RE: Incest परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति
में ये देखकर पैंट के ऊपर से ही लण्ड मसल रहा था फिर कुछ सोचकर अंदर चल दिया और अंदर आकर मैं मोम के पीछे से चिपक गया, पर साथ ही अपने मोटे लण्ड को पैंट के ऊपर से जो उभार था उसे भी माम की शार्ट और पतली नाइटी में छिपे मदमस्त चूतड़ो के बीच में सटा दिया, आहह... क्या मोटे-मोटे और मस्त चूतड़ हैं मोम के, मजा आ रहा है।
मोम- क्या बात है आज बड़ा चिपक रहा है मुझसे?
झुमरी एक बार हमारी और देखती है और फिर काम में लग जाती है। पर वा चोर नजरों से मेरी हर हरकत देख रही थी। अब उसे मेरे बारे में पता जो चल गया था, तो इतना शक करना तो बनता है यार।
मैं- वो क्या है ना, आज बहुत सेक्सी लग रही हो।
मोम- अच्छा, वैसे आज ऐसा क्या हो गया की मैं तुझे सेक्सी लगने लगी?
मैं- आज आप इस सेक्सी नाइटी में एकदम हाट लग रही हैं।
मोम- क्या बात है मेरे सोना को अपनी मोम इतनी हाट लगती है? ये सच है या फिर मक्खन लगा रहे हो?"
मैं- मैं बिल्कुल सच बोल रहा हैं, और मेरे सभी दोस्त भी बोलते हैं की आप जैसी सेक्सी तो उनमें से किसी की माम नहीं लगती हैं।
मोम- औह तो ये बात है, पर तुझे क्या लगता है?
मैं- मैं तो कह रहा है की आप एक बाम्ब हो।
मोम- चुपकर .. कुछ भी बोलता है। देख नहीं सकता की झुमरी भी है यहां।
मैं तो इसमें क्या है जो है वो है... पर एक बात तो है आँटी भी एक मस्त माल लगती हैं।
ये बालकर मैं एक हाथ झुमरी के चूतड़ों पर रख देता है, जो कब से इन दोनों की बात सुनकर मजे ले रही थी
और पता नहीं क्या-क्या मन में बड़बड़ाए जा रही थी। जब उसे रति की मौजूदगी में बी.डी. के द्वारा हाथ रखने से चकित थी फिर मोम की बात पर और चकित।
मोम- हाँ ये बात तो है, पता है तेरे डैड को भी झुमरी पसंद है।
झुमरी मन में- "साला ये तो इसके बाप से भी बड़ा कमीना है। साला खुद की मोम को भी लपेटने में लगा है
और ये साली भी कुछ काम नहीं हैं। कैसे अपने बेटे के मोटे लण्ड पर गाण्ड लगाए है मजे से, और कुछ कह भी नहीं रही है। ऊपर से सेक्सी बातें करके उसे और उकसा रही है। पता नहीं ये कब क्या कर दे? कहीं यही पटक कर ना चोद दे दोनों को?"
मैं- "क्या .इ भी... पर अब बढ़े हो चुके हैं, उनमें अब दम कहा" बोलकर मैंने अपना दूसरा हाथ मोम की नाइटी के ठीक नीचे उनकी नंगी मोटी मांसल जांघों पर रखकर फैरने लगा। पर मोम ने कुछ नहीं कहा।
मोम- हाँ बो तो है। लेकिन तू तो ऐसे बोल रहा है जैसे तुझ में बड़ा लण्ड... ओह सारी दम है।
में तो माम के ऐसे लण्ड बोलने से और मस्त हो गया और लण्ड भी जो पूरा टाइट होकर गाण्ड में घुस रहा था अब तो उधर ही हरकतें करने लगा।
अभी और कोई कुछ बोलता उससे पहले ही बाहर से आती हुए रिया दीदी बोली- "मोम क्या कर रही हो?"
हम सभी रिया की आवाज से अलग हो जाते हैं, और मोम खुद को समाल कर बोलती हैं।
मोम- कुछ नहीं, क्यों कुछ काम था क्या?
रिया- नहीं माम, बस टीवी देखना था साथ बैठकर, इसलिए पूछा।
मोम- अब कुछ देर में डिनर का वक्त होने वाला है, तो मैं उसकी तैयारी कर रही हैं। त देख और इसे भी ले जा, ये तुझे कंपनी देगा।
रिया- "ही ये ठीक है, चल... फिर मैं और पिया दोनों साथ में आकर टीवी देखने लगे। ऐसे ही टाइम निकल गया। फिर सबने डिनर किया और फिर साथ में टीवी देखने लगे। तभी हमने न्यूज चला दिया जिसे देखकर सभी को झटका लगा, पर सबसे बड़ा मुझं और रिया को।
न्यूज- "आज **** रोड़ के पास सूनसान जगह पर एक खंडहर में 5 जवान बच्चों और 10 गुन्डों और एक स्कूल टीचर की मौत हो गई। ये कोई मामूली मईर नहीं है। किसी ने बहुत ही बेरहमी से मारा है, बड़ी अजीब और चौकाने वाली घटना है ये। अभी हमारे सूत्रों से पता चला है की वो टीचर इन सभी का हैड था। किसी को कुछ समझ में नहीं आ रहा है की ये सब यहां क्यों आए? किस लिए आए? या फिर लाया गया है। इन सभी लड़कों को इन गुन्डों ने मारा है तो फिर इनको किसने मारा? या फिर इस सभी को किसी और ने मारा है? पर किसने ये एक बहुत बड़ा मुद्दा है? ये कोई मामूली बात नहीं है. क्योंकी ये सभी लड़के बड़े घरों से ताल्लुक रखते हैं। पूरे राज्य को हिला देने वाली ये घटना पता नहीं क्या रंग लाएगी?"
रिया के मन में- "ओह नहीं... अब तो हम भी फैंस जाएंगे और में तो उनको मारा भी है तो इसका क्या होगा? नहीं नहीं ऐसे कैसे पता चल जाएगा? हमको किसी देखा थोड़े ही था, पर पता चल गया तो?"
इस न्यूज को सभी गौर से देख रहे थे। पर रिया और मेरे दिमाग में कुछ अलग चल रहा था। पर मैंने पल भर में ही उनके चेहरे के रंग बदलते देखें, जो बहुत अजीब था। और तो और बाकी सभी बहनों के चेहरे पर भी अजीब से भाव थे।
मेरे मन में- "ऐसी जगह पर किसी को इतनी जल्दी कैसे पता चल सकता है? यानी इस सबके पीछे कोई और भी है और इसका तो सीधा शक एम.एल.ए. पर जाता है क्योंकी उसके पिल्ले का भी तो गेम बजा है और वहीं सबको आईर दे रहा था.."
न्यूज- "एक और बेकिंग न्यूज। आज एम.एल.ए. के छोटे बेटे अमित की एक रोड आक्सिडेंट में मौत, आज पर मुंबई में दुख और डर के बदल छाए हुए हैं."
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