RE: Incest परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति
सुबह हो जाती है। मैं और चंदा वैसे ही पड़े थे। तभी जैसे हर दिन की तरह झुमरी पहले उठती है, पर उसे अपने पास चंदा नहीं दिखती तो उसे याद आता है की वो मेरे पास आई श्री पढ़ने के लिए, और उसे मेरी अभी बाली बात की किसी को भी चोदे बिना न छोड़ना याद आई, तो वो तुरंत उठकर मेरे रूम में आती है। अब रूम लाक तो घर में कोई भी नहीं करता था। उसे में बेड पर नंगा खड़े लण्ड के साथ दिखा, पर वो तो चंदा को देखने आई थी, जो उसे नहीं दिख रही थी।
फिर वो एक बात पर गौर करती है की जब से वो आई है, तभी से गाम में उसे बदबू आ रही थी। तभी अचानक उसकी नजर बैंड के दूसरी तरफ जाती हैं, जहां उसे सिर्फ चंदा का हाथ नजर आता है, तो वो उधर जाती हैं और क्या देखती है की चंदा एकदम नंगी है और उसकी चूत और गाण्ड फूली हुई है, जिसमें खून सूखा हुआ भी था।
झुमरी चंदा सकी टांगें खोलकर सोने की वजह से साफ दिख रहा था, और जो बदबू आ रही थी वो चंदा के नीचे से थी, यानी उसने रात में वहीं मूत दिया था। उसे ये देखकर मेरे पे बहुत गुस्सा आ रहा था। पर पहले अपनी बेटी को संभालना था, तो वो उसे किसी तरह उठाकर बाथरूम ले गई और गर्म पानी से साफ की।
चंदा को तो पानी लगते ही नींद खुल गई, और अपनी मोम को ये सब करते देखकर उसे शमं भी आ रही थी। फिर उसे याद आया की वो भी तो ये सब करती है, तो उसे कोई फिकर नहीं हुई। सब साफ करने के बाद झुमरी उसमें गुस्से में पूछती है- "ये सब क्या है?"
चंदा भी बाफकर होकर बोल देती है- "तुम भी तो करती हो.... जिससे झुमरी चुप हो जाती है और दोनों मेरे रूम से निकल जाती हैं।
ऐसे फिर माम आकर मुझे उठाती हैं और कुछ देर मेरे लण्ड से चुदकर चली जाती हैं। मैं तैयार होकर नीचे आता हैं, तो सभी नाश्ता कर रहे होते हैं। मेरी बहनें हमेशा एक नम्बर माल बनी रहती है, और आज भी वैसी ही इंस में थी, और बाकी सब भी। उन्हें देखकर मेरे लण्ड खड़ा हो जाता है। पर अभी कुछ कर नहीं सकता था, तो मैं जाकर नाश्ता करता हूँ।
फिर अपने प्लान के बारे में सोचता है- "अगर मैं उस र2 को मार दू तो उसकी जगह मेरी होगी, और सब शक्ति मेरे पास होगी। मैं जिसे चाहे मार सकता हैं, कितने ही पैसे होंगे। जिसे चाहे खरीद सकता है और ऐसे ही सभी स्टेट के डान को मारकर मैं उनकी जगह आ जाऊँगा, और इससे तो मैं जल्दी ही पूरे देश का डान हो जाऊँगा हाहाहाहा."
पर उससे पहले मुझे इस साले एम.एल.ए. को मारना होगा, तभी तो वो खुद मुझे ढूंढते हए आएगा। क्योंकी ये उसका बड़ा प्यादा है। फिर में उसे मार दूंगा और सबसे बड़ी बात की अगर ऐसा नहीं भी हुआ तो मुझे कैसे पता चलेगा की र2 है कौन है? मैंने तो उसे देखा भी नहीं है। पर इस एम.एल. ए. काला में तो देखा होगा। इसी से पता कर लँगा। पर साले काले को टूट कहां? पता नहीं कहां छिपा बैठा है? पर देखना तो पड़ेगा ही..."
