RE: Gandi Kahani सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री
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विजय को वहाँ से और कुछ निकलने की उम्मीद नही थी इसलिए केर टेकर से ये कहने के बाद वापिस हो लिया कि अगर उनमे से कोई आए या किसी अन्य माध्यम से संपर्क हो तो उन्हे इस बारे मे कुछ ना बताया जाए कि पोलीस उन्हे तलाश कर रही है और तुरंत ही पोलीस को सूचित कर दिया जाए.
ऐसा विजय ने इसलिए किया क्योंकि कन्फर्म हो चुका था कि इंदु को उन्ही चारो ने किडनॅप किया है.
ये खबर ख़तरनाक थी कि उनके पास रिवॉल्वार भी है.
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वापसी मे विजय ने राजन सरकार को पजेरो मे बिठा लिया था, राघवन रघुनाथ के पीछे चलने वाली सेक्यूरिटी जीप मे था, गाड़ी फार्महाउस से निकली ही थी कि विजय ने कहा," ये बताइए सरकार-ए-आली की 5 जून की सुबह क्या हुआ था "
" वो सब तो बाद मे भी बता दूँगा विजय पर प्लीज़, इस वक़्त किसी तरह इंदु को उन दरिंदो की गिरफ़्त से निकालने की कोशिश करो, उनके पास रेवोल्वेर भी है, मुझे डर लग रहा है, कही वे इंदु को कोई नुकसान ना पहुचा दे "
" जितनी कोशिश हो सकती है, आप देख ही रहे है कि उससे ज़्यादा की जा रही है " विजय ने कहा," हमारे पास जादू की ऐसी कोई छड़ी नही है जिससे झुर्रेट-मुर्रेट करे और ये पता लग जाए कि वे सरकारनी को कहाँ ले गये है "
" उन्होने रेवोल्वेर क्यो चुराया "
" उन्हे लगा होगा कि जो काम वे करने जा रहे है, उसमे उसकी ज़रूरत पड़ सकती है, हमारे ख़याल से भी उन्होने ठीक ही सोचा, किडनॅप करने जा रहे थे, बुके तो ले जाने से रहे "
" वे फार्महाउस पर लौट सकते है गुरु क्योंकि ये बात तो वे स्वप्न मे भी नही सोच सकते कि हमे उनके किडनॅपर होने की भनक लग गयी होगी और हम फार्महाउस पर पहुच चुके होंगे "
" हमारे ख़याल से अब वे फार्महाउस पर लौटने वाले नही है "
" वजह "
" दो वजह है, पहली, रेवोल्वेर साथ ले जाना, दूसरी, मोबाइल स्विच ऑफ कर लेना, वे जानते है कि केर टेकर को अपनी रेवोल्वेर गायब होने के बारे मे पता लग गया होगा और वो ये भी समझ गया होगा कि उसे उन्होने गायब किया है, इसलिए वे नही लौटेंगे, स्विच ऑफ करने का मतलब है, उनमे से कोई एक काफ़ी घुटा हुआ है, उसने कल्पना कर ली होगी कि पोलीस फार्महाउस तक पहुच सकती है, उसने ये इंतज़ाम भी कर लिया कि ऐसा हो जाए तो पोलीस उनके वर्तमान ठिकाने तक ना पहुच सके "
" ऐसा तो चीकू ही हो सकता है "
" संभावना तो यही है "
विकास खामोश हो गया.
राजन सरकार पहले ही चुप था, मौके का फ़ायदा उठाकर विजय ने राजन सरकार से पुनः सवाल किया," 5 जून की सुबह प्रिन्स के पहुचने से पहले क्या हुआ था "
" उसके पहुचने से पहले तो कुछ भी नही हुआ था, हम सो रहे थे, बार-बार बेल की आवाज़ आने के कारण इंदु की नींद खुली क्योंकि प्रिन्स को बार-बार बेल बजाने की ज़रूरत ही नही पड़ती थी, मीना पहली ही बेल पर दरवाजा खोल देती थी, जब कयि बार बेल बजने पर भी वैसा नही हुआ तब इंदु बेडरूम से बाहर निकली और ये जानने के लिए मीना को उसका नाम ले कर पुकारती हुई उसके कमरे की ओर बढ़ी की आज वो उठी क्यो नही लेकिन उसे गायब पाया, इंदु समझ ना सकी की सुबह-सुबह मीना कहाँ चली गयी, इंदु वापिस लॉबी मे आई, नज़र कान्हा के बेडरूम के खुले हुवे दरवाजे पर पड़ी, वो वहाँ पहुचि और कान्हा की लाहुलुहान लाश देखते ही चीख पड़ी, चीख इतनी जोरदार थी कि मैं बिस्तर से उच्छल पड़ा, बदहवास हालत मे बेडरूम से निकला लेकिन दरवाजे पर ही इंदु से टकरा गया क्योंकि चीखती हुई वो कान्हा के बेडरूम से इधर ही आ रही थी, मैंने उसे कंधो से पकड़ा और झींझोड़ते हुवे पूछा कि क्या हुआ है, उसने बोलने की कोशिश की मगर मुँह से स्पष्ट शब्द ना निकल