RE: Gandi Kahani सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री
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" जब तक घटना घट ना जाए तब तक गॅरेंटी से कोई ये नही कह सकता कि क्या घटने वाला है " विजय ने कहा," अभी तो ये गॅरेंटी ही नही है कि हम उन्हे 5 लाख देंगे ही देंगे, कोशिश तो यही होगी कि फ्री-फंड मे ही सरकारनी को बरामद कर लिया जाए मगर क्या पता, वे इतने चालाक हो कि हम अपने इरादो मे कामयाब नही सके और उन्हे 5 लाख देने ही पड़े इसलिए प्रबंध तो करके ही रखना पड़ेगा ना, वैसे भी, हो सकता है कि किसी माध्यम से उनकी नज़रे आप पर गाड़ी हो, आप उन्हे 5 लाख का इंतज़ाम करते नज़र आने चाहिए, साथ ही, पोलीस के संपर्क से दूर नज़र आने चाहिए, उन्हे ऐसा लगना चाहिए कि आप पोलीस से छुपकर 5 लाख मे अपनी बीवी को वापिस लेने को तैयार है, अगर उन्हे ये लगा कि आप पोलीस के साथ घूम रहे है तो वे कभी सामने नही आएँगे "
" कह तो ठीक रहे हो लेकिन.... "
" इस लेकिन की पूंछ कहाँ से पकड़ ली आपने "
राजन सरकार ने कहा," मैं ये पूछना चाह रहा हू कि कल जब उनका फोन आएगा तो मुझे क्या कहना है "
" आइए, बताते है " कहने के साथ विजय ने राजन सरकार के कंधे पर हाथ रखा और उसे उन सबसे दूर ले जाने के बाद धीमे स्वर मे बोला," आपका फोन हमारी जेब मे है, ये बात आप किसी को नही बताएँगे, किडनॅपर्स को जो जवाब देना होगा हम दे देंगे "
" हां, ये ठीक रहेगा, लेकिन... "
" फिर लेकिन "
" मुझे कैसे पता लगेगा कि तुम्हारी उनसे क्या बाते हुई है "
" आप आज ही एक नया सिम लेंगे, उससे अपने नंबर पर, यानी हम से बात करेंगे, आपका नया नंबर हमारे पास आ जाएगा, हम उस नंबर पर आपको बताएँगे कि किडनॅपर्स से क्या बाते हुई और आगे आपको क्या करना है "
" ये ठीक रहेगा... "
" फिर लेकिन का पुछल्ला मत लटका देना सरकार-ए-आली " वो राजन की बात पूरी होने से पहले ही कहता चला गया," अब निकलो, 5 लाख का इंतज़ाम करो और हमारे फोन का इंतजार करना "
" इंदु को कुछ होगा तो नही "
" हमारे ख़याल से अब उनकी उम्र ऐसी नही है कि कुछ हो सके " कहने के तुरंत बाद विजय उसे वही छोड़कर तेज कदमो से रघुनाथ, विकास और राघवन के करीब पहुच गया था.
राजन सरकार को विजय के अंतिम वाक्य का अर्थ समझने मे ज़रा देर लगी और जब समझ मे आया तो ये सोचकर झल्ला गया कि मैंने क्या पूछा था, उसने बताया क्या.
