RE: Gandi Kahani (इंसान या भूखे भेड़िए )
जिन्हे जीत की सौगात मिलनी थी, वो हार रहे थे.... और जिन्हे हराना था वो जीत रहे थे. बाकियों पर बिजली गिरनी शुरू हो चुकी थी... अब बारी घर की थी.
हर्षवर्धन और अमृता शिप डूबने की सारी चिंता, मनु और मानस के ज़िम्मे छोड़, काया के बर्तडे की तैयारियों मे लगे हुए थे....
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शाम के वक़्त....
मूलचंदानी हाउस मे सभी गेस्ट जमा हो गये थे. लूटे पिटे उनके पार्ट्नर्स भी पहुँच चुके थे, लेकिन सभी अपने लूटने-पिटने की खबर पर चुप्पी साधे हुए थे....
केक काटने के बाद ही, हर्षवर्धन ने एक ज़रूरी घोषणा उसी वक़्त कर दी, काया और अखिल की शादी की बात. काया का बर्तडे भी एक लंबा इंतज़ार था एस.एस ग्रूप के लिए, क्योंकि इसी दिन सम्शेर मूलचंदनी अपने बिज़्नेस असोसीयेट्स को ले कर एक ज़रूरी घोषणा करने वाले थे.
हर्षवर्धन के अनाउन्समेंट के बाद, शम्शेर ने भी स्टेज के माइक को संभाला.....
"आप सब को बड़ी ही बे-सबरी से आज के दिन का इंतज़ार था. मैं बहुत खुश हूँ, एस.एस ग्रूप की तरक्की और उसकी बागडोर मनु के हाथ मे देख कर. हां बीते दिन मे कुछ अप्रिय घटना हुई थी, हमारा एक कंटेनर शिप डूब गया था... पर इन सब से कोई घबराने की बात नही है, क्योंकि ऩफा या नुकसान तो बिज़्नेस मे लगा रहता है, बस ज़रूरत है कि बुरे वक़्त मे सम्भल कर उस बुरे वक़्त को अच्छा कैसे किया जाए".....
"मैं अपने पोते और एस.एस ग्रूप के मॅनेजिंग डाइरेक्टर को यहाँ बुलाना चाहूँगा, जो कंपनी की नये पॉलिसी को ले कर चर्चा करेंगे".
मनु स्टेज पर आ कर.....
"आप सब को मेरा नमस्कार... आज की ज़रूरी घोषणाओं मे सब से पहले ज़रूरी घोषणा ये है कि मेरे दादू की अब उमर हो चुकी है इसलिए अब उन्हे उनकी सारी ज़िम्मेदारियों से मुक्त किया जाता है"....
"कंपनी के बाकी पार्ट्नर्स ने अपनी कंपनी मनु मूलचंदानी यानी कि मेरे नाम कर दिया है, इसलिए अब उनके लिए किसी पॉलिसी की ज़रूरत है ही नही"
"मेरे पापा की बिज़्नेस यूनिट भी अब मेरे नाम हो गयी है, क्योंकि उनकी वजह से कंपनी ने मानस की शिप्पिंग कंपनी को बहुत बड़ा जुर्माना पे किया है.... और पॉलिसी के मताबिक, ओन रिस्क और बेनिफिट क्लॉज़ मे यदि कंपनी का कोई यूनिट बाहर किसी को सपोर्ट करता है, और उसकी वजह से नुकसान होता है तो वो आदमी डिसीजन के लायक नही".
"नुकसान का अमाउंट कन्सर्निंग कंपनी को देने के बाद, उस पार्ट्नर की कंपनी को मर्ज किया जाएगा .... और उस कंपनी की वॅल्यू लगा कर ... नुकसान के बाद का रेस्ट अमाउंट पार्ट्नर्स को पे कर दिया जाएगा... यदि नुकसान का अमाउंट कंपनी की वॅल्यू से ज़्यादा है तो रेस्ट अमाउंट उस से वसूल किया जाएगा, यही लॉ है".
"यहाँ तो पापा की शिप्पिंग कंपनी की वॅल्यू से 1000 करोड़ ज़्यादा का नुकसान हुआ है. खैर मेरे पापा हैं इसलिए वसूली मे केवल इनकी प्रॉपर्टी जाएगी... पापा पेपर रेडी है साइन कर देना... और बाकी का माफ़ किया जाता है."
मनु की घोषणा सुन कर तो सम्शेर और हर्षवर्धन के पाँव तले से ज़मीन ही खिसक गयी.
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