RE: Incest परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति
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अजीत. तू जानता है वो लड़की कौन है और कहां रहती है?
अमित- नहीं भाई, मेरे को नहीं मालूम वो कौन है और कहां रहती है?
अजीत- अबे बहन के लोड़े, चूतिये तो अपने चमचों से बोलता ना की उनका पीछा करके पता करें।
अमित- भाई अपुन बहुत इन्सल्ट फील कर रहा था तभी, इसलिए बिना कुछ कहे ही आ गया।
अजीत. तो अब कैसे पता चलेगा भोसड़ी के, कैसे ढूँढे उन्हें अब हम?
एम.एल.ए. जो इतनी देर से चुप होकर सब सुन रहा था और कुद भी रहा था, वा बालता है- "मादरचोदा चुप रहो दोनों, साला बस चूत मार लो तुम और वो तभी जब कोई रंडी तुम्हारे सामने चूत खोलकर बोले तभी। यहां इतनी देर से मेरा सिर खा रहे हो। क्या तू दोनों अपना दिमाग उसकी गाण्ड में छोड़कर आते हो क्या? जाकर उस माल का सी.सी.टी.वी. चैक करके पता करा, भोसड़ी के साले कोई काम के नहीं है। सब, साले मुझसे ही रोते हैं।
एम.एल.ए. की बात सुनकर दोनों माल चले जाते हैं और वहां जाकर पता करते हैं। पर उनको उनकी फोटो के अलावा कुछ पता नहीं चलता। पर कुछ देर में उनके पास एम.एल.ए. के कुछ गुन्डे आते हैं और वो बिल में करने के काउंटर से जाकर पता करते हैं, तभी उन्हें सब पता चलता है।
अब इन दोनों का दिमाग में बात नहीं आती की काउंटर से पता करें। इसीलिए एम.एल.ए. ने अपने आदमी भेजें थे। और आती भी कैसे अब तक दोनों के पास सिर्फ एम.एल.ए. की शक्ति की वजह से वो बड़ी मुश्किल से पास हुए हैं। वो नाम, पता सब लेकर एम.एल.ए. के पास जाते हैं। जहां वो इन्हीं का इंतजार कर रहा था। वो में सब उसके बेवकुफ बेटे की वजह से नहीं, बल्की अगर उसने ऐसा नहीं किया तो अंडरवल्र्ड में उसके नाम की मौं चुद जाएगी और 'र?' भी उसे सपोर्ट नहीं करेगा।
कुछ देर में वो सभी आ जाते है तो एम.एल.ए. को सब बताते हैं। एम.एल.ए. कुछ देर सोचता है फिर कहता है "इन दोनों के बारे फुल डिटेल निकालो। हम सीधे हाथ नहीं डाल सकते। क्योंकी ये एक बड़े बिजनेसमैन के घर से हैं। हमें बाद में परेशानी हो सकती है। इसलिए सब प्लान कर कर होगा, जाओ..."
वो सब चले जाते हैं रिया और नैना की दिनभर की डीटेल निकालने और इधर एम.एल.ए. आगे के प्लान के बारे में सोचता है।
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एक सीक्रेट रूम में एक आदमी किसी को काल करता है, जो कुछ देर में पिकप भी हो जाता है। जब वो हेलो बोलता है जिससे ऐसा लगता है की वो उस आदमी के काल से डर रहा है। काल करने वाले का आदमी। और दूसरे को आदमी2 लिखूंगा।
आदमी? डरते हुए- "हेलो.."
आदमी।- मैंने जो काम दिया था वो तुम कर रहे हो की नहीं?
आदमी2- जी कर रहा हूँ, पर आगे नहीं बढ़ रहा है कुछ।
आदमी।- "ता तू कुछ करता क्यों नहीं? इतने पैसे क्या फ्री में दे रहा है क्या? अगर काम नहीं हुआ तो समझ लेना को अंजाम तुम्हारे लिए ठीक नहीं होगा समझे?"
आदमी2- "जी... जी मैं करता हूँ कुछ.."
आदमी।- तुमसे कुछ नहीं होगा। एक काम करो जाओं और कुछ करो समझे?
