RE: Gandi Kahani (इंसान या भूखे भेड़िए )
रात के वक़्त ... नताली हाउस....
जीत की ओर कदम बढ़ चुके थे, मनु अपने सारे दाव खेल चुका था.... जीत की एक मीटिंग जो नताली के घर चल रही थी...
मनु, स्नेहा, मानस, ड्रस्टी, नताली और पार्थ सब इस जीत पर खुशी मनाने पहुँच चुके थे... पीने वालों के लिए सॉफ्ट ड्रिंक और हार्ड ड्रिंक सब खुल चुके ... सभी हाथों मे ग्लास लिए टोस्ट करते चियर्स करने लगे.....
मनु.... आप सब के बिना ये जीत संभव नही थी.... मैं आप सब का हमेशा एहसानमंद रहूँगा....
नताली.... कम ऑन मनु.... तुम तो एमोशनल हो गये.... इतने एमोशन्स की ज़रूरत नही, अब ये बताओ आगे क्या करना है....
मनु.... जस्ट वेट आंड वाच फॉर रिघ्त टाइम..... फिलहाल तो 2 महीने लाइफ एंजाय करो... और भूल जाओ इन सारी बातों को....
पार्थ....... कैसे करूँ लाइफ एंजाय...... मेरी गर्लफ्रेंड को तो तुम सब हमेशा घेरे रहते हो. कभी अकेला ही नही छोड़ते...
मानस.... कौन गर्लफ्रेंड
पार्थ.... अर्रे नताली और कौन....
स्नेहा..... अच्छा जी तो नताली से पॅच-अप हो गया और हमे पता भी नही चला ....
मनु..... बात जो भी हो, अब पार्थ ने कह दिया है, हूँ सब उसकी गर्लफ्रेंड को घेरे रहते हैं तो मैं अभी जा रहा हूँ.... जाओ तुम दोनो मस्ती करो ....
नताली.... ये क्यों नही कहते कि तुम्हे भी स्नेहा के साथ मस्ती का मूड हो रहा है....
स्नेहा.... हहे, निशाना सीधा हम पर हे..... वैसे भी बुरा क्या है. आख़िर मेरे हब्बी मेरे साथ नही टाइम स्पेंड करेंगे तो और किस के साथ करेंगे....
"चलो स्नेहा... वरना दोनो ये ना कहने लगे हमारी वजह से लेट हो गये"... इतना कह कर मनु और स्नेहा दोनो चले गये... पार्थ और नताली भी उनके पीछे-पीछे निकले... जाते-जाते नताली ने धीमे से ड्रस्टी के कानो मे कहा..... "आज की रात तुम्हारी है, इसे एक खूबसूरत रात बनाना".....
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