RE: Incest परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति
पलैशबैक
- कल रात का फिर मैं डिनर कर के रूम में आकर सबके साने का इंतजार करने लगा। जब सब सो गये तो रिया दीदी के रूम में चला गया। साला अब मुझसे और रुका नहीं जा पा तो दरवाजा खोलकर अंदर घुस गया और जैसे ही घूमा तो अंदर का नजारा देखकर लण्ड खड़ा होकर गोलियां चलाने लगा। अब इसमें इसकी क्या गलती थी? वो क्या है की रिया रात के लिए जो पहनी हुई थी, वो ऐसी थी की जब वो नीचे झुक कर कुछ उठा रही थी, तभी मुझे उसकी गोरी कुंवारी चूत साफ दिख रही थी। क्योंकी रकम में पूरे लाइट जली हुई थी, जिससे दिन की तरह साफ नजर आ रहा था। और ये ड्रेस तो ऐसी थी की सीधी खड़ी भी होती तभी भी थोड़ा सा भी इधर-उधर होने पर उसकी चूत के फूले हुए मोटे होंठ साफ-साफ दिख ही जाएं।
रिया जो भी कर रही थी उसे करके वो बालकनी में आकर गई खड़ी हो गई। यहां हवा के चलने से उसकी ड्रेस उड़ रही थी, जिसमें उसकी चूत का मस्त नजारा साफ दिख रहा था। मैं जाकर उसके पीछे खड़ा होकर अपना लण्ड उसकी गाण्ड में अपने शार्ट के साथ ही घुसाने की कोशिश करने लगा। वैसे भी वो तो नंगी ही थी। वो भी समझ गई की मैं ही हैं और क्यों आया हैं? वैसे भी उसी में मुझे उसकी चूत मारने का इन्विटेशन दिया था। जिससे मजे लेते वो अपनी गाण्ड पीछे मेरी तरफ करके झक के खड़ी हो गई, तो मैं भी उसकी चूत को पीछे से रगड़ने लगा। वो मजे से आहे लेने लगी। फिर मैं उसे घुमाकर उस किस करने लगा। वो भी मुझे किस करने लगी। पर ये दोनों किस हमारी या ये कहाँ मेरी अब तक की सबसे अलग थी। इसमें तो जैसे मेरा बहसीपन साफ दिख रहा था, जिसे बो भी एंजाय कर रही थी।
पर इससे हमें अजीब लग रहा था जैसे कुछ और ही रूप है हमारा। पर अभी तो हमें इससे कुछ लेना देना ही नहीं था। कुछ देर के बाद मैं उसे उठाकर बेड की तरफ चल दिया। अब मुझसे बिल्कुल भी रुका नहीं जा रहा था। ऐसा नशा किसी के साथ नहीं था। हाँ ये जप था की रति के साथ ऐसा जर लगा, पर इतना वहसीपन कभी नहीं आया था। उसे लेकर बेड पे साथ ही गिर गया और उसकी गर्दन पकड़कर उसके मुँह को जीभ निकालकर चाटने लगा। जैसे आप समझ ही गये होंगे की उसे भी बड़ा मजा आ रहा था इससे, और वो भी बड़ी अजीब लग रही थी मुझे।
कुछ देर के बाद मैंने उसके कपड़े जार से खींचकर निकाल दिए। जिससे वो फट भी गये थे। पर इसमें दोनों को कुछ फर्क नहीं पड़ा। क्योंकी दोनों पे तो हवस के बहसीपन के नशे में चूर थे। फिर मैं उसकी चूचियां मसलने लगा जोर-जोर से। उसकी चूचियां ऐसी श्री जैसे सालों से किसी न इसे ख्वा भी ना हो। फिर नीचे आकर उसकी चूत देखी, तो क्या मस्त चूत थी उसकी। मैं तो उसे देखकर पागलों की तरह चूसने और काटने लगा। जिससे रिया तो चंडी को तरह जोर-जोर से चिल्लाए जा रही थी मजे में। कोई और होता तो दर्द से ऐसा करती। और कुछ देर बाद ही वो मुझं नीचे लिटाकर खुद अपनी चूत मेरे मुँह पर रखकर मजे से चूत चटवाने लगी।
रिया- "उहह ... आअहह ... मजा आ रहा है... साले कुत्ते कितना मस्त चूस रहा है... आअहह... मजा आ रहा है...'
कुछ देर चूत चटाई के बाद में उठकर अपनी शार्ट उतार कर अपना लण्ड उसकी तरफ किया, तो वो जल्दी से मेरे बोलने से पहले ही लण्ड पकड़कर उसे चूसने लगी, जैसे एक्सपर्ट बो रंडी को भी फेल कर रही थी लण्ड चूसने में। मैं तो बता ही नहीं सकता की क्या मजा आ रहा था। वो कभी गोटियों को तो कभी लण्ड के टो को तो कभी आधे लण्ड को मुँह में लेकर चूस रही थी।
मैं- "आह्ह ... साली क्या चूस रही है आह्ह... ऐसा नशा, ऐसा मज्जा... आह्ह.."
