RE: Incest परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति
कड़ी_40 लोल की तरफ
जब उसने रति की यादें मिटाकर उसकी और उसकी बेटियों की सेक्स की इच्छा को बढ़ा दिया था, जिश्म की गर्मी में आग लगा दिया। तभी लोलू हँसता है हाहाहाहा।
मारला- क्या हुआ? तांत्रिक लोलू बाबा, क्यों हँस रहे हो?
तांत्रिक लोलू- "मेरा इस दुनियां पर हुकूमत करने का सपना अब सच होने वाला है, उसकी शुरुआत हो चुकी है हाहाहाहा..." फिर कुछ सोचक- "पर उसपे कंट्रोल कैसे होगा? मेरी ये समझ में नहीं आ रहा है.."
मार लो- आप उस शैतान की बात कर रहे हैं?
तान्त्रिक लोलू- "हाँ, उसी की बात कर रहा हैं। वो मेरे शैतानी दिमाग का एक ऐसा हथियार है, जिसकी मदद से मैं इस दुनियां को अपनी मुट्ठी में कर लूँगा हाहाहा..."
मारलो. "पर मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है तांत्रिक लोलू बाबा की ये सब आपने कैसे किया, और किस लिए? और किस तरह? और ये सब कैसे शुरू हुआ? आपने इतने बड़े तांत्रिक बनने का काम किस वजह से किया? सब मेरे लिए एक जाल सा बन गया है। आप तो इतने बड़े बाबा हैं जो दनियां को अपने बस में करने वाले हैं। प्लीज... आप मुझे अपने बारे में बताइये.."
तांत्रिक लालू मारलो की ऐसी बातों से खुश हो जाता है और अपनी तारीफ सुनकर सीधा चने के झाड़ पर चढ़ जाता है। उसके सपने का सहारा लेकर मारला में उसकी कहानी जानने के लिए तीर फेंका था। वो जाकर बिल्कुल निशाने पर लगा था और वो अब अपने बारे उसे बताने जा रहा था।
तांत्रिक लालू- ठीक है मारलो। मैं तुझे आज यहां तक पहुँचने के सारे सीकेंट बताता हैं।
फिर वो कुछ मंत्र पढ़ता है। जिसमें उन दोनों की बातें कोई नहीं सुन सकें, किसी भी तरह। पर हमारे पाठक सुन
पा रहे हैं उनकी सभी बातें, क्योंकी ये सभी सूपर हरमन हैं।
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आगे की कहानी लोलू की जुबानी मैं शुरू से ही बड़ा कमीना रहा हैं। मैंने अपने घर में कभी ध्यान नहीं दिया। हमेशा गलत रास्ता चुना और गलत
, साथ ही मुझे भी जिम से खेलने की चाह थी। लेकिन मेरी सबसे बड़ी इच्छा थी पूरी दुनियां को अपना गुलाम बनाना, और उस हकूमत करना। फिर मजे से जीना, जो चाहे करना। सब मेरे गुलाम बनें, मैं जब चाहूं जिसक साथ चाई उसके साथ कुछ भी कर सकू। सब मेरे लिए कीड़े-मकोडे की तरह हों। अगर कोई सिर उठाने की कोशिश करें, तो उसको मैं ऐसे ही अपने पैर के नीचे कुचल दूं। यहां सब मेरी मज़ी से हो। कितना मजा आएगा, कुछ ऐसा करंग जिसमें कोई मुझे मार ना पाए, मैं हमेशा हमेशा के लिए अमर हो जाऊँ। हर घंटे दुनियां की किसी भी लड़की या औरत को जब चाह जैसे चाहं अपने नीचे लिटा सञ्। सब मेरे लण्ड के नीचे हों। इस दुनिया का भगवान मैं बनूं। ये सब मेरे लिए एक मकसद बन गया था।
इसी को पूरा करने के लिए 19 साल की उम्र में गुन्डा बन गया। सब काम करता जैसे चोरी, मारपीट, नशा, रेप
और अब मईर भी करने लगा था। जिसमें मेरे घरवाले मुझे ये कहकर निकाल दिए को पता नहीं कौन सा पाप करने से तुझ जैसा हैवान का पुजारी हमारे घर पैदा हुआ, और उन्होंने सोचा मैं सब छोड़कर माफी मांगते हुए रात को घर आ जाऊँगा। लेकिन में तो सच में वही बन गया था, जो मेरे घरवालों ने कहा। इसलिए रात में आकर सभी को मारकर दूसरे शहर भागकर आ गया।
