RE: Incest परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति
कड़ी_30
रंजीत- "हौं, ऐसा कौन ये नई गॅग आ गई, या फिर ये मेरे जैसे शक्ति वाले का काम है?" रंजीत ने अपना शक जाहिर करते हुए शकभरी नजर से रजत को अपनी बात बताई।
जिसे सुनकर रजत को एक झटका लगा- "तेरा मतलब क्या है इस बात से की ये काम किसी एक आदमी का भी हो सकता है? पर इतने लोगों को मारना एक आदमी के लिए, वो ऐसे गुन्डों को, वो भी दो बार अंजाम देना नामुमकिन है और त में बात किस बिना पर बोल रहा है?"
रंजीत- अबे देख, मैं भी तो ये सब कर सकता हैं और फिर मेरा अपनी शक्ति से उसे न दूँद पाना में सब इस बात के लिए शक की नजर में आती है। और ये तो तूने भी देखा था की उस जगह उन लोगों के अलावा सिर्फ एक पुरुश और स्त्री के ही जतों के निशान हैं, ना की किसी गैंग के। अब त ही बता में नहीं हो सकता क्या?
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रजत- ओहह... फक, मैंने तो ये सोचा ही नहीं। हमने अपनी शक्ति से ये बात बदल दी की उस जगह इन दो के ही फूट प्रिंट मिले हैं पोलिस को, और यदि एक बो किलर है तो वो लड़की या औरत है। जो भी है वो कौन है और दोनों जगह ही मिले थे।
मंजीत- पर अभी भी तू एक बात भूल रहा है। दोनों जगह पुरुष के पैर के निशान एक ही हैं पर स्त्री के नहीं। इसका मतलब वहां कोई और भी था, और इस बात का पता अब हमें एम.एल.ए काला से लग सकता है, तो आज उसे भी अपने बापों को देखने की खुशी देते हैं। लगा काल साले को और बुला यहां।
रजत को गंजीत की बात सही लगती है तो वो एम.एल.ए. काला को फोन करता है और उसे लाउडस्पीकर पर टेबल पर रख देता है।
एम.एल.ए.- हेलो बास।
रजत- काला कैसे हो?
एम.एल.ए.- कुछ भी ठीक नहीं है आपको तो सब पता ही है।
रंजीत- इसलिए तो तुम्हें काल किया है आज तुम 'र2' यानी हमसे मिलने वाले हो।
एम.एल.ए.-सच बास।
रजत- हाँ तुम अकेले। इस पते पर आ जाओ।
एम.एल.ए.- "ओके बास..." और काल कट।
रजत- वैसे तू घर में सभी लड़कियों की चूत के मजे लेता होगा। पर साले मुझे नहीं दिलाया अभी तक कमीने सालें।
पंजीत- अबे हामी, कहां चोदा उन रंडियों को। बल्की अभी तक किसी को चोदना तो दर हाथ तक नहीं लगाया। साली सब एक नम्बर माल बनकर घूमती हैं, पर अभी तक मेरे नीचे नहीं आई। पता नहीं साला वो लोल उधर में क्या करता है कुछ समझ में नहीं आता।
रजत- अबे तो कुछ कर ना... उसे क्या घंटा पता चलेगा? और वैसे जो-जो काम उसने बोलें थे, वो सब तो तने कर दिया। अब जिसलिए तने हाथ मिलाया उस काम को अंजाम दे।
रंजीत- अबे कैसे करण? पता नहीं कैसे, पर उसे बिला में हो रही हर चीज की खबर है और तू उसे नहीं जानता यार वो बहुत कमौना हैं। और ये सब मेरी शक्ति उसी ने दी है। अब सोच वो कितना शक्तिशाली होगा। इसलिए में उसके खिलाफ नहीं जा सकता।
रजत- पर हमें उन सभी के मजे लेने के लिए कुछ तो करना ही होगा, वरना लण्ड हिलाते रहो जिंदगी भर।
पंजीत- बात तो सही है तेरी। पर कुछ समझ में ही नहीं आता है क्या करं, कैसे करंग अब तू ही कुछ बता?
अभी रजत कुछ बोलता उसे पहले ही एक आदमी आता है और बोलता है- "सर एक आदमी आया है जो अपने आपको एम.एल.ए. काला बताता है, और कह रहा है की आपने बुलाया है."
रजत- हाँ उसे हमनें ही बुलाया है। उसे चैक करके अंदर ले आओ।
गुन्डा- औके सर।
फिर कुछ देर में एम.एल.ए. काला उस आदमी के साथ अंदर आता है, और उससे कहता है- "यही है परे महाराष्ट्र के डान 12' यानी रजत और रंजीत.."
काला उस आदमी की बात सुनकर वो टेबल पर दो आदमी को पीते हुए देखता है। उसकी तो वैसे इतने लोग और ऐसी सक्योरिटी देखकर फटी पड़ी थी, और हमें गौर से देखने के बाद वो बुरी तरह उछल पड़ता है।
काला- वो दो लोग हैं वो भी ये दोनों आश फक।
रजत- आओं काला, क्या हुआ सदमा लगा क्या हमें देखकर?
रंजीत- अरे वो तो लगना ही था। एक बिजनेसमैन तो दसरा डाक्टर जो ठहरा।
एम.एल.ए.- एस बास।
एम.एल.ए. को बैठने का इशारा करते हैं। वो उनकी सामने वाली कुसी पर बैठ जाता है। फिर उसे एक पेग शराब देते हैं। पीते हुए आगे की बातें करने लगते हैं।
रंजीत- तो अब बता काला कैसे हम सब कुछ? और याद रहे कुछ छुपाना नहीं, वरना अंजाम ठीक नहीं होगा। इतना तो तुम जान ही गये होंगे।
काला- एम बास।
रजत- तो फिर शुरू में शुरू कर।
एम.एल.ए. काला फिर सब बताते चलता है जो- जो हुआ, और जब रिया का नाम आता है तभी रंजीत उसे देखने लगता है, पर उसे रोकता नहीं और काला को भी पता होता है, जिससे उसे डर लगने लगता है। पर जब कोई कुछ नहीं कहता तो वो आगे बोलता चला जाता है और सब कुछ बता देता है। पर इससे रिया के अलावा कुछ पता नहीं चल पा रहा था।
पंजीत- "तो तुम्हें भी नहीं पता की तरे दोनों बेटों को किसने मारा? और त जानता है तू अंजाने में किससे पंगा ले रहा था. रंजीत की बात सुनकर काला की हवा टाइट हो जाती है।
पर काला फिर कुछ सोच कर बोलता है- "वो बास मुझे पता नहीं था प्लीज... मुझे माफ कर दो और फिर मैंने कुछ नहीं किया था.."
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