RE: Gandi Kahani सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री
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" पीछे उसने जो कुछ किया गुरु, वो बताता है कि वो उतना फुद्दु भी नही है कि आपको पहली ही नज़र मे नज़र आ जाए, बल्कि मैं तो ये कहूँगा कि वो कोई बहुत ही शातिर शख्स है, इतना शातिर कि जिसने पोलीस, मीडीया और पब्लिक को ही नही बल्कि कोर्ट तक को ये मानने पर मजबूर कर दिया है जो वो चाहता है, इतनी आसानी से वो आपके हाथ भी नही आएगा "
" तुम तो यार दोनो हाथो मे लड्डू लेकर मटरगश्ती करते घूम रहे हो, एक तरफ हमारी बटरिंग भी कर डाली, दूसरी तरफ अपराधी को जादूगर भी बता डाला "
" दोनो ही बात सच है गुरु, इस बात को यू भी कहा जा सकता है कि इस टकराव मे मज़ा आएगा, आपके हाथ भी वो आसानी से आने वाला नही है, बहुत छकाएगा लेकिन केवल छका ही सकेगा, मैं जानता हू, अंततः आपके हाथ उसके गिरेबान पर होंगे "
" जब होंगे तब होंगे, फिलहाल तो हमारी खोपड़ी झन्नात हुई पड़ी है दिलजले, दिमाग़ का काफ़ी मालूदा निकालने के बावजूद भी नही समझ पा रहे है कि मिसेज़. सरकार को किस मकसद से किडनॅप किया गया होगा और.... "
विजय ने अपनी बात खुद अधूरी छोड़ दी.
विकास को पूछना पड़ा," चुप क्यो हो गये गुरु "
इस बार विजय विकास के सवाल का जवाब देने की जगह राजन सरकार से मुखातिब होता बोला," मिसेज़. चंदानी का पूरा नाम क्या है सरकार-ए-आलम "
" कंचन चंदानी "
विजय ने ऐसे लहजे मे पूछा जैसे कोई लड़का अपनी होने वाली दुल्हन के बारे मे पूछ रहा हो," कुछ और बताइए ना उनके बारे मे "
विजय की टोन के कारण राजन बुरी तरह बौखला गया था, मुँह से निकला," और क्या बताऊ "
" आपकी कैसी पट रही है उनसे "
" ओह " जैसे अचानक बात राजन की समझ मे आई," तुम शायद उन मीडीया रिपोर्ट्स के कारण ऐसा पूछ रहे हो जो पिच्छले साल अख़बार की सुर्खिया बनी थी "
" न्यूज़ चॅनेल्स की भी " विजय ने बात पूरी की.
" तुम समझ सकते हो विजय... बल्कि अब तो देश का बच्चा-बच्चा समझता है कि अख़बार और न्यूज़ चॅनेल्स को अपनी टीआरपी बढ़ाने के लिए चटपटी और सनसनीखेज न्यूज़ चाहिए, इस बात की उन्हे कोई परवाह नही रहती कि उनकी इस कुछ देर की सनसनी से किसी की पारिवारिक लाइफ समाप्त हो सकती है या पूरा कॅरियर समाप्त हो सकता है "
" क्या आप ये कहना चाहते है कि आपके और कंचन चंदानी के बीच कभी कोई अफेर नही रहा "
" बिल्कुल नही रहा " राजन सरकार से दृढ़तापूर्वक कहा.
" यदि कही धुँआ नज़र आता है तो कही ना कही आग ज़रूर लगी होती है सरकार-ए-आली, भले ही वो आग किसी ने अपने घर के कूड़े-करकट मे ही क्यो ना लगाई हो "
" पता नही तुम बात कौन सी भाषा मे करते हो "
" बोलते तो हुजूर हम हिन्दी ही है, ये बात अलग है कि सामने वाले की समझदानी मे घुसकर वो भिड़ी बन जाती है " विजय सदाबहार टोन मे कहता चला गया," हमारे कहने का मतलब ये है कि कही ना कही छोटी-मोटी आग तो ज़रूर लगी होगी जो धुँआ उठा, माना कि अख़बारो मे तिल का ताड़ बना दिया जाता है मगर तिल तो कही ना कही होता ही है जनाब, बगैर तिल के तो खबर्चि भी ताड़ नही बना सकते, आप फिर कहेंगे कि हम पता नही कौनसी भाषा मे बात कर रहे है इसलिए सर्फ एक्स्सेल से धोकर सॉफ कर देते है कि आपके और कंचन चंदानी के बीच कुछ तो रहा होगा जिसे लेकर खबर्चियो ने इतना तूफान उतारा, यहाँ तक लिख दिया कि आपके और कंचन चंदानी के संबंधो की जानकारी आपके बेटे कान्हा को हो गयी थी, वो आपके भेद को सबके सामने खोल देने की धमकी देता था, उसकी हत्या का एक कारण ये भी हो सकता है, हो सकता है जब आपने उसे मीना के साथ रंगे हाथो पकड़ा तो उसने आपको धमकी दी हो कि.... "