" अब निकलो तुलाराशि " विजय ने रघुनाथ से कहा था," इस चौराहे से बाई तरफ जाओगे तो तुम्हारा दडबा आएगा और हम दाई तरफ जाएँगे तो हमारा दडबा, कहने का मतलब ये है कि यहाँ से हमारी राहे जुदा होती है, हम पर क्योंकि टॅम-टॅम नही है इसलिए दिलजले और मोंटो मिया हमे हमारे दडबे पर ड्रॉप करने के बाद वही पहुचेंगे जहाँ तुम्हे पहुचना है क्योंकि इनका दडबा भी वही है "
" जा तो रहा ही हू विजय लेकिन एक बात कहना चाहता हू " रघुनाथ ने इस तरह से कहा जैसे इस बात को वो बहुत पहले से कहना चाहता था," तुम व्यर्थ ही अपनी एनर्जी नष्ट कर रहे हो "
" मतलब क्या हुआ तुलाराशि "
" जिस केस की रियिन्वेस्टिगेशन पर तुम निकले हो, उसमे से कुछ भी निकलने वाला नही है, कान्हा और मीना का मर्डर सरकार दंपति ने ही किया है, इनके अलावा किसी ने नही "
" तुम्हारी ये ग़लतफहमी बहुत जल्द दूर हो जाएगी प्यारे " विजय के इस सेंटेन्स ने विकास को अंदर-ही-अंदर बुरी तरह उछाल कर रख दिया था, राघवन को चौंकाया था तो राजन सरकार के चेहरे की चमक बढ़ा दी थी, चौंका रघुनाथ भी था, पूछा," क्या तुम ये कहना चाहते हो कि कातिल कोई और है "
" समझने के लिए शुक्रिया "
" किस बेस पर, कौन है कातिल "
" इंतजार करो प्यारेलाल, सारे पत्ते अभी मत खुलवाओ, अभी तो केवल एक ही दावा कर सकते है, ये कि जब हम कातिल के चेहरे से नकाब उतारेंगे तो तुम्हारे ही नही, हमारे बापूजान के भी छक्के छूट जाएँगे, नाचते-नाचते फिरेंगे वे " कहने के बाद विजय एक सेकेंड के लिए भी वहाँ नही रुका, पजेरो की तरफ लपकता सा बोला," आओ दिलजले, हमे हमारे दडबे पर छोड़ दो "
रघुनाथ हकबकाई सी अवस्था मे खड़ा रह गया था और...वो अकेला ही क्यो, राघवन की हालत भी वैसी ही थी और... राजन सरकार का दिल तो मानो बल्लिया उच्छल रहा था.
उसे इतना तक समझ मे नही आ रहा था कि अपनी ख़ुसी को किस तरह काबू मे रखे.
उधर गाड़ी स्टार्ट करके आगे बढ़ाने के साथ ही विकास ने प्रस्न किया," ये आपने क्या बात कही गुरु "
" कौन सी बात चेले "
" कि कातिल सरकार दंपति नही है "
" इसमे इतना बेचैन होने की क्या बात है दिलजले, तुम तो ये बात शुरू से ही कहते आ रहे हो "
" बेचैन होने की बात ही ये है, मैं शुरू से यही कह रहा था मगर आप मानने को तैयार नही थे, हर दलील के बावजूद यही कहे जा रहे थे कि कातिल सरकार दंपति ही है, सवाल उठता है क्यो, आपका विचार क्यो बदला, कम से कम मेरी नज़र मे तो अभी तक ऐसी कोई बात हुई नही है जिससे ये ध्वनित होता हो कि कातिल कोई और है, आपके विचार किस कारण से बदले "
" आमा छोड़ो मिया, तुम जानते ही हो कि हमे छोड़ने की बीमारी है "
" मतलब "
" कोई कारण नही है, ऐसे ही छोड़ दी "
" मैं नही मान सकता "
" क्या नही मान सकते "
