RE: Incest परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति
कड़ी_51 आखिरी कड़ी –
वर्तमान में रंजीत धड़ाम की आवाज के साथ नीचे गिरा और तेज आह्ह... करके दर्द से चिल्लाया। फिर कुछ देर रोने के बाद मुझसे बोला।
रंजीत दर्द और डर के साथ- "तुम्हारे पास इतनी शक्ति कहां से आई? आहह.."
मैं- "चल मरने से पहले दर्द से राते हए मेरी कहानी सुन। वा क्या है कल शाम 7:00 बजे में तेरे ही बारे में सोच रहा था की कैसे करूं सब? मुझे रात होने का इंतजार था। क्योंकी तभी मैं इतना शक्तिशाली नहीं था, या में कहो की मेरी पूरी शक्ति आक्टिव नहीं हुई थी.."
फिर मैं उसे ती कहानी बताता हैं।
अभी इतनी देर कहानी बताने से वो चुपचाप सुन रहा था। लेकिन उसे जलन के साथ डर भी लग रहा था, और उसे समझ में आ गया की खुद वो अबी और उसकी परिवार के साथ खेल नहीं सका। किश्मत ने खुद उसके खेल में उसी के साथ ऐसा खेल खेला की आज वो मौत के सामने है। लेकिन अब उसने सोचा की बचना है तो चुपचाप ही निकलना पड़ेगा।
रंजीत उठकर बाहर जाने ही वाला था की बी.डी. ने अपने हाथ के इशासरे से उसे उठाकर फिर नीचे पटका, तो उसकी फिर चीख निकल गई। फिर बी.डी. ने अपनी तलवार का याद किया, वो आ गईं। फिर उसने उसे इंबिल्स का जो हथियार होता है, जिसके बारे में पहले बता चुका है उसमें बदल जाता है। बी.डी, उसकी नोक को जीत के जिम में रखकर चीरे लगाने लगता है। जिससे रंजीत दर्द से चिल्लाने लगता है, क्योंकी ये कोई नामल हथियार नहीं था, बल्की बी.डी. का हथियार था।
रंजीत- नहीं आइ: नहीं आअहह... आअह्ह.. छोड़ दो मुझे आइ: आअहह.."
बी.डी, एक झटके में सचिया उसके सीने के बीच में घुसा देता है, जिससे तड़पते हए रंजीत मर जाता है। उसको मारने के बाद बी.डी. हँसते हुए खुद को क्रियेंट करने वाले के पास आता है। मुझे कुछ सेकेंड ही लगे यहां आने
मैं- कैसे हो लोलू बाबा?
लोलू- "बी.डी. तुम... मुझे पता था की तुम्हें पता चलते ही तुम यहां जरनर आओगे। लेकिन इतना लेंट कसे हो गये। तुम्हें तो कल रात ही पता चल गया था?"
मैं- "हाँ मैं जानता है की तुझे पता चल गया था। और रही लेट आने की बात तो मैं तेरे उस गुलाम रंजीत को मारकर आ रहा है..."
लोलू- "क्या? चलो अच्छा किया, साला कमीना था.." और इरते हए- "तो क्या अब मुझे भी मारना चाहते हो?"
मैं- अरे नहीं यार, त तो बड़े काम की चीज है। अब से तू मेरा सबसे खास आदमी है।
लोलू मरने से बचने के साथ बी.डी. का खास आदमी... मतलब अभी भी वो औरों पा हकमत कर सकता है जिससे वो खुश हो जाता है।
लोलू- सच... में तैयार हैं।
मैं- "हाहाहाहा... चल ठीक है। मैं चलता हैं। लेकिन अब जब मैं वापस आऊँ तक मेरी बी.डी. सेना तैयार रखना.."
लोलू- मतलब? किसकी बात कर रहे हो तुम?
- मतलब?
-
मैं- "साले गान्ड... अभी तझ खास बनाया और कर दिया जा चुतिया जैसी बात? अबे 165 वो लोग समझा: चार तो वैसे ही मेरे पास हैं."
