सब
कुछ दाव पर लगा रहे हो. श्रेया वो सिग्नेचर ना ला पाई और सब कुछ अपनी माँ को बता दी तो....
मनु.... किसने कहा कि मैं चाहता हूँ श्रेया अपनी माँ के सिग्नेचर चोरी से लाए. यदि वो चोरी से सिग्नेचर करवा कर लाती है तो मैं 50% ही
सफल रहूँगा, और यदि वो सारी बात अपनी माँ से बता देती है तो मैं 100% सक्सेस हो जाउन्गा...
स्नेहा.... वो कैसे मनु...
मनु.... वो तुम्हे कल के न्यूसपेपर से पता चल जाएगा. कल इंडियन एकॉनमी की न्यूज़ मे ऐसी खबर होगी कि एस.एस ग्रूप के सारे पार्ट्नर्स के
बीच भूचाल सा आ जाएगा.... इंतज़ार करो सुबह का.... क्योंकि कल से एस.एस ग्रूप अपना होना शुरू हो जाएगा....
स्नेहा... अच्छा जी, आप और ये आप का एस.एस ग्रूप. इन सब के बीच मेरा क्या होगा...
मनु.... तुम आओ तो बिस्तर पर, जल्दी से तुम्हे एक जूनियर मनु या जूनियर स्नेहा दे दूं ताकि तुम मेरा भेजा खाना कम करो...
स्नेहा.... हटो बेशर्म, पापा ने जान लिया ना कि मैं यहाँ तुम्हारे साथ अकेली हूँ तो जान मार देंगे.
मनु.... ओये, अब ये तुम्हारी जान सिर्फ़ तुम्हारी नही है. तुम्हारे पापा ने तुम्हे हाथ भी लगाया तो देख लेना...
स्नेहा.... क्या, क्या, क्या... खबरदार जो मेरे पापा के बारे मे कुछ बोला तो ... ठीक नही होगा...
मनु.... मैने कब बोला तुम्हारे पापा के बारे मे. तुमने ही चर्चा शुरू किया. मैं तो अपने जूनियर्स की बात कर रहा था...
स्नेहा.... कोई जूनियर्स नही, आज से मैं हड़ताल पर. कोई नॉटी डिमॅंड नही मानी जाएगी....
मनु.... पहले चलो तो बेड पर फिर देखते हैं किस की कितनी नॉटी डिमॅंड होती है....
स्नेहा.... मैं तो आज बिस्तर पर जाउन्गी ही... आप मिस्टर. हॉल मे सोने वाले हो...
मनु.... क्या, क्या, क्या.....
स्नेहा.... लगता है कान खराब है सुना नही... फिर से कहती हूँ... आज तुम हॉल मे सोने वाले हो और ये फाइनल है....
मनु.... पर काहे...
स्नेहा.... बस मैने कह दिया इसलिए. ज़्यादा सवाल जबाव किए तो कल भी हॉल मे सुला दूँगी...
मनु.... हुहह... निष्ठुर... निर्दयी... हुहह हुहह हुहह...
मनु बडबडाता हुआ हॉल मे ही सो गया.
अगली सुबह जब सारे पार्ट्नर्स और बिज़्नेस अस्सोसियटेस एकॉनमी न्यूज़ देख रहे थे... सच मे उन लोगों के बीच भूचाल सा आ गया था...
गहमा-गहमी इस कदर बढ़ी थी कि सब बैठ कर उसी न्यूज़ के बारे मे सोच रहे थे.......
सुबह की खबर और चर्चाएँ शुरू. खबर ये थी कि सरकारी. शिप्पिंग टेंडर ओपन, और वो मानस की कंपनी के नाम से खुला. ये खबर सुनते
ही सारे लोगों की प्लॅनिंग ज़ोर पकड़ चुकी थी. सब को बैठे बिठाए ही कई 1000 करोड़ नज़र आ रहे थे.....
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