सके, आतंकित अवस्था मे कान्हा के कमरे की तरफ इशारा किया, मैंने झाँक कर उधर देखा तो कान्हा की लाश देखते ही मेरे भी होश उड़ गये और मैं भी इंदु की तरह रोने लगा, तभी दिमाग़ मे आया कि कान्हा जिंदा भी तो हो सकता है, हो सकता है कि केवल ज़ख्मी हो, नब्ज़ चेक की और ऐसा करने के बाद वो उम्मीद भी ख़तम हो गयी, मेरे होश फाख्ता थे, बाहर से प्रिन्स मैंन गेट को पीटने लगा, शायद उसने हमारी आवाज़े सुन ली थी इसलिए बार-बार पूछने लगा कि क्या हुआ है, हम ने दरवाजा खोला और रोते हुवे कहा, देखो मीना क्या कर गयी "
" ऐसा क्यो कहा आपने " विजय ने पूछा," आपको क्या पता वैसा मीना ने ही किया था "
" मीना के गायब होने के कारण ऐसा लगा था "
" क्या आपको ये भी पता लग गया था कि कान्हा के गले से चैन, उंगली से अंगूठी और उसका मोबाइल गायब है "
" नही, उस वक़्त तक नही पता लगा था, तब तक तो हमे ये सब देखने का होश ही नही था "
" कब पता लगा "
" ये बात मिस्टर. चंदानी ने बताई "
" वे वहाँ कैसे पहुच गये "
" जो हुआ था, उसका शोर पूरी कॉलोनी मे मच चुका था, लोग हमारे घर के बाहर इकट्ठा हो चुके थे, चंदानी से क्योंकि घरेलू संबंध थे इसलिए वे सीधे अंदर आ गये, कान्हा की लाश देखकर उनके भी होश उड़ गये, मुझे मिस्टर. चंदानी ने ही बताया कि कान्हा की चैन और अंगूठी गायब है, ये सुनकर मैं एक बार फिर कान्हा के कमरे मे गया और उसका मोबाइल भी गायब पाया, तब सूझा की मीना ने उन्ही चीज़ो के लालच मे ये अनर्थ किया होगा "
" अशोक बिजलानी कैसे पहुचा "
" मैंने फोन किया था "
" चंदानी दंपति के आने से पहले या बाद मे "
" उनके आने से पहले, जब वे आए, उस वक़्त मैं बिजलानी का इंतजार कर रहा था, यानी वो उनके बाद पहुचा "
" आपने बिजलानी को फोन क्यू किया "
" मुसीबत की उस घड़ी मे बस उसे ही बुलाना सूझा "
" जिस किस्म की वो मुसीबत थी, उसमे सबसे पहले आपको पोलीस को बुलाना सूझना चाहिए था, ख़ासतौर पर हमारे बापूजान को, वे आपके बचपन के दोस्त थे, आपके दिमाग़ मे बिजलानी का ख़याल क्यो आया, हमारे बापूजान का ख़याल क्यो नही आया जो उन हालात मे आपके बड़े मददगार साबित हो सकते थे "
" उसका कारण शायद ये हो कि निर्भय सिंग हमारे बचपन का दोस्त ज़रूर है मगर काफ़ी दिनो से आउट ऑफ टच था, बहुत दिनो से हमारी आपस मे बाते नही होती थी जबकि बिजलानी लघ्भग रोज टच मे रहता था, बातो-बातो मे एक दिन उसने कहा भी था कि आम आदमी की समझ मे क़ानूनी पचडे नही आते जबकि हम जैसे वकील चुटकियो मे ऐसे पचड़ो से निपट लेते है "
विजय चौंका, बोला," ऐसा कहा था उसने "
" हां "
" 4 जून से कितने पहले "
" 2-3 महीने पहले, हो सकता है ज़्यादा भी हो चुके हो "
" ऐसा कहने की क्या ज़रूरत पड़ गयी थी उसे "
" अब तो ठीक से याद नही कि क्या टॉपिक चल रहा था, बस इतना याद है कि उसने ये बात कही थी और शायद इशी कारण उस मुसीबत की घड़ी मे मुझे उसे ही बुलाना सूझा और सच बात ये है कि उसके आने पर मैंने राहत महसूस की थी "
" उसने पहुचने पर क्या कहा या किया "
" सबसे पहले लाश चेक की, उसने नब्ज़ के साथ-साथ नाड़ी भी चेक की, मुझसे पूछा, पोलीस को फोन किया, मेरे इनकार करने पर बोला कि तुमने वही नही किया जो सबसे पहले करना चाहिए था, मैं केवल इतना ही कह सका, अब तुम आ गये हो, जो ठीक समझो, करो, उसने कहा, इन्फर्मेशन तो तुम्हारे द्वारा ही देनी ठीक होगी, थाने के लॅंडलाइन पर फोन करो और बताओ कि यहाँ क्या हो गया है, वे तो अब भी पूछेंगे कि सूचना देने मे इतनी देर क्यो हुई पर क्या किया जा सकता है, तब मैंने फोन किया "
" हमे तो सारे झमेले की जड़ ये बिजलानी मिया ही लग रहे है, खैर, इस सारे प्रकरण मे एक बात खटकने वाली है " विजय ने कहा," वो सबको खाटकी और हमे भी खटक रही है "
" क्या " राजन सरकार ने पूछा.