आदमी2- "जी ऐसा ही करूँगा.. और काल कट जाती है
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इधर रात 11:00 बजे एम.एल.ए. के घर में वो सभी गुन्डे आते हैं, और फिर उसे सब बताते हैं। फिर एम.एल.ए.
अपना प्लान बताता है।
एम.एल.ए.- "बेटा अमित, उन्होंने तुम्हें सबके सामनें बजाया ना तो अब अपने दोस्त, अजीत और मेरे आदमियाँ के सामने उसकी चूत और गाण्ड बजाना और इन सबसे भी बजबाना। ठीक है ना अब?"
अजीत- पर डैड प्लान क्या है?
एम.एल.ए.- "वा दोनों राज अपने घर से कुछ दूर एक सुनसान रास्ते से कालेज जाती है। लेकिन सुबह कोई भी हो सकता है, पर दिन में कोई नहीं होता उस जगह, और वो दोनों अकेली भी होगी तो तुम लोग उन्हें किडनैप करके उधर ही एक सुनसान जगह पर ले जाना और खूब चोदना..."
अजीत और अमित- "वाह डैड... क्या प्लान हैं। तुम तो कमाल हो। अब आएगा मजा... और सभी हँसने लगते हैं गला फाड़-फाड़ के हाहाहाहा।
कुछ देर बाद एम.एल.ए.काला बोलता है- "ऐसे ही मैंने अपना थोबड़ा धूप में काला नहीं किया है समझे? काला नाम है मेरा काला, मैं हैं भी काला और सब धंधे भी काले और अपना तो औजार (लण्ड) भी है काला..."
सब एम.एल.ए. की बात पर फिर से गला फाइ-फाइ के हँसते हैं- "हाहाहाहा..."
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इधर मैं सोने के लिए बेड पर लेटा ही था की एक काल आता है तो मैं उठकर देखता है की कौन रात में भी अपनी मोम चुदाना चाहता है मेरे से, जो रात 10:00 बजे काल कर रहा है?
मैं फोन उठाकर देखता हूँ - "अरे ये तो मेरा कमीना दोस्त रबि है, इसे क्या काम है?" मैंने कहा- " बोल?"
रवि- तुझे एक बात बताऊँ?
मैं- अबे कमीनें तू क्या मेरी गर्लफ्रेंड है जो रात को भी तुझसे बात कर, बोल क्या काम है?
रवि. "साले एक तो मजे कराने के लिए काल करो और ऊपर से बातें भी सुनो पहले पूरी बात तो सुन, चट्टे जा रहा है."
मैं- "तो पहले काम की बात बोला कर ना... और मैं चूत बालियों पर चढ़ता है, गान्डुओं पर नहीं समझा, अब बोल भी दे साले..."
रवि. सुन एक मस्त जगह जा रहा है तू भी आ जा मजे लेना खूब।
मैं- अभी कैसे? सभी सो रहे हैं, और कहां जा रहा है तू?
रवि- "अबै चुपके से दरवाजा लाक करके आ जा, किसी को पता नहीं चलेगा। साले लड़कियां भी हैं, वो भी मस्त
छोटे-छोटे कपड़ों में, आ जा.."
मैं तो लड़कियों का नाम सुनकर हो ही बोल देता हूँ क्योंकी मुझे सिर्फ चूत ही दिख रही थी। में फटाफट तैयार होकर छिपकर बिना आवाज किए बाहर निकल जाता हूँ और घर के बाहर ही वो कमीना खड़ा हुआ मिलता है, यानी रवि।
मैं तो तुझे पता था की में आऊँगा?
रवि- "अबै तने कभी लड़कियों का नाम सुनकर ना किया है क्या, जो आज करता? और आज तो तुझे इतना मजा आएगा की क्या बताऊँ बस ये समझ ले की अगर बात बन गई तो सीधे चुदाई.."
मैं क्या सच में? अगर ये झठ हुआ तो तेरी मोम को बिना तेल लगए चोदुन्गा याद रखना।
रवि- चाँद लेना साले, पर मैं सही हुआ तो पक्का तेरी गाण्ड मारुगा समझा?
मैं- मैं तेरी तरह गान्डू नहीं बे, चल अब।
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