RE: Incest परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति
लेकिन तांत्रिक लालू को इंतजार था तो सिर्फ रति का पा उसके बच्चे का। फिर एक दिन उसे मनाज के कुत्ते की मौत मरने का पता चला, तो वो काला कंबल ओढ़कर गाँव में जाकर उसे देखने गया।
तांत्रिक लोलू जब विलाशपुर में मनोज के घर गया था। ये वोही टाइम था जब कमी, उसकी बेटी और रंजीत मारा गया था, और पूरा गाँव वहां था और रति के मोम डैड उसे बेटी-बेटी कहकर रो रहे थे, और उसे संभाल रहे थे। रति के मोम डैड को देखकर वो समझ गया की उनकी ये वो लड़की है, और दूसरी तो मारी गई है। फिर उसने अभी कुछ दिन पहले जन्मे बच्चे यानी अवी को देखा, जिसे देखकर उसको बहुत खुशी हुई की अब उसका सपना और मकसद पूरा हो जाएगा।
जब वो लोग रंजीत को वहां फेंककर चले गये थे, तभी तांत्रिक लाल ने जल्दी ही बड़ां आकर उसके गुलामों को रोक लिया, करना थोड़ा लेंट होने में उनकी सिर्फ हइडियां बचती। फिर उसने अपनी शक्ति से उसे ठीक कर दिया, क्योंकी अभी तक बो पूरी तरह नहीं मरा था, और काली-शक्ति वैसे भी तेज काम करती है।
रंजीत ठीक होने के बाद होश में आने पर- "में कहा हैं और तुम कौन हो? मैं तो मर गया था फिर कैसे बचा?"
तांत्रिक लोलू गुस्से से- "चुप मादरचोद साले, दिखता नहीं तेरे सामने कितना बड़ा तांत्रिक लोलू है? फिर भी तू पूछता है की तुझे किसने बचाया?
रंजीत नाम सुनकर हँसने लगता है- "हाहाहाहा ये कैसे नाम है?"
तांत्रिक लोलू गुस्से में उसे अपनी शक्ति से उठाकर 10 फिट दूर फेंक देता है। जिससे उसको चोट आती है और बो समझ जाता है की ये मामूली नहीं है। तभी कई सारे डायन, चुडैल, बैताल, भतत आदि बहां आ जाते हैं। जिसे देखकर रंजीत की डर के मारे गाण्ड फट जाती है। उसका मत निकल जाता है, और वो तेज-तेज चिल्लाने लगता है।
तांत्रिक लोलू फिर गुस्से में- "अबें चुप बहन के लौड़े... अब पता चला की मैं क्या चीज है? इर मत ये सब मेरे गुलाम हैं। अब सुन, मैंने तुझे क्यों बचाय है समझ गया?"
रंजीत डरकर हाँ में सिर हिलाता है। अब इतना देखने के बाद उसकी गाण्ड में दम ही कहां बचा था।
तांत्रिक लोल- "तझे अपने भाई राज जैसे बनना होगा, और फिर तुम्हें उसके घर में उसकी जगह लेनी होगी, समझा?"
रंजीत अब वो संभल गया था, बोला. "ठीक है। पर मैं उस साली रंडी रति को चोदूंगा.."
तांत्रिक लोलू- "ठीक है, पर मेरा पूरा काम होने के बाद समझा?"
यहां लालू के मन में कुछ और था, वही जीत के मन में भी कुछ और था। जहां लालू उसे सिर्फ मोहरा बना रहा था सिर्फ ऐसे ही हाँ कह दिया था, क्योंकी कर तो ये कुछ पाएगा ही नहीं, और रंजीत रति को अब रंडियों की तरह चोदेगा।
ऐसे ही दोनों अपने-अपने काम में लग जाते हैं। अब तो लाल यहां रोज आता और नजर रखता बिना किसी की नजर में आए और वैसे भी उस टाइम सियेशन ही ऐसी थी की कोई भी चोकन्ना नहीं था।
तो दोस्तों अब आप समझ ही गये होगे की वो कौन था, उस टाइम कंबल को आंद हए और एक बार पहले जब रंजीत के पीछे कोई ऐसे हो गया था। उसे भी तांत्रिक लोल में ही भेजा था उसका पीछा करने के लिए, और वो एक डापन थी, जिसका अभी बी.डी. की बहनों, मोम का परिचय होगा। अब पता चल जाएगा।
ऐसे रंजीत राज में नजर रखते हुए उसकी सब आदतों, उसके बोलने और रहने का तरीका सब सीखता गया। जब वो पूरा कर लिया तो उसने कुछ गुन्डों के साथ, जिसे लोलू ने उसके साथ भेजा था। जब राज आफिस से अपने घर जा रहा था तभी उसने राज की गाड़ी में हमला कर दिया, जिससे उसका ड्राइबर भाग गया। फिर गुन्डा ने राज को बाहर निकालकर उसे मारना शुरन के दिया तो राज भी उन्हें खूब मार रहा था, या राज ही उनका मार रहा था की अचानक पीठे से रंजीत ने राज की पीठ में तीन-चार गोली चला दी।
रंजीत- "साले आज भी तुझमें बड़ा दम है, लेकिन अब मारा जाएगा हाहाहाहा..."
राज गोली लगने से नीचे गिरने के बाद मश्किल से बोल रहा था। क्योंकी खून बहत निकल रहा था. "कमीनें पीछे से वार करता है हरामखोर... गलती कर दी। तझ पहले मुझे अच्छे से चेक करना चाहिए था."
रंजीत- "हाहाहाहा... अब कुछ नहीं हो सकता... अब देखना कैसे तेरी बीवी उस साली रंडी को कुतिया बनाकर चोदूंगा हाहाहाहा....
राज- कमीने में तेरी जान लें लूँगा, अगर तने रति या मेरी परिवार की तरफ देखा भी तो, अब तेरी मौत ही मेरी आत्मा को शांति दे सकती है कमीनें।
इसी के साथ एक और गोली चलाकर रंजीत में राज को मार दिया। लेकिन उसकी आखिरी बात की वजह से उसकी आत्मा वही रह गई। ये तांत्रिक लोल जानता था की ऐसा ही कुछ हो सकता है। इसलिए वो वहां पहले ही इसके लिए तैयार था। अब आत्मा का तो वो कुछ नहीं कर सकता था। लेकिन राज की आत्मा की शक्ति को भी बांध दिया जो पहले ही ज्यादा नहीं थी।
वहीं इन दिनों तांत्रिक लोल ने वहां मोका देखकर अवी को खून एक इंजेक्सन में ले लिया, उसके सिर के कुछ बाल, उसका नाखून और अवी का इश्तेमाल किया कपड़ा लेकर अपनी जगह, यानी वहीं जंगल में आ गया और उसने अपना काम करना शुरू कर दिया। उसने अवी के उसी कपड़े में एक गुइडा जैसा बना दिया फिर उसे अबी के बाल से बाँध दिया। फिर अपनी तांत्रिक किया शुरू कर दी, और मंत्र पटना शुरू किया। अपनी काली आग की आहूति उसकी काली शक्तियों के हवन से देने लगा। फिर उस गुइडे को उस आग पे रखकर जो खून वा लाया था उसकी एक बूद आग में डाल दिया। जिससे आग थोड़ी तेज हो गई। फिर उसने उस खतरनाक गुइडे के मह पर भी खून डाला।
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