RE: Incest परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति
कड़ी_33 मैं मोम के रूम से बाहर निकलकर सीधा अपने रूम की तरफ बढ़ गया, क्योंकी में वाली चदाई में मैंने अपनी बहुत एनर्जी लगा दी थी, और निकल भी गई थी। आज पहली बार मैं सिर्फ एक बार सेक्स करने से थक गया था और वो भी इतना की अब मुझे नींद आ रही थी, तो मैं अपने रूम में जाकर सो गया। इधर मोम के रूम में मेरे जाने के वक्त मोम अपनी थोड़ी सी खुली आँखों से मुझे देख रही थी उन्होंने सोचा की मैं उनकी हेल्प करंगगा। पर ऐसा तो कुछ भी नहीं हुआ बल्की में तो ऐसे चोदकर निकल गया। उनको समझ में नहीं आ रहा था की मैं ऐसा कैसे कर सकता है? वो ये सब बातें ही सोच रही थी क्योंकी उठ तो सकती नहीं थी, उनकी गाण्ड जो सूज गई थी।
अब मोम वाले रूम से ये सब देखने वाला और कोई नहीं बल्की वो आत्मा थी जो ये सब देख रही थी। उसका अपनी वो सब करनी भी याद आ रही थी, वो ये सब रोकने की कोशिश तो कर रहा था पर रोक नहीं पा रहा था। सब हो जाने के बाद वो वहीं बैठा हुआ अपने फ्लैशबैंक में चला जाता है।
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फ्लॅशबैक
शुरु ये सब शुरू हुआ था उसके उस छोटे से गाँव से जिसका नक्शे में भी कोई स्थान नहीं है, जिसका नाम है बिलासपुर। ये एक बहुत छोटा और पुराना गाँव है, जहां अब भी जमीदारों का राज चलता है। यहां सभी पुरानी सोच में जीते हैं, जिसका यहां का जमींदार पूरा फायदा उठाता है।
यहां की औरतों का पहनावा घाघरा और चोली है और मदों का धोती और कुर्ता है। यहां बिलासपुर के एक तरफ एक बहुत घना और खतरनाक जंगल है, जो इतना खौफनक है की आज तक लोग दिन के उजाले में भी कभी अंदर नहीं गये। लोगों का कहना है की यहां एक बहुत बड़ा तांत्रिक है, जिसके कब्जे में पिशाच, चुडैल और डायन हैं। रात में तो कई आवाजें और हैवानियत यहां होती रहती है। आज तक जो भी वहां गया वो वापस नहीं आया, पर एक था जो लौटकर आया। इसलिए लोग रात में तो क्या दिन में भी इधर आने से डरते हैं।
इतना कुछ होने के बाद भी सबसे ज्यादा हैरत की बात ये थी की यहां एक भी मंदिर नहीं है ना पहले था। क्योंकी ये लोग उस तांत्रिक और यहां के जमींदार को ही सब कुछ मानते हैं और इनकी यही सोच इनके दुखों का कारण बनी है, और वो दोनों ही इसका खुब फायदा उठाते हैं।
यहां की औरतें तो अब बस जमादार और उसके बेटों के जिस्म की भख को मिटाने के लिए रह गई है क्योंकी सब जानते हैं की इसके संबंध उस तान्त्रिक से भी हैं, तो डर होना ही है।
बिलासपुर एक 17 परिवारों का मिला-जुला एक छोटा सा गाँव है, जमींदार के परिवार को मिलाकर। जहां सभी मजदूर हैं, वो भी यहां के जमीदार की जमीन और उसकी छोटी सी हवेली पर काम करते हैं, जो यहां के बाकी लोगों के लिए बहुत बड़ी है। सभी के ऊपर जमींदार में लिए भारी कर्जे का बोझ है, जिसे लोग कभी चुका नहीं पाए हैं। यहां सिर्फ और सिर्फ जमींदार का ही कानून चलता है और बो इनपर बहुत जुल्म करता है और अपनी हवस पूरी करता है। जिससे पूरा गाँव दुखी है। लेकिन इनकी सोच को बढ़ाने से उन्होंने खुद ही रोका हुआ है।
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01. मनोज नायर- बिलासपुर का एक थोड़ा अमीर। वहां के लोगों के मुकाबले ज्यादा था ही था उनके लिए जिसके चलते यहां का जमींदार है, उम 40 साल, हाईट 5'5" इंच, लण्ड वहीं 5 इंच लम्बा और 1/" इंच मोटा।
ये बस मजदूरों से काम करवाता है और उनकी औरतों को चोदा करता है।
02. मुनि नायर- ये मनोज की बीवी है पर ये एक गुलाम से ज्यादा कुछ नहीं हैं। गाव वालों के लिए जरूर बड़ी है, पर बाकी कोई न इनसे इरता है और न इनकी बात मानता है। उसका कमीना पति इससे जो भी कहता है इस वो करना ही पड़ता है, उम्र 35 साल, इनकी शादी जल्दी कर दी गई थी क्योंकी ये गरीब परिवार से थी और
आगे से बड़े घर का रिस्ता आया था, ये सबसे डरी हुई रहती है।
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