RE: Incest परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति
में आओ मेरे पास बेड पे बैठ, क्या हुआ?
चंदा- वो मेरे इंग्लिश टीचर स्कूल में नहीं हैं तो क्या तुम मुझे इंग्लिश पटा दोगे क्या?
मैं मन में- "अरे... ये तो खुद चुदने आई है। यही सही मौका है, साली को गरम कर के चार देता हैं, इसकी लेने में मजा भी बड़ा आएगा.."
मैं- यह क्यों नहीं आ जा।
फिर वो मेरे पास ही बेड पर बैठ जाती है। मैं उसकी बक लेकर उसे थोड़ा पढ़ाने लगता हैं। क्योंकी मेरी नजर तो उसके जिम में ही थी। वो भी कुछ ध्यान नहीं दे रही थी। उसकी चूचियां मेरी साइड पे छ रही थीं।
मैं उसे थोड़ा पढ़ाने के बाद उसे बुक देकर पटने को बोला, तो वो बुक लकर पटने लगी। मैंने उसकी जांघ पे हाथ रख दिया तो उसने कुछ नहीं बोला। फिर मैं उसकी जांघ में पूरा हाथ घुमाने लगा तो कुछ देर में उसे पढ़ने में परेशानी होने लगी। क्योंकी मेरे हाथ अब उसकी जांघ के आखीर तक जा रहे थे, तो उसकी सामें तेज हो गई थी।
मैंने मन में सोचा- "साला ये तो परे हाट माल है, इसकी लेने में अब और मजा आएगा। वैसे में सोच-सोचकर थक गया था। इसलिए अब मस्ती करने के लिए लण्ड पागल हुए जा रहा था..."
मैं- चंदा यार, तू पूरी जवान हो गई है।
चंदा- हाँ मुझे पता है।
मैं उसकी बात सुनकर उसकी चूत के ऊपर हाथ लाकर घुमाने लगा। अब तो उसकी सांसें और तेज हो गईं। मैं भी समझ गया अब अगर इसे चोदू तो में मना नहीं करेगी, तो मैं उसे किस करने लगा। वो भी साथ देने लगी। इतना फास्ट तो मैं भी नहीं था, जितनी ये हो रही थी। मैं उसकी चूचियां भी दबाने लगा। किस और जंगली हाता गया, जैसे होंठों का खून चूस रहे हों। फिर कुछ 6 मिनट के बाद अलग हए सांस लेने के लिए। मैं तो कुछ देर में ही उसके शार्ट टाप में से उसकी चुचियाँ निकालकर उन्हें जोर-जोर से मसल-मसल के चूसने लगा। चंदा तो जोर-जोर से आहे लेकर चूसबा रही थी, उसे दर्द के साथ मजा भी आ रहा था।
चंदा- "आई आह्ह.. आह्ह ... आराम से चूसो... मैं कहीं भागी नहीं जा रही... आहह आईईई.."
मैं ऐसे ही उसके और अपने कपड़े भी निकल दिया, वो तो खुद इसमें मेरी हेल्प की। साली की गर्मी जो इतनी बघ गई थी की अभी उसे अपने जिम पे कपड़े काटतें लग रहे थे।
अब वो ब्रा और पैंटी में थी और मैं अडरवेर में। मैंने आज वहां से आकर इसे पहना था। मुझे नहीं पता था इतना जल्दी उतारने की आ जाएगी, वरना पहनता ही नहीं। फिर हम एक दूसरे को हवस भरी नजारों से देखें। तभी उसकी नजर मेरे लण्ड में गई, जो पूरा हाई होकर अंडरवेर को भी उठाकर तंबू बनाए हए था और ऐसे में फनी लग रहा था, जिसे देखकर चंदा हँसने लगी और मेरी गाण्ड सुलग गई।
मैं क्या है, क्यों हँस रही है?
चंदा- देख तेरे तंबू को मैंने पहली बार ऐसा देख है, इसलिए हँसी आ रही है।
मैं मन में सोचा- "साली हँस ले जितना हँसना है। जब मैं मेरी चूत और गाण्ड फाइंगा तब देखना कैसे चिल्लाएगी। मुझपे हँसती है बहन की लौड़ी साली कुतिया.."
मैं- "चल अब जल्दी आ, कहीं तेरी मोम ना आ जाएं चुदनें। ...मैंने तो सच बोलते हुए गाली दी। शायद उसे नहीं पता हो, पर वो मादर चाद तो जासूस की बेटी साली, जैसे सब जासूसी करके पता कर चुकी थी। वो सब समझ गई मेरी बात का मतलब क्या था?
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फिर चंदा मेरे पास आई की मैं उसे खींच उसकी चूचियां चूसने और काटने लगा, और अपना हाथ नीचे लेजाकर उसकी चूत पेंटी से रगड़ने लगा। फिर उसकी पैटी साइड करके उसकी पेंटी को मसलने के बाद उसमें उंगली डालकर उससे चोदने लगा।
चंदा- "आ: उईई आह्ह... आह... सीईईई.. सीईई... उईई... उम्म्म... आह्ह.." करने लगी।
फिर मैंने उसकी ब्रा और पैटी निकाल दिया। वहीं बैठकर उसकी टांगें चौड़ी करके उसकी चूत चाटने लगा। साली इससे तो पागल ही हो गई, जैसे इसी का इंतजार कर रही हो।
चंदा- "आह मोम... हाँ और जोर से आह्ह... सस्सीईई... मजा आ रहा है उम्म आह्ह.. चाटा और पूरा चाटो."
में कुछ देर उसकी चूत चाटा फिर उसमें उंगली डालकर चाटने लगा। फिर मैं खड़ा हो गया और अपनी अंडरवेर उतार दिया और उसे लण्ड चूसने के लिए बोला। वो पहले मेरे लण्ड को देखकर चकित हो गई। पर अभी उसमें हवस चढ़ी हुई थी। साली ऐसे चूसने लगी जैसे उसे दुबारा मिलेगा ही नहीं। पर वो सही भी थी, मैंने किसी को भी एक या दो बार ही चोदा था, फिर उसकी तरफ देखा भी नहीं था।
मैं- “आहह... साल्ली क्या मस्त चूसती है त.. अभी तक जिसने भी चूसा है, तु पहली नम्बर पे है आहह... ऐसे ही परा लेकर चूस साली पंडी आह... सीईई.."
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