लोलू- "अच्छा तो तुम उनकी बात कर रहे हो? उन्हें तो मैं अभी बुला सकता हैं. ये बोलकर लोलू उन सभी को बुलता है। वा सभी आकर बी. डी. के सामने घुटने टेक के बैठ जाते हैं।
बी.डी.- "हाहाहाहा... लोलू में इन्हें अपने साथ लेकर जा रहा हूँ.."
फिर वो उन्हें लकर अपने घर आ जाता और घर के सभी लोगों को अपने वश में कर लेता है, और उन चारों को भी बोलता है की जिसके साथ भी मैने संबंध बनाए हैं, उन सभी को लकर आ जाए। फिर क्या था वो सभी भी उसके वश में थी, उनमें बस क्लब वाली औरतें नहीं थी और ना ही वा चुर्जी। बस बाकी सभी को सम्मान कर दिया। जिससे वो उनके जाने में हंगामा ना करें।
एक बात बताना ही भूल गया। उन 165 के साथ में मारला को भी लेकर आया था, जिसे लोलू ने गिफ्ट दिया था। ऐसे ही दिन सालों में बीत गये थे। अब पूरे अंडरवल्र्ड का सिर्फ एक ही डान था, और वो था बी.डी. यानी ब्लडी-डेविल।
इन सालों में जिसके पास शक्ति नहीं थी वो सभी बच्चे पैदा कर के मर गयें, सिर्फ गति को छोड़कर। लेकिन उसने भी आखिरी टाइम भगवान को याद करके आत्महत्या कर लिया। बी.डी. सभी औरतों के साथ सेक्स करके बच्चे पैदा करता था। ऐसे ही उसके बच्चे भी बड़े हो गये थे।
जिसमें से 9 बच्चे वो थे जो सिर्फ इंसान यानी नार्मल औरतों से हुए थे, जैसे रति, झुमरी, चदा, सविता, ऋतु,
मोना, रेणु, मीनाक्षी, मार लो। इन सभी के बरचा का बी.डी. ने अंडरवाई के लिए चुना।
बाकी औरतों और उनके बच्चों के साथ उसने अपनी बलडी-डेविल सेना तैयार किया था। उसे राज की प्रापर्टी बेचकर विलाशपुर के साथ उस जंगल को भी खरीद लिया। अब इस जगह का नाम शैतानपुर हो गया था। उसकी सेना उसी जंगल में ही रहती थी।
एक दिन बी.डी. के सामने गुरुकाल शैतान आता है।
गुरुकाल- "ये तुम क्या कर रहे हो? अब भी वक्त है रुक जाओ, बरना शैतान किंग को आकर ही तुम्हें रोकना पड़ेगा समझे?"
बी. डी.- "ओह्ह ... तो बुइटै तू फिर आ गया? तुझे कितनी बार बोला है की मेरे रास्ते में मत आ, और साले तेरे उस किंग की मौत मेरे ही हाथों होगी..."
गुरुकाल बी.डी. की बात सुनकर गुस्से में एक बार करता है, काली-शक्ति के साथ तलवार होती है। बी.डी. को इसका अंदाजा नहीं था, जिससे उसका हाथ जख्मी हो जाता है।
गुरुकाल- "ये आखिरी बार है समझे? वरना अगली बार सिर्फ मौत होगी." में बाल गुरु काल चले जाते हैं, और बी.डी. का घाव भी भर जाता है। लेकिन उसका गुस्सा बढ़ता जाता है।
तभी लाल वहां आता है और बी.डी. को गुस्से में देखकर उससे पूछता है- "क्या हा?"
बी.डी. उसे गुरुकाल की अबसे लेकर पहले की सारी बातें बताता है- "अब इतने साल तक ये साला नहीं आया तो मैं भूल गया था इसे। अब इसकी और इसके शैतान किंग की मौत पक्की है, और फिर मैं पो शैतान वई को अपना गुलाम बनाऊँगा हाहाहाहा..."
लोलू- लेकिन पहले तुम्हें और शक्ति और अपनी लड़ाई के लिए तैयारी करनी चाहिए।
बी.डी. को भी लोलू की बात सही लगता है। वो भी इसमें लग जाता है, जिसमें 5 साल निकल जाते हैं। अब वो इसके लिए तैयार था। बी.डी. अपनी पूरी सेना और लाल के साथ शैतान बल्ई पर हमला कर देता है।
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