RE: Incest परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति
बो- "आहह... आहह... धीरे करो... मुझे दर्द हो रहा है..."
पर उसकी सुन कौन रहा था। फिर उसे उल्टी करके उसकी नंगी गाण्ड पर थप्पड़ मारने लगा, जिससे बा चिल्लाती और मुझे मजा आता और मैं और जोर से मारता।
बो- "आह्ह... कमीने माधरचोद हरामी साले... क्या मार-मारकर रंडी की जान्न ही ले लेगा.. आह्ह.."
फिर मैंने अपने कपड़े निकालते हमे उससे कहा- "मैं जब तक कपड़े निकाल रहा है, तू फैलाकर अपनी चूत दिखा,
पर एकदम रंडी की तरह समझी?"
वो वैसा ही करती है।
बी,डी, उसे ऐसे एक रंडी की तरह अपनी चत को दिखाने में मस्त हो जाता है, और उसे उल्टा करके उसे झुकाकर उसकी चुदी हुई चूत में अपना मोटा, लंबा लण्ड सेट करके एक धक्का मारता है। जिससे मेरा लण्ड उसकी चूत में 3" इंच तक चला जाता है। पर वो तो इससे ही चिल्ला उठती है। शायद उसने एमा लण्ड नहीं लिया होगा। मैं उसके चिल्लाने पे कोई ध्यान नहीं देते हए एक और धक्का मारता हैं और फिर एक और धक्के में पूरा लण्ड अंदर। बा तो दर्द से रोए और चिल्लाए जा रही थी और उसकी हालत भी ठीक नहीं थी।
वो- "मादरचोद, बहनचोद साले लौड़े, कमीने, हरामी सच में रंडी समझ लिया क्या, कुछ तो रहम कर मुझपे?" मैं कोई ध्यान ना देते हए चादे जा रहा था। फिर कुछ घुमाकर चोदने लगा। अब उसका भी दर्द और मजा दोनों आ रहा था।
ऐसे 10 मिनट के बाद वो झड़ गई तो उसने कहा- "अब कुछ देर रुक कर चोद लेना..."
पर में नहीं रुका और उसे घोड़ी बनाकर चोदने लगा। उसे भी फिर मस्ती चढ़ने लगी। कुछ देर बाद मैंने फिर आसन बदला और मैं नीचे लेटकर उसे अपने ऊपर लेकर अपना लण्ड उसकी चूत में डालकर उसे उछलने के लिए बोला, और वो ऐसा ही करने लगी। ऐसे ही चोदने से वो एक बार और पानी छोड़ दी।
फिर मैंने उसको बिना आराम कराए ही अपना लण्ड उसकी चूत से निकालकर उसे घुटनों के बल बिठाकर उसके मुँह में लण्ड डाल दिया और वो कुछ देर चुसवाने के बाद मैंने उसका मुँह चोदना शुरू कर दिया। फिर उसे उठाकर नीचे करजे उसकी चूत चोदने लगा और कुछ देर में ही वो फिर अपनी चूत गीली कर दी।
तीन घंटे में वो 3 बार झड़ चुकी थी और अब मैं सोफे पे बैठकर उसके दोनों पैर खोलकर उसे अपने लण्ड पर बिठाकर उसके दोनों चतड़ों को पकड़कर चूत चोदने लगा और ऐसे ही 15 मिनट बाद मेरा भी लण्ड अपना जहर उसकी चूत और पेंट पर छोड़ दिया। और फिर मैं एक घंटे के बाद ऐसे ही उसकी गाण्ड भी मारा जिससे चूत की तरह उसमें भी खून निकला और मेरा लण्ड चूत की तरह ही उसकी गाण्ड से निकलते हुए खन को पीने लगा। पर मैं तो चूत और गाण्ड में ही खोया हुआ था, इस बात पर तो ध्यान ही नहीं दिया।
अगले दिन सुबह मेरे उठने से पहले ही वो वापस चली गई की कहीं मैं उठकर फिर ना मारने लगूँ उसकी चत और गाण्ड। ऐसे ही मेरी रात गुजरी और मैं चैन से सो रहा था पर अगले दिन क्या होगा ये किसे पता था? फिर रोज की तरह सब तैयार होकर आ गये और अब रिया दीदी नार्मल थी कुछ।
में जब फ्रेश होकर मिरर के सामने आया तो आज मेरा दिल कल से ज्यादा ब्लैंक था। मैं इसके बारे में सोच ही रहा था की अचानक मेरे रूम में मेरे से कुछ दूर ही एक बहुत काला धुंआ होने लगा और उसमें से एक बड़ा सा शैतान निकला जिसके साथ एक काला पाक्सी भी था।
बड़ा शैतान- "अवी में तुम क्या बन रहे हो? अभी भी बक्त है रुक जाओ। माना की ये तुम्हारी पहचान है पर ये मत भूलो की तुममें एक इंसान के भी अंश हैं.."