इस सब में एक साल रहने के बाद एक बड़ा गुन्डा बन गया था अपने जिले का। लेकिन फिर मैंने सोचा की मुझे बो बनने के लिए ये रास्ता जल्दी वहां तक नहीं लेकर जाएगा, और इस दुनियां में तो मेरे जैसे और मुझसे बड़े भी कई डान हैं। पता नहीं कब कौन मार दे? इसलिए कुछ और सोचना पड़ेगा और जो मैं चाहता है वो सब मुझे इससे पूरी तरह नहीं मिल सकता है।
ऐमें ही सोचते हए वो बात याद आई हैवान का पुजारी' मैंने फिल्मों में भी देख था कैसे ऐसे लोग शक्तिशाली हो जाते हैं। लेकिन कुछ बेवकूफी भी कर देते हैं, जिससे वो मरते है हीरो के हाथा लेकिन इससे मुझे मेरा नया रास्ता मिल गया, और वो था शैतान की पूजा करके खुद एक शैतान बनना। जिससे दुनियां मेरी मुट्ठी में होगी।
और में वो सब गलती नहीं करगा, बल्की ऐसा करंगा जो किसी ने भी नहीं सोचा होगा और ना देखा होगा हाहाहा।
अब रास्ता तो मिल गया। लेकिन शुरुआत कहां से करंग? कुछ समझ में नहीं आ रहा था। फिर एक दिन मैंने एक तांत्रिक के बारे में सुना, जो बहुत जादू-टोने जानता था और शैतान का पुजारी भी था। बस बन गया मेरा काम और उसका नाम था तांत्रिक बिछ तो मैं चल देता हूँ उसके पास।
तांत्रिक बिच्छू तांत्रिक तो था, लेकिन वो लालू जितना बड़ा नहीं था, यानी लोल के अभी जितना बड़ा नहीं था। लोलू अपनी शुरुआत तो इसके जैसे के साथ करने का सोचकर उसे पता चल गया की वो जल्द को पूरा कर सकता है। लेकिन उसका मकसद भी तो बड़ा था, तो लालू ने आगे जाकर इससे भी बढ़कर बड़ा और शक्तिशाली बनना था। जिसके लिए हमेशा बिच्छ के पास बहता और उससे सब कुछ जानने की कोशिश करता। बिच्छ बहुत कुछ जानता था, पर उसने कभी उन सबको काम में लाने या पाने की कोशिश नहीं की। क्योंकी इसमें जान जाने का खतरा 99% होता है।
लाल- गुरुजी तांत्रिक क्रिया में कितनी शक्ति लगती है और क्या कुछ किया जा सकता है?
तांत्रिक बिच्छू- "लोल, तांत्रिक क्रिया से बहुत कुछ पाया जा सकता है। इसकी शस्कति केवल मंत्रों तक ही नहीं होती, और भी बहुत कुछ होता है। पर वो सब पाना इतना आसान नहीं। क्योंकी उसमें जान जाने का खतरा बहुत ज्यादा होता है। यही नहीं बक्त भी बहुत लगता है। जिसक कारण शरीर की आयु पूरी हो जाती है..."
लालू- जब जान जाने का इतना खतरा होता है तब उसे कैसे पाया जाता है?
तांत्रिक बिच्- "जिसमें जान जाने का खतरा होता है, वो काई सामान्य सीड़ी नहीं होती समझा? ऐसी मुश्किल सीढ़ी को पाने के लिए खतरा तो उठना ही पड़ता है। तभी ऐसी सीदी मिलती है जिससे तांत्रिक बहुत कुछ कर सकता है....
लालू- फिर उनकी उम पूरा होने का भी तो खतरा होता है उसका का क्या?
तांत्रिक बिच्छ- "उसके लिए ऐसी कई सीढ़ी है, जिसे पाने के बाद मरने पर भी जिंदा रहा जा सकता है किसी दसरे के शरीर में। शरीर किसी और का और आत्मा किसी और की..."
लालू बहुत खुश होते हुए. "क्या सच में गुरुजी ऐसा भी होता है जिससे जिदा रह सकते हैं?
तांत्रिक बिच्छू- "हौं... ये तो केवल एक ही उपाए बताया है। ऐसी तो और भी काई सीदी बनी हुई है, जिससे अपनी उम बढ़ा सकते है, और योगी तो योग से ही अपनी उम्र बढ़ा लेते हैं। उनमें भी कई ऐसे योग होते हैं जिसमें शरीर को कई तरह से मजबूत और हर तरह से शक्तिशाली हो जाता है, जिसका अंदाजा लगाना मुश्किल है।
लालू मुँह बनाते हुए- "ये योग-वोग तो दूर ही रखिए मुझसे। ये मेरे काम की चीज नहीं है.."
लालू की बात और उसके मुँह बनाने पर तांत्रिक बिच्छू का हँसी आ जाती है हाहाहाहा।
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