" बस-बस विजय " लगभग चीखने की सी हालत मे कहते हुए राजन सरकार ने अपने दोनो हाथ कानो पर रख लिए," मैं इससे ज़्यादा नही सुन सकता "
" इसमे नया क्या कहा हम ने, वही दोहराया है जो अख़बारो मे छपता रहा है, फिर कानो पर हाथ रखने वाली क्या बात हो गयी "
" तुम मेरे दोस्त के बेटे हो, तुम्हारे मुँह से अपने लिए ये सब सुनना मेरे लिए शरामनाक है, इसे मेरा दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि मुझे ये दिन देखना पड़ा "
" जब तक हम इस केस पर काम कर रहे है तब तक आपको ये भूलना पड़ेगा कि हम आपके दोस्त के बेटे है "
" कोशिश कर रहा हू "
" तो जवाब दीजिए, ऐसा क्या हुआ था कि वो अफवाह.... हां, फिलहाल हम उसे अफवाह ही कह रहे है, बहरहाल, आपके आसपास अन्य महिलाए भी रहती होंगी, ऐसा क्या कारण बना कि पोलीस ने कंचन चंदानी से ही आपका नाम जोड़ा "
" सच्चाई ये ही है कि मैं इस बारे मे कुछ नही जानता " वो इस तरह बोला जैसे स्पष्टीकरण देना भी शरम्नाक लग रहा हो," बस, इतना जानता हू कि उस वक़्त मैं बुरी तरह चौंका था जब राघवन ने इस बारे मे पहला सवाल किया था बल्कि चौंकने से ज़्यादा गुस्से मे आ गया था, हलक फाड़कर चीख पड़ा था, राघवन से पूछा था कि तुम मुझ पर और कंचन पर ऐसी गंदगी कैसे उच्छाल सकते हो "
" उसने क्या जवाब दिया "
" कहने लगा ऐसी बाते पता लगाने के पोलीस के अपने सुत्र होते है और उनके बारे मे हम किसी को बताया नही करते, अक्क्यूस्ड को तो किसी भी हालत मे नही "
" यानी उसने नही बताया "
" नही "
" बाद मे भी, किसी अन्य सुत्र से भी आपको पता नही लग सका कि ये कीचड़ उसने किसके बेस पर उछाली थी "
" नही, और उस वक़्त तो मैं ना केवल असचर्यचकित रह गया था बल्कि गलानि से डूब मरने को जी चाहा जब एक न्यूज़ चॅनेल पर देखा कि पोलीस ने अपनी मनघड़ंत कहानी का संबंध मेरे बेटे के मर्डर से जोड़ दिया है, चॅनेल पर कहा जा रहा था कि कान्हा को मेरे और चाँदनी के संबंद्धो का पता चल गया था और उसने मुझे उस बारे मे सबको बता देने की धमकी दी थी इसलिए मैंने उसे मार डाला "
" उस पर आपने कुछ किया नही "
" जब तुम इतना सबकुछ जानते हो तो ये भी जानते होगे कि मैंने अगले ही दिन प्रेस से कहा था कि ये सब झूठ और पोलीस की बनाई हुई मनघड़ंत स्टोरी है जिसमे कोई सच्चाई नही है "
" पर इस बारे मे कंचन चंदानी ने कभी कुछ नही कहा "
" वो बेचारी क्या कहती, उसके कुछ भी कहने का मतलब अपनी ही छीछालेदारी करना होता "
" मिस्टर. चंदानी क्या कहते है "
" उनका कहना भी यही था कि वो अपनी और अपनी पत्नी की और ज़्यादा छीछालेदारी नही करना चाहते "
" आपके और उनके संबंध कैसे है "
" बहुत अच्छे, पड़ोसी तो और भी काई है बल्कि पार्क मे रहने वाले सभी एक-दूसरे को जानते है लेकिन मिस्टर. चंदानी से शुरू से ही घरेलू संबंध है, एक-दूसरे के घरो मे आना-जाना है "
" था या है "
" है "
विजय ने अगले सवाल के लिए मुँह खोला ही था कि विकास की आवाज़ कानो मे पड़ी," शायद हम पहुच गये है गुरु "
विजय ने विंड्स्क्रीन के पार देखा, वहाँ लोगो की भीड़ लगी हुई थी, पोलीस भी नज़र आ रही थी, राजन साकार की गाड़ी ड्राइवर ने भीड़ के करीब खड़ी कर दी थी.
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राघवन मजूमदार.
जी हां, उस इनस्पेक्टर के सीने पर लगी नेंप्लेट पर यही लिखा था जिसने आगे बढ़कर रघुनाथ को जोरदार सल्यूट ठोका.