ऐमें ही लण्ड चूसने के बाद मैंने उसे उठाकर घोड़ी बना दिया। क्योंकी अब में ऐसे ही उसकी चूत फाड़ने वाला था। पर इन सब में मुझे में नहीं पता था की मेरा चेहरा कभी बदलकर कुछ और ही दिखा देता था, जिसका मुझे कुछ एहसास ही नहीं था। लेकिन जब मैं रिया की चूत फाड़ने के लिए जैसे ही उसके पास आया, तो उसने मेरी तरफ देखा, जिससे मेरा चेहरा देखकर वो डर गईं। पर वो कुछ करती उससे पहले ही मैंने उसकी चूत में लण्ड पकड़कर तेज-तेज शक्तिशाली धक्के मार दिए। जिससे उसकी चीख गले में ही रुक गई, और मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत की धज्जियां उड़ाता हुआ पूरा अंदर चला गया।
फिर मैं बिना रुके दनादन चादने लगा। मुझे परे मजा आ रहा था। लेकिन अभी तक की सभी लड़कियों और औरतों से तेज निकलकर उन्हें मुझे गमली देने में टाइम लगा था मेरे चोदने के बाद। पर ये साली तो... पूरा लण्ड जाने के बाद मैंने बस एक दो धक्के ही मारे थे की इसकी पूरी आवाज निकलने लगी, पर साली लण्ड निकालने को नहीं बोल रही थी।
रिया- "साले मादरचोद... तेरी मोम की चूत कुत्ते... आराम से नहीं फाड़ सकता था आहह... मेरी बरसों की कुँवारी चूत को तने कितनी बुरी तरह फाड़ा है..."
ऐसे चोदने के बाद में उसे लिटाकर चोदने लगा। रिया तो पर मजे से चुद रही थी। फिर उसकी टाँग उठाकर चोदना शुरू किया। लेकिन मैंने या उसने एक बात पर गौर नहीं किया की हम दोनों अभी चुदाई और हवस के नशे में थे। जिससे किसी को भी ये नहीं दिखा की रिया की चूत फटने से जो खुन निकाला था, उसे मेरे लण्ड के पीते ही मेरा चेहरा अब बदल रहा था, जिसे देखकर रिया डर गईं।
मेरा बा चेहरा ज्यादा इरावना रहा था, या ये कहाँ को मेरा पहले वाला चेहरा सिर्फ कम ही आ रहा था।
रिया- "आहह... चाद और जोर से चोद... साले मजा आ रहा है मस्त लण्ड है तेरा माधरचोद.."
ऐसे ही कितनी देर चोदने में रिया दो बार पानी छोड़ चुकी थी। फिर जब मुझे लगा की अब पोजीशन चेंज करनी चाहिए तो में नीचे लेट गया और वो मेरी तरफ मह करके लण्ड पे करने लगी। ये साली अब तक की सबसे तेज लड़की थी। मुझे मजा आ रहा था।
फिर जब रिया उठकर मेरी तरफ पीठ करके फिर से लण्ड पे कूदने लगी, तब मैं तो चूत के मजे लेते हुए आराम से लेटा हुआ था। फिर जब मैंने नीचे से धक्का मारते हुए आँख खोलकर देखा तो मुझे रिया की पीठ पर एक भतनी जैसे बर्थमाकं या पक्का टैटू जो बनवाते हैं, वैसा दिखा। ये मेरे लिए पहला आश्चर्य था। क्योंकी मैंने पहले कभी भी रिया के यहां ये टैट्र नहीं देख था। जब उसकी पीछे से पूरी पीठ दिखती थी वैसी सेक्सी ड्रेस पहनती थी। फिर मुझे उसका चेहरा भी कुछ देर में अजीब सा होने जैसा दिख रहा था। लेकिन उसकी कसी हई चूत की वजह से मैं इस गौर नहीं कर पा रहा था।
रिया- "आहाँ हाँ छोद जोर से चोद.. मा के लौड़े आहह..
अब शायद वो अपना पानी छोड़ने के करीब थी, और में भी इसी के साथ नीचे से तेज-तेज और लंबे धक्के मार रहा था। जिससे वो अकड़ कर पानी छोड़ दी, और उसके कुछ देर बाद ही में भी पानी छोड़ दिया। फिर लण्ड निकालकर थोड़ा उसके चेहरा पे गिराया।
फिर रिया मेरा लण्ड चूस रही थी की एकदम से अचानक अंधेरा हो गया और कुछ देर के बाद जब उजाला हुआ तो, मेरे सामने कुछ दूरी पे 4 अलग-अलग तरह की सेक्सी ड्रेस और बाड़ी वाली कोई अजीब सी 4 खतरनाक और डरावनी लड़कियां खड़ी थी। उसे देखकर अगर आदमी का मत निकल जाए तो उन्हें ऐसे देखकर लण्ड भी खड़ा हो जाए।
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