RE: Incest परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति
मेरे बोलने से वो समझ गई की कौन है? पर मेरे मोटे लण्ड के एहसास से और वो बहुत सालों से चुदासी भी थी तो इससे उनकी सांसें भारी हो रही थी, और उनका मजा भी आ रहा था और आए भी क्यों ना? इतने सालों बाद एक मोटे लण्ड के मिलने से ये सब तो होना ही था।
मैं में देखकर की आँटी गर्म हो रही हैं, तो में भी थोड़ा पीछे होकर अपने लण्ड को जिप खोलकर बाहर निकालर उसे आँटी की गाण्ड के बीच भिड़ा देता हैं। अब तो उनकी भी हालत खराब हो गई थी, और वो समझ भी गई थी की मैं उन्हें चोदने के लिए में सब कर रहा हैं। अब तो वो भी पीछे नहीं हट सकती थी। क्योंकी इतना मोटा और लंबा लण्ड तो उनकी चूत के लिए कब से बेताब था, वो डर भी रही थी की की देख ना लें।
रवि की मौं- यहां कोई भी देख सकता है।
मैं- तो आँटी आपके घर के पीछे चलते हैं, वहां कोई नहीं आएगा।
उन्हें भी मेरी बात सही लगती है, तो दोनों ही छिपकर घर के पीछे एक चोदने की मस्त जगह पर आ जाते हैं। उधर रवि तो वैसे ही छिपकर सब देख रहा था, और मन ही मन गालियां भी दे रहा था। पर वो ये सब देखकर गर्म हो गया था तो उसने ये सब रोका नहीं।
मैं पीछे पहुँचते ही आँटी को जंगली किस करने लगा था और कुछ देर में ही एक हाथ से उनकी चूचियां और दूसरे से गाण्ड मसलने लगता हैं। मेरे इस अचानक हमले से पहले चकित पर फिर सोचती है की मेरे जिश्म ने इस पागल कर दिया है, और सोचकर परी मस्ती में वो भी साथ देने लगती है। हम दोनों 5 मिनट तक ये सब करने के बाद अलग होते हैं, और सांसें संभालते हैं।
पर मैं मस्ती कम होने से पहले ये सोचकर की इसका दिमाग चलने लगेगा, उसके कपड़े उतार देता हैं साथ ही
। वैसे मेरा लण्ड तो बाहर ही था। मैं पीछे से उसकी चूचियां जोर-जोर से मसल रहा होता हैं, और वो दर्द भरी आहे ले रही था साली, जिससे मुझे मजा आता है। फिर में उसके सामने आकर उसकी चूचियों को मुह में लकर जोर-जोर से चूसने लगता हैं।
आँटी- आहह... कमीने ओहह... उम्म्म्म ... दर्द हो रहा है... धीरे... उम्मम अहह... ऐसे ही मजा आ रहा है आईई धीरे से साले.." आँटी तो पागल हो गई थी। पर उन्हें क्या पता था की मैं कैसे फाइंगा उनकी चूत और गाण्ड?
आज तो मेरे मजे थे। फिर उनको नीचे बिठाकर उनके मुँह में अपना लण्ड डालकर चुसबाने लगता हूँ, और उनका मैंह चोदने। अब उनको भी पता चल गया था की क्या हो रहा है। पर अब मजे के बारे में ही सोचना था। फिर उनको वहीं लिटाकर उनकी चूचियों के बीच में डालकर चोदने लगता है। साला ये भी एक अलग ही मजा था,
अब सिर्फ रेल बनानी बाकी थी बस।
फिर मैं देर ना करते हमें उन्हें खड़ा करके मेरी तरफ गाण्ड उठाकर नीचे झुका दिया और पीछे से मेरे लण्ड को पकड़कर उनकी चूत पे सेट करके एक मस्त धक्का दिया की लण्ड चूत में फट से आधा घुस गया और उनकी चीख निकलने से पहले ही एक और दमदार धक्का और लण्ड चूत को चीरते हए परा अंदर, और लण्ड में खन पीना शुरू कर दिया। मेरे इस दोहरे धक्के से उनकी तो आवाज ही नहीं निकल रही थी, शायद गले में हो रह गईं
मैं इन सबको ना देखते हुए मजे में चादे जा रहा था। करीब एक मिनट बाद उनकी रोने की आवाज आ रही थी, और वो मुझे गलिया देते हुये चोदने से मना कर रही थी। पर मैं कहां रुकने वाला था धकाधक बजाता रहा था।
आँटी- "आह्ह... साले मादरचोद... कुत्ता रूक्क जा.. मेरी चूत पूरी फट चुकी है... अब तो कुछ देर रुक जा कामीने.."