" की ये बात आपने ऐसे ही छोड़ दी है "
" नही मान सकते तो मत मानो हमारे ठेंगे से " विजय ने कहा," हमारे अब्बा जान का क्या जाता है "
विकास इस बार कुछ बोला नही, बस सड़क से नज़र हटाकर बहुत गौर से विजय की तरफ देखा था और विजय ने कहा," सड़क पर देखो दिलजले वरना तुम्हारी इस नयी ताम-ताम का तिमाटर बन सकता है, साथ ही हम खुदा को प्यारे हो सकते है "
विकास पानी नज़रे सड़क पर स्थिर करता बोला," यानी आप नही बताएँगे कि आपके हाथ ऐसा कौनसा सुत्र लगा है जिसके बसे पर आप इस नतीजे पर पहुचे कि कातिल सरकार दंपति नही है "
" बोला ना यार, हमे छोड़ने की आदत है, ऐसे ही छोड़ दी "
" इतना ही नही " विकास ने कहा," ऐसा लगता है जैसे आपकी गिद्ध दृष्टि हत्यारे तक भी पहुच चुकी है, तभी तो ये कहा कि जब आप उसके चेहरे से नकाब हटाएँगे तो ठाकुर नाना तक के छक्के छूट जाएँगे, नाचते-नाचते फिरेंगे वे "
" पग्लाओ मत दिलजले, ऐसा कुछ नही है, रिलीफ दो अपने दिमाग़ को वरना ये तरबूज की तरह फट सकता है "
एक बार फिर चुप रह गया विकास क्योंकि समझ चुका था कि विजय गुरु इस बारे मे अभी कुछ भी बताने के मूड मे नही है पर चुप भी कितनी देर रहता, करीब आधे मिनिट बाद कहा," अच्छा छोड़िए उसे, मुझे आपसे दो सवालो के जवाब चाहिए "
" हमे तांत्रिक अंगूठी समझो प्यारे, जितने सवालो के जवाब चाहोगे मिल जाएँगे, करो "
" राजन सरकार के बेडरूम मे आपने ताली बजाने के साथ ऐसे अंदाज मे 'वो मारा' कहा था जैसे आपके हाथ कोई बड़ी कामयाबी लगी हो, उसके बाद बहुत हल्के-फुल्के हो गये थे आप, दूसरी बात, ये सिरदर्द का क्या चक्कर है, कहाँ से पैदा हो गया ये सिरदर्द का चक्कर, आपने राजन अंकल से ये सवाल क्यो किया "
" सोचो प्यारे....सोचो, भिडाओ खोपड़ी "
" काफ़ी सोचा लेकिन समझ नही पा रहा हू "
" तो तुम क्या खाक शरलॉक होम्ज़ बनॉगे दिलजले "
" मैंने कभी दावा नही किया कि मैं शरलॉक होम्ज़ बन सकता हू "
" जबकि हमारी आरज़ू है कि तुम वैसे बनो " विजय कहता चला गया," इसलिए हम तुम्हारे किसी सवाल का जवाब नही देंगे, तुम्हे खुद समझना पड़ेगा कि राजन सरकार के बेडरूम से हमे क्या सुत्र हाथ लगा, सिरदर्द के पीछे क्या है और अब हमे डिस्टर्ब करने की ज़रूरत नही है क्योंकि हमे नींद आ रही है " कहने के बाद उसने ना केवल आँखे बंद कर ली बल्कि खर्राटे लेने लगा.
विकास का दिमाग़ चक्करघिन्नी बना हुआ था, वही हालत मोंटो के जेहन की भी थी मगर विजय ज़्यादा देर तक सोने की अवस्था मे नही रहा, मुश्किल से 10 मिनिट बाद हड़बड़ाता-सा बोला," रोको, रोको दिलजले, अपने हवाइज़हाज़ को यही रोक दो "
" क..क्या हुआ " विकास चौंका था.
" अरे साइड मे लगाओ ना यार "
विकास ने पजेरो फूटपाथ पर उतारकर रोक दी.