मैं इर और आश्चर्य से- "कौन हैं आप? और मेरे गम में कैसे आ गये?" क्योंकी मैंने सोचा था की ये सब शक्ति सिर्फ मेरे ही पास है, पर ये तो और भी शक्तशाली हैं।
बड़ा शैतान- "मैं शैतान लोक का राज गुरु "गुरुकाल" हैं और तुम भी एक शैतान हो। इसलिए मैं तुम्हें संभालने
और समझाने आया हूँ। अभी तो तुम अपनी असलियत में भी अंजान हो.."
मैं- "मैंने ऐसा क्या किया जो आपको शैतान लोक से मुझे समझाने के लिए यह आना पड़ा? और क्या है मेरी असलियत जो अभी तक नहीं पता? बी.डी. की पहचान के बाद भी..."
गुरुकाल- "तुमने क्या किया ये तुम्हें नहीं पता? कल तुमने उन सभी का मार दिया और उन लड़कों को भी जान से मार दिया। उनको तो एक मौका देना चाहिये था ना? वो भी तुम्हारी उम्र के थे। फिर उनके बाप का भी तो असर था, पर तुमने उन्हें बेहरमी से मार दिया। और तुम्हें ये तुम्हारा असली नाम है इसके पीछे का मकसद, कारण और क्यों और कैसे किया गया, में सब तुम्हारे जन्म से संबंधित है। तू तो इस नाम और शक्ति को ही सब मान बैठे हो। पर ये सब अधूरा सच है। सच क...
मैं बीच में ही बोल पड़ा- "पर उन्होंने मेरी बहन का किडनैप किया और उसके साथ जबरदस्ती भी कर रहे थे, तो उन्हें सजा तो देनी ही थी.."
गुरुकाल- "तुमने भी ता अपनी मोम के साथ सोते वक्त और फिर सुबह सेक्स किया, वो क्या था? यही नहीं कल गत भी तुमने उस लड़की के साथ कितना बुरा किया। माना ये तुम्हारी उम और साथ ही ये ब्लैंक शक्ति मिलने से तुम अपने आप पर कंट्रोल नहीं कर पा रहे हो, पर ये भी सच है की तुम उन्हें अपने भाई होने के फर्ज की बजह से नहीं, बलकी उनके खून और दर्द को देखकर खुश थे, और इसमें भी हवस की ही भावना थी। क्योंकी पहले तुम अपनी सभी बहनों को भोगना चाहते थे। पर अभी तो तुम उनकी असली पहचान भी नहीं जानते हो। ये सब एक जाल है। अभी भी वक्त है, मेरे साथ चलो, मैं तुम्हें अपनी शक्ति पर कंट्रोल सिखा दंगा.."
मेरे अंदर से बी.डी.- "नहीं अबी, ये सब झठ बोल रहा है। अगर एक शैतान ये नहीं करेंगा तो कौन करेंगा? और फिर उसकी पहचान क्या होगी? और वैसे भी शैतान में रिश्तों का कोई मोल नहीं होता और ये तुम्हारी बहन के बारे में झूठ बोल रहा है। तुम तो सालों से देखते आ रहे हो उन सभी को फिर वो कोई और कैसे हो सकती है?"
गुरु काल- "जो तुम्हारी शक्ति बोल रही है, वो सच पर वो सिर्फ बरं शैतान करते हैं। मैं ये नहीं बोल सब शैतान नहीं करता, पर वो सिर्फ बहुत गलत करने वाले के साथ ही करते हैं और सभी शक्ति उनकी कंट्रोल में होती है। और रही रिश्ता की बात तो ये सब उनकी सोच और भावना पर डिपेंड करता है। जो अभी शैतान लोक का शैतान किंग है वो भी तो एक बहुत शक्तिशाली शैतान है। पर वो एक अच्छा शैतान है और ये जरूरी नहीं की किसी के पास ब्लैक शक्ति हो तो वो गलत ही करे?"
में ता बी.डी. की बातों में ही था की ये सब क्या झाल है? और गुरुकाल उसकी बातें सुनकर बोलते हैं जिससे मैं चकित होता हैं। क्योंकी बो बी. डी. की बात भी सुन पा रहे थे।
बी.डी. फिर मन में. "ये हमरी बातें इसलिए सुन पा रहा है क्योंकी अभी अपनी पूरी शक्ति आक्टिव नहीं हुई है, ये तुम्हें अपनी बातों में फंसा रहा है, और इसे पता है की तुम्हारी शक्ति बहुत ज्यादा है और वो भी की सैकड़ों शैतान के एक साथ होने पर भी तुम उनसे ज्यादा शक्तिशाली होगे, और हम हर जगह राज कर सकते हैं."
मैं क्या ये सच है की मेरी शक्ति बहुत ज्यादा है।
गुरुकाल- हाँ ये सच है।
.
|