में सोचकर मैं बाहर निकल जाता हैं बाइक लेकर एम.एल.ए. का ट्रॅदने, बो भी पोलिस से पहले। ऐसे ही दो दिन निकल जाते हैं। फिर एक दिन एम.एल.ए. के आदमियों की गाड़ी शहर से बाहर एक फार्महाउस की तरफ जाती दिख जाती है, तो में भी उसके पीछे छपता हुआ जाता हैं। ये एक बड़ा फार्महाउस था, जहां गुन्डे की तरह दिखने वाले बहुत सारे लोग हाथों में गन लिए उसके चारों तरफ सेक्योरिटी कर रहे थे। तभी मैं समझ गया की एम.एल.ए. भी यहीं छुपा हुआ होगा हाहाहाहा।
मैं अपनी स्पीड से एक गुन्डे को जो एक कोने में था, उसको मार देता हैं और उसकी गन लेकर एक पेड़ के पीछे छिपकर सभी को गोलियों से भूनने लगता हैं। मेरी फायरिंग में अंदर और उधर के लोग आक्टिव हो गये, और बो भी गोलियां चलाने लगा मैंने आगे के सभी को तो कब का ही मार दिया था गन से। लेकिन बाकी और से आए और ऊपर के लोग थे, जिसमें फाइरिंग चल रही थी। फिर मैं बाहर के सभी गन्डों को मारकर तेजी से फार्महाउस की दीवार से जा लगा। अब ऊपर के लोगों को में नहीं दिख रहा था।
फिर मैंने फार्महाउस के मुख्य दरवाजे के लाक को गोली से तोड़ दिया, और इसी के साथ गन की सभी गोलियां भी खत्म हो गई। अभी मैं यहां खड़ा था की मना कुछ लोग आ रहे हैं, तो मैं तेजीड में फार्महाउस के पीछे आ गया। वो लोग मुझे इधर-उधर देख रहे थे। वो क्या है की मैं तेजी से उन्हें नहीं मार सकता था, क्योंकी अभी ये बहुत कम थे। लेकिन आम इंसान के लिए बहुत ज्यादा थी। जैसे बाइक 100 की स्पीड में चलती है पर गोलियों की स्पीड तो ज्यादा होती है ना? तो फिर मैं उनके सामने स्पीड से मारने वाली बेवकूफी कैसे कर सकता था?
लेकिन मेरे लाक तोड़ने में दरवाजा ही टूट गया था और बाकी बचे सभी गुन्डे तो बाहर आकर मुझे देख रहे थे। इधर-उधर पर दरवाजा से ज्यादा दूर नहीं और कुछ लोग तो वहीं थे बस यही सही मौका था, तो मैंने इतने गुन्डों को मारा था, उनमें से दो गन ली और अपनी पूरी स्पीड के साथ एक तरफ से निकलते हए गोलिया चलाने लगा। वो इससे संभल भी नहीं पाए थे की मैं पता नहीं कितने गुन्डों को मारकर अंदर आ गया और एक जगह छिप गया। यहां से मुख्य दरवाजे की तरह साफ देख सकता था, और गोली चला सकता था।
उन लोगों को जब तक समझ में आया तब तक तो में उनके आधे से ज्यादा गुन्डों को ऊपर पहुँचा कर अंदर से उनके आने का इंतजार कर रहा था। वो लोग अब चौकन्ने होकर अंदर आ रहे थे। पर उन्हें नहीं पता था की सब मुझे साफ दिख रहा है। उनके आते ही मैंने फिर गोलियां चला दी। एक पहली बार चला रहा था ना लेकिन टाइट पकड़कर सामने चलाना था और बैंसें इतने लोग थे तो किसी न किसी को तो लगनी ही थी। पर जब मैं बाहर मार रहा था तभी वो इतने लोग नहीं थे।
लेकिन पहली बार था इसलिए 8-10 लोगों को मारने में ही मेंरी परी गन खाली हो गई थी। जब दूसरी बार बो सब मेरे सामने थे, पर मेरे सिर्फ कुछ लोग और उसमें भी उनका ध्यान मेरी तरफ नहीं था, और मैं स्पीड में भी तो था। वो कुछ समझते उससे पहले मैं अंदर आ गया था। और दूसरी बार दोनों हाथों में गन लेकर चला था
और उससे भी मैंने इतने लोगों को मारा, जिसमें मेरा हौसला और जनन तो बदना ही था। फिर जैसे ही वो लोग बचे थे, जब लगभग सभी आ गये तो मैंने गोली चलाना फिर शुरू कर दिया। जिसकी वजह से फिर मारे गये पर इस बार सभी। तब मैं अपनी कमीनी जीत की स्माइल लिए अंदर चल दिया।
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