RE: Gandi Kahani (इंसान या भूखे भेड़िए )
शाम के वक़्त.... नताली और पार्थ.....
पार्थ...... मिस ब्यूटिफुल, हैं कहाँ आज कल आप....
नताली.... बिज़ी इन न्यू प्रॉजेक्ट.... पर तुम्हे इस से क्या.... तुम्हे तो मेरे बारे मे कुछ ख्याल भी नही होगा....
पार्थ.... अजी दिन रात तो बस आप के ही ख्यालों मे डूबा रहता हूँ... और रात को सपने मे तो ना जाने कैसे-कैसे तुम मुझे परेशान करती हो....
नताली.... हां तुम बस सपने मे ही सुहागरात मनाते रहना.... वैसे तो सामने से कुछ होता नही ... फटतू कहीं के...
पार्थ.... तुम मुझे चॅलेंज कर रही हो क्या...
नताली..... अब रहने भी दो.... ज़्यादा बढ़ चढ़ कर बोलने से अच्छा है कुछ कर के दिखाओ...
पार्थ.... अच्छा जी.... आज रात ही देखते हैं कौन कितने पानी मे है.... वैसे रात की बातें मैं रात मे करूँगा... अभी फिलहाल मेरी बात ध्यान से सुनो....
नताली..... जी वकील साहब फरमाएए.....
पार्थ....... रिसेप्षन पर एक आदमी एक फाइल ले कर पहुँचा है.... फाइल चेक कर लेना बाकी बातें रात को करेंगे...
नताली.... ठीक है मैं इंतज़ार करूँगी.....
पार्थ.... "बयीई"
नताली.... "बयीई"
नताली ने रिसेप्षन से फाइल मँगवाई.... उपर लिखा था टॉप सीक्रेट... और नताली ने उसे बड़ी ही कॅष्यूयली तरीके से खोला ... पहला पन्ना पढ़ते ही वो चौकन्ना हो गयी.... दूसरा पन्ना पढ़ते-पढ़ते वो पूरी तरह से ध्यान-मगन हो गयी....
और आखरी पन्ने ने उसे टोटल कंट्रोल दे दिया.... मानस की ये नयी कंपनी और पूरा एस.एस ग्रूप पर टोटल कंट्रोल का ज़रिया.... उस फाइल मे पार्थ का पासा पड़ चुका था.... जिस पर अब नताली दाव खेलने के लिए तैयार थी.... एक दाव टोटल कंट्रोल का.....
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