" यू तो सबको अपने बच्चे प्यारे होते है पर कान्हा तुम दोनो को ज़्यादा ही प्यारा था क्योंकि वो बहुत मिन्नतो के बाद तुम्हारी शादी के 18 साल बाद पैदा हुआ था फिर भी, क्या तुम दोनो मे से कोई भी उसे गले लगाकर नही रोया "
" हमे मालूम है कि बार-बार ये सवाल क्यो किया जेया रहा है लेकिन उस वक़्त हालात ही ऐसे थे ही हम वैसा ना कर सके, सूझ ही नही रहा था कि क्या करे, क्या ना करे "
" ये सूझने वाली नही, स्वाभाविक प्रक्रिया थी जो नही हुई "
राजन सरकार चुप रह गया.
विजय ने अगला सवाल किया," राघवन का कहना है कि कमरे की बाई दीवार और फर्श पर खून के ऐसे धब्बे थे जिन्हे सॉफ किया गया था, आपका क्या कहना है, क्या ऐसे धब्बे थे "
" राघवन का तो पता नही क्या-क्या कहना है " ये शब्द कहते वक़्त राजन सरकार के चेहरे पर राघवन के लिए घृणा के भाव उभर आए थे," उसका तो ये भी कहना है कि... "
" हम समझ सकते है कि उसके बारे मे आपके ये विचार क्यो है " विजय ने उसकी बात काटकर कहा," कारण सॉफ है, वही आपको घसीट-ता हुआ उस कोर्ट तक ले गया जिसने आपको दोषी करार दे दिया लेकिन इस वक़्त हम ऐसी बातो पर चर्चा नही कर रहे है, सीधे सवाल का सीधा जवाब दीजिए, आपके ख़याल से फर्श और दीवार पर वैसे धब्बे थे या नही "
" थे "
विजय ने बात दोहराई," यानी उन दोनो जगहो से किसी ने खून को सॉफ करने की कोशिश की थी "
" ये तो नही कहा जा सकता की वो खून ही था लेकिन इतना ज़रूर है कि उन दोनो जगहो से किसी ने कुछ सॉफ करने की कोशिश की थी " राजन सरकार का जवाब संतुलित था.
" किसने किया होगा ऐसा "
" मुझसे अनेक बार ये सवाल किया जा चुका है और मैंने हर बार एक ही जवाब दिया है, मुझे नही पता "
" गेरेज़ मे खड़ी स्विफ्ट क्ज़ाइर धोयि गयी थी " विजय ने उसकी आँखो मे झाँकते हुवे पूछा," ख़ासतौर पर टाइयर्स "
" देखने से लगता तो था "
" आपने धोयि "
" नही "
" उन ग्लासस मे विस्की भी आपने नही पी जो डिन्निंग टेबल पर एक बॉटल के साथ रखे पाए गये थे "
" बिल्कुल नही " उसने दृढ़तापूर्वक कहा.
" हॉकी किसने गायब की "
" बता चुका हू, मुझे नही पता "
" राघवन का कहना है कि कान्हा को कपड़े उसपर हमला होने के बाद पहनाए गये यानी कि कपड़े लाश को पहनाए गये "
" मुझे तो ऐसा नही लगा लेकिन वो यही कहे चला जा रहा है, कॉलर पर खून की बात कहता है मगर मैं उससे सहमत नही हू "
" यानी कि वे भी आपने नही पहनाए "
" कितनी बार कहूँ " राजन सरकार झल्ला गया," नही "
" पर डॉक्टर गजेंदर हज़ारे को तो आप ही ने फोन किया "
" ह..हां " वो थोड़ा सकपकाया," वो मैंने किया था "
" क्यो "
" राघवन ये स्टोरी बना रहा था कि मेरे द्वारा कान्हा और मीना की एक साथ हत्या इसलिए की गयी क्योंकि उस वक़्त वे सेक्स कर रहे थे, मैं सबकुछ बर्दाश्त करने को तैयार था मगर ऐसी कोई भी बात बर्दाश्त करने को तैयार नही था जिसके कारण मृत्यु के बाद मेरा मासूम बेटा बदनाम हो, इसलिए डॉक्टर हज़ारे से कहा कि अगर ये सच भी हो कि मृत्यु से पहले कान्हा सेक्स कर रहा था तो वे इसे रिपोर्ट मे ना लिखे, एक बाप....एक अभागा बाप इसके अलावा और कर भी क्या सकता था विजय " अंतिम शब्द कहते-कहते राजन सरकार की आँखे भर आई थी परंतु उन पर ज़रा भी ध्यान दिए बगैर विजय ने कहा," मैंने सुना है कि 5 जून की सुबह जब सोकर उठे तो आपके सिर मे दर्द था "
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