दस मिनट बाद उन्हें भी मजा आने लगा तो उसकी टांग उठाकर चोदने लगा। कुछ देर बाद खड़ा करके एक पैर उठाकर बजाने लगा। 20 मिनट बाद में नीचे बैठकर उनको ऊपर आने को बोला। जब वो हवा में बैठी हई चूत पर लण्ड सेट कर रही तो मैं फट से लण्ड चूत की जगह गाण्ड पर सेट करके उनके कुछ समझने से पहले उन्हें जोर से लण्ड पर बैठा लिया तो उनकी एक जोर की चीख निकलती, उससे पहले ही में उनका मुँह बंद करके अपना काम शुरू कर दिया चोदने का। और आज तो साला मेरा लण्ड लण्ड खून से खूब खेल रहा था। पर मुझे इससे ही मजा आ रहा था। मुझे उस गुरु काल की बातों में कुछ फर्क नहीं पड़ रहा था। फिर घोड़ी बनाकर पैलने लगा। साला क्या नशा था की उतरने की इच्छा ही नहीं करती थी।
मैं 20 मिनट ऐसे चोदने के बाद उसे फट से नीचे लिटाकर लंबे-लंबे धक्का मारने लगा, जिसका मतलब साफ था की अब मैं अपना पानी छोड़ने के करीब आने वाला हैं। और कुछ देर में मैं भी एक आह्ह... के साथ खूब पानी छोड़ा था। पर आज मेरे लण्ड का पानी कुछ काला भी था, पर मुझे क्या? मुझे तो बस पानी निकालना था। और मैं बिना उनकी तरफ ध्यान दिए निकल जाता हैं। और आँटी बड़ी मुश्किल से कपड़े पहनकर उधर ही बेहोश हो जाती हैं शायद ये सब मेरी खूनी शक्ति की वजह से पहले बेहोश नहीं हो पाई थी।
अब तक रवि जो करीब एक घंटे से अपनी मोम की हालत देख रहा था, और उसकी गर्मी तो बहुत पहले ही उत्तर गई थी। पर वो रोकता कैसे? यही उसे समझ नहीं आ रहा था। इसलिए ये सब देखकर आँसू वहाँ रहा था, पर गुस्से में धीरे-धीरे बोल रहा था।
रवि- "साला में ही पागल था जो अब तक मैंने सिर्फ तेरे बाप के कहने पर पैसों के लिए तुझे हवस में डुबा रहा था, और तुमने मेरी मोम को अपना शिकार बना डाला। पर मैं तुझं अब सब बता दूंगा और ऐसे ही तेरे बाप और तुझसे अपना बदला लगा.."
इधर एम.एल.ए. हाउस में।
एम.एल.ए. काला बहुत टेन्शन में था। क्योंकी उसका बेटा उस लड़की के जिम से खेलकर उस दिन रात को आ जाना चाहिये था लेकिन नहीं आया, तो उसने सोचा वो अपने दोस्तों के साथ उस लड़की के मजे ले रहा होगा। पर अगले दिन रात तक नहीं आया, तो उसे और उसके दोस्तों और अपने आदमियों को भी काल किया। पर काई रेस्पान्स नहीं मिल रहा था। अब उसको भी लग गया था की कुछ तो गलत हुआ है, पर क्या? ये नहीं पता। और पता करें भी तो कैसे? उसे समझ ही नहीं आ रहा था।
उसने अपने घर के सेक्योरिटी गाईस जिनमें उसके गुन्डे भी थे, उन्हें बुलाया और अपने बड़े बेटे को भी उसने
सब बताया।
एम.एल.ए. काला- "तुम सब जाओ और पता का मेरे बेटे का। अभी तक कुछ पता नहीं चल रहा है, बो सब जरूर उसी एरिया में हैं, किसी भी हाल में खाली हाथ मत आना कमीजों, वरना सबकी मौ चोद दूँगा, मुझे बस मेरा बेटा चाहिये किसी भी कीमत पर, समझे तुम लोग?"
फिर अपने बड़े बेटे के पास जाकर उससे भी कहता है- "अजीत, कुछ तो हुआ है वरना अमित कब का आ चुका होता। तू भी जानता है की रात को उसकी कितनी फटती है। माना सभी हैं उसके पास, पर कोई भी काल नहीं ले रहा है। हम पोलिस को भी नहीं बोल सकते, क्योंकी वो एक लड़की का रेप करने गये थे। अगर वहा पहुँच गये
तो सब समझ जाएंगे..."
अजीत- लेकिन डैड, पोलिस में यहां सभी अपने ही तो आदमी हैं, फिर क्या परेशानी है?
एम.एल.ए.- "साले मादर चाद, पोलिस बालों पर कभी भरोसा नहीं करना, सब कमीने होते हैं। कब ईमान जाग जाए या कब लालची साले अपने पर ही मत दें, कह नहीं सकते। इसलिए किसी पर भी भरोसा करके ये काम नहीं किया जा सकता..."
अजीत- ओंके डैड, मैं भाई को जरर लकर आऊँगा।
एम.एल.ए.- "सुनो उस लड़की को खतम करके बही दफन कर देना, अब जाओ..."
अब एम.एल.ए. को क्या पता था की ये उसके बेटे को तो लेकर आएंगे पर किस हाल में? ये किसी को नहीं पता, मुझे भी नहीं दोस्तों।
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