" हमे यही उतार दो " विजय ने कहा," और तुम अभी अपने दडबे पर नही जाओगे बल्कि सारी रात नही जाओगे, तब तक नही जाओगे जब तक हमारी तरफ से हरी झंडी ना मिल जाए "
" और कहाँ जाउन्गा "
" ए-74 "
" यानी राजन अंकल के फ्लॅट पर "
" फ्लॅट पर नही, फ्लॅट के आसपास रहोगे, राजन सरकार पर नज़र रखोगे, इस तरह कि राजन सरकार को पता ना लग सके कि उसपर नज़र रखी जा रही है, ना ही किसी और को, हम समझते है कि तुम्हे ये बताने की ज़रूरत नही है कि अपने इस हवाइज़हाज़ को वहाँ से दूर रखोगे और अपना हुलिया भी चेंज कर लोगे "
" मैं भी यही चाहता था "
" क्या "
" यही कि उनपर नज़र रखी जानी चाहिए "
" क्यो "
" उनकी हिफ़ाज़त की खातिर "
" क्या तुम उन्हे ख़तरे मे समझते हो "
" हां "
" कैसे ख़तरे मे और क्यो "
" सारे हालात पर गौर किया जाए तो सॉफ नज़र आता है कि चंदू के इरादे नेक नही है, केवल 5 लाख के लिए तो इंदु आंटी के किडनॅप की बात ज़रा भी समझ मे नही आ रही और आपका ये कहना बिल्कुल दुरुस्त है कि अगर उन्हे इंदु आंटी को कोई नुकसान पहुचाना होता तो उन्हे किडनॅप नही करते बल्कि फ्लॅट मे ही पहुचा देते, सॉफ है कि वो कोई और खेल खेल रहा है और वो खेल राजन अंकल की जान लेना भी हो सकता है क्योंकि चंदू की नज़र मे वे उसकी माँ के हत्यारे है लेकिन.... "
" इतनी शानदार दास्तान सुनाते-सुनाते कहा अटक गये प्यारे "
" मेरे ख़याल से उनपर हमला तब किया जाना चाहिए जब वे चंदू आंड कंपनी की डिमॅंड पर 5 लाख लेकर वहाँ पहुचेंगे जहाँ उन्हे बुलाया जाएगा "
" यदि उनका मकसद सरकार-ए-आली की जान लेना ही होता तो कान हो इतना घूमाकर पकड़ने की क्या ज़रूरत थी कि सरकारनी को किडनॅप करे, फिरौती के बहाने सरकार-ए-आली को कहीं बुलाए और हमला करे, सीधे-सीधे भी हमला कर सकते थे "
" कहीं भी हमला करना मुश्किल होता है गुरु जबकि अपनी जगह पर बुलाकर हमला करना बेहद आसान, दूसरी बात, मुमकिन है कि वे सरकार दंपति की जान के साथ 5 लाख भी चाहते हो "
" जियो दिलजले...जियो, अब लग रहा है कि तुम शरलॉक होम्ज़ बन सकते हो, इस मामले मे तुमने ठीक उसी तरह सोचा जिस तरह हम सोच रहे है, सरकार-ए-आली पर नज़र रखने का मतलब ये है कि तुम्हे उनकी हिफ़ाज़त करनी है, फिर भी, इस भुलावे मे ना रहना कि हमला तभी किया जाएगा जब वे फिरौती लेकर उनके बुलाए स्थान पर जाएँगे, उससे पहले भी हो सकता है या ये भी हो सकता है कि कोई उनसे संपर्क साधने की कोशिश करे, ऐसी कोशिश होते ही तुम्हे कोशिश करने वाले को दबोच लेना है "
" ये भी कोई कहने की बात है "
" फूटो "
" यहाँ क्यो उतर रहे है, मैं आपको कोठी पर छोड़ दूँगा "
" तुम निकलो प्यारे, हम यहीं ठीक है "
" क्या आप आशा आंटी से मिलने जा रहे है "
" आय-हाय, किस हुसनपरी का नाम ले दिया, पर ये बात तुमने कही क्यो दिलजले "
" आशा आंटी का फ्लॅट सामने वाली बिल्डिंग मे है और आप यही उतरने की ज़िद पर अड़े हुए है, क्या आप मुझे इतना नादान समझ रहे है कि इस ज़िद का कारण नही समझ सकता "
विजय को कहना पड़ा," तुम तो यार अचानक ही ज़रूरत से ज़्यादा स्मार्ट नज़र आने लगे हो "
" आप भी तो अचानक ही ज़रूरत से ज़्यादा सक्रिय नज़र आने लगे है " विकास मुस्कुराता हुआ बोला.
" मतलब "
" आशा आंटी के पास आप सोशियल विज़िट के लिए तो जाने से रहे, ज़रूर उनके लिए भी आपके दिमाग़ मे कोई काम है "
" अब ज़्यादा स्मार्ट ना बनो और फूटो यहाँ से "
" ओके "
और फिर उन्होने विपरीत दिशाए पकड़ ली.
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