RE: Incest परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति
कड़ी_31
मैं डिनर टेबल पर नाश्ते का इंतजार कर रहा था की घर की बाकी माल भी आ गई। सबने गड मानिंग विश किया। में सोचने लगा की साली ये भी क्या माल हैं, और मस्त होती जा रही हैं सबको रगडूंगा फाड़ के रख दंगा। इतने में माम और झुमरी नाश्ता ले आती हैं, और सब नाश्ता करके निकल जाते हैं। हाली, मिशा, नैना
और रिया।
मैं तो स्कूल की तरफ चल देता हैं। वहां पहुँच कर देखता हूँ की आज भी अभी तक रवि नहीं आया था। पर कुछ देर में ही रवि और रेणु भी आ गये और क्लास में हम तीनों साथ ही बैठते हैं।
लेकिन साली मेडम आज नहीं आई थी, और मुझे भी पता था की ऐसे उसकी फाड़ने के बाद वो आज नहीं आएगी। आज क्या वो तो दो-तीन दिन नहीं आएगी। लेकिन तब तक इस लण्ड का क्या करी? कुछ समझ में नहीं आ रहा है।
ऐसे ही लंच हो जाता है और रवि मुझे कुछ कहने के लिए साइड में बुलाता है, तो मैं उसके पास जाता हैं। पर बो कुछ बोलता उससे पहले ही उसकी मोम का काल आ जाता है, जो उसे अभी किसी काम के लिए बोल रही थी। जिससे वो मुझं बाद में बात करने का बोलकर निकल जाता है। फिर मैं सोचता हूँ की अब क्या करं? कुछ समझ में नहीं आ रहा था तो ऐसे ही स्कूल ग्राउंड में घूमने लगा। कोई 10 मिनट बाद घूमते हुए मुझे रेण एक दीवार पर किताब के साथ दिखी, उसमें घुसी हुई दिखी।
लेकिन सबसे बड़ी बात थी की वहां सिर्फ कुछ ही बच्चे थे, जिनमें से भी तीन-चार लड़के थे बाकी लड़कियां थीं। पर वो लड़के बार-बार रेणु के सामने ही कभी घूमतें तो कभी खड़े होकर बातें करते। पर जो बात अजीब लगी, वो ये की उनका ध्यान हमेशा एक दूसरे पर न होकर रेणु की तरफ होता। वैसे तो रेणु एक मस्त माल थी पर आज ही उसके लिए ऐसा करना कुछ अजीब था। पर फिर कुछ देर में ही मेरी समझ में बात आ गई। तब तक तो मैं भी उसके पास पहुँच चुका था।
बो ऐसे की जब मैं उनको देख रहा था तो सभी बार-बार नीचे बैठकर रेण की दोनों टौंगों की बीच देखतं, और पैंट के ऊपर से अपनी लल्ली रगड़ते। साला मैंने थोड़ा सामने जाकर देखा तो सब समझ गया। साली कमीनी जानबूझ कर इस सभी को अपनी चूत दिखाकर इसके मजे लेकर खुद मजे कर रही है। साली में अपनी सफेद पैंटी भी साइड कर रखी है, ताकी सब खुलकर देख सके। अब राज? और अपनी मोम की सेक्स फिल्म लाइव वो खूब देख चुकी थी।
अब उसकी चूत लण्ड लिए बिना नहीं मानने वाली थी, ऊपर से बी.डी. के लण्ड का इतना बड़ा उभार उसे और मस्त कर देता था। और राज? और अपनी मोम का सेक्स देखकर उसकी ये काम इच्छा होती की वो उसके बेटे से अपनी चूत चुदाए। लेकिन बी. डी. उसे ज्यादा गर्म करने के चक्कर में भाव नहीं देता था। अब तो वो इतनी गर्म हो चुकी थी की कोई भी उसे चोदने के लिए बोले तो, वो मना नहीं करेंगी।
मैं जब उसकी दोनों टाँगों के बीच सफेद पैटी साइड किए हुए उसकी मस्त चूत देखता हूँ तो मुझे भी लग रहा था की अब तो इसे चोद ही देना चाहिए। साली की सील पैक चूत है। मैंने तो अभी तक नहीं मारी, लगता है अब जल्द ही मार लँगा। में उसके पास जाकर उससे बात करने के लग जाता है।
मैं- हाय, रेणु क्या कर रही हो?
रेणु मेरी आवाज सुनकर पहले चकित होती है क्योंकी में कभी उसे ज्यादा भाव नहीं देता था, और आज खुद आया हैं पर जल्दी ही उसे इतनी देर से कर रही मजे के बारे में याद आता है तो उसे सब समझ में आ जाता है। वो सोचती की की कमीना चूत देखते ही आ गया। पहले बना देता की चूत की वजह से आ जाएगा, तो अब तक तो पता नहीं कितनी बार मार चुका होता।
रेणु थोड़ी नाटक करते हुए- "हाय, दिख नहीं रहा पट रही हूँ.."
में बात सुनकर सब समझ जाता है की अब इसके चूत नाटक होंगे, एक बार मारने दे साली। ऐसा फाइंगा की 3 दिन तक बिस्तर में उठ नहीं पाएगी। साली दंख कैसे तेरी सेक्सी मोम भी तेरी चूत देखकर मुझसे अपनी गाण्ड मरवाने आ जाएगी।
मैं- "अरे यार क्यों गुस्सा कर रही हो? मैंने तो बस ऐसे ही बाल दिया था। मैं तो तुझे हेला ही बालने आया था। अब तुझे परेशानी है तो कोई बात नहीं, में चला.."
वो मेरी सुनकर पहले मजे लेकर खुश हो रही थी। अब फिर ऐसा लण्ड जाने की सोचकर फट से बोलने लगी "अरे सारी... सारी वो में ऐसे ही मजाक कर रही थी। तुम तो सीरियस हो गये।
मैं उसे जाल में फंसाते हुए. "ओके, मैं कह रहा था की पहले तुम मुझे छोटी बच्ची लगती थी तो मैंने सोचा तुम्हें कुछ नहीं पता है। मैंने तुम्हें गर्लफ्रेंड बनाने से भी मना कर दिया था। पर मुझे लगता है की तुम सबके लिए तैयार हो, इसलिए मैं तुम्हें एक आफर दे रहा है की तुम मेरी एक रात के लिये गर्लफ्रेंड बनो। यदि दोनों को मजा आया तो आगे जारी रखेंगे, वरना पूरा स्टाप, तो अब तुम्हारा क्या कहना है?"
रेण मन में- "अबे त एक बार मजे तो ले साले... ऐसा मेरी चूत का चस्का देंगी की मेरे आगे-पीछे घूमेंगा चूत के लिए और वैसे मुझे कौन सा इससे शादी करनी है। इसके लण्ड और पैसों से मजे ही तो करने हैं, जिससे मेरी जिशम की प्यास भी बुझ जाए और बाकी मजे भी कर सकू... फिर मोम भी तो कह रही थी की मैं इसे पटाऊँ
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