रघुनाथ ने रोबीले लहजे मे पूछा," क्या हुआ है "
" मिसेज़. सरकार का अपहरण हो गया है सर, अपहरणकर्ता 4 थे, चारो ने अपने चेहरे कॅप, चश्मे और रुमालो से ढके हुवे थे, वे एक मारुति वॅन मे थे, जिसका नंबर आरजे 1252 था "
" नंबर किसने बताया "
" मिसेज़. कंचन चंदानी ने "
" उन्हे कैसे पता "
" उनका कहना है कि गॅलरी मे मौजूद उनका डॉगी अचानक बहुत ज़ोर-ज़ोर से भौंकने लगा, आमतौर पर वो इस तरह तभी भौंकता है जब कोई घर मे घुसने की कोशिश करे, वे अपने बेडरूम मे थी, डॉगी के भौंकने का कारण जानने बाल्कनी मे आई तो देखा कि मिस्टर. सरकार के फ्लॅट के सामने एक मारुति वन खड़ी थी, वे माजरे को समझने की कोशिश कर ही रही थी कि 4 लोग मिसेज़. सरकार को उठाए बाहर निकले और उन्हे गाड़ी मे डाल लिया, वे समझ गयी कि मिसेज़. सरकार को किडनॅप करने की कोशिश की जा रही है इसलिए चिल्लाने लगी, साथ ही गाड़ी का नंबर भी दिमाग़ मे नोट कर लिया था, जब बदमाश गाड़ी लेकर भागे तब तक उनकी चीख-चिल्लाहट सुनकर पार्क मे कयि लोग घरो से निकल आए थे, सभी शोर मचाने लगे, कुछ ने गाड़ी पर पत्थर भी फेंके, कयि का दावा है कि उनके पत्थर गाड़ी मे लगे थे "
एकाएक विजय बोला," एक पत्थर वॅन के पिच्छले काँच को तोड़ता हुआ उसके अंदर भी जा घुसा था "
" तुम्हे कैसे पता " रघुनाथ ने बुरी तरह चौंकते हुवे पूछा.
" हमारे तीसरे नेत्र ने देखा "
" बकवास ना करो विजय, सीधी तरह बताओ, ये बात तुम इतने दावे के साथ कैसे कह सकते हो "
" अजी दावे के साथ कहाँ कही है तुलाराशि, हम ने तो ऐसे ही हवा मे उछाल दी और तुम हो कि उसे लपक कर उच्छले-उच्छले फिर रहे हो, छोड़ो उस बात को और अपने उस प्यादे से पूछताछ जारी रखो "
रघुनाथ भले ही विजय को कच्चा चबा जाने के अंदाज मे घूर कर रह गया था लेकिन विकास के जेहन मे फुलझड़िया सी छूट रही थी, वो हरगिज़ नही मान सकता था कि विजय गुरु ने ये बात बिना किसी ठोस आधार के कही होगी, निश्चित रूप से उन्हे कोई सुराग मिला होगा लेकिन क्या और कब.
वो भी तो शुरू से उनके साथ ही है.
वो तो नही जान पाया कि किसी पत्थर ने बदमाशो की वॅन का काँच तोड़ा है.
वे कैसे जान पाए.
कहाँ से क्या सूत्र हाथ लगा उनके.
काफ़ी दिमाग़ घुमाने के बावजूद वो समझ ना सका जबकि रघुनाथ ने राघवन से पूछा," तुम यहाँ कितनी देर पहले पहुचे "
" 15 मिनिट पहले सर "
" वारदात के बारे मे कैसे पता लगा "
" किसी ने 100 नंबर पर फोन किया था, वहाँ से मुझे सूचना दी गयी और मैं तुरंत यहाँ पहुचा "
" घटना कितनी देर पहले की है "
" करीब 30 मिनिट पहले की "
" यानी तुम्हारे आने से 15 मिनिट पहले की "
" जी "
" गाड़ी का नंबर फ्लश किया "
" मिसेज़. चंदानी से बात होते ही मैंने वाइयरलेस पर नंबर फ्लश कर दिया है सर, करीब 10 मिनिट हो चुके है "
" तब तो वे किसी नाके पर पकड़े जाने चाहिए "
एकाएक विजय बोल पड़ा," नही पकड़े जाएँगे "
" क्यो " रघुनाथ ने उसे फिर घूरा.
" क्योंकि वॅन को वे ज़्यादा दूर नही ले गये है बल्कि एक मदिर के बगल मे खाली पड़ी जगह पर छोड़ गये है "
" तुम्हे कैसे मालूम "
" काला जादू तुलाराशि " विजय ने किसी तांत्रिक की तरह हाथ और उंगलिया घुमाते हुवे कहा," काला जादू, उसके बूते पर हम बहुत कुछ जान सकते है "
विकास बोला," इसका मतलब आपने वॅन को यहा आते वक़्त रास्ते मे ही देख लिया था "
" तुम्हे हमारे काले जादू को हवा मे उड़ाकर हल्का करने का कोई हक़ नही है दिलजले "
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