Desi Sex Kahani कामिनी की कामुक गाथा
11-27-2020, 03:53 PM,
#22
RE: Desi Sex Kahani कामिनी की कामुक गाथा
फिर मैं अपने बाप को साथ ले कर नानाजी के कार से ही निकल पड़ी.
तीनों बूढ़े असहाय भाव से मुझे देखते रह गए.
करीम ड्राईवर ही कार ड्राइव कर रहा था.
मैं पीछे की सीट पर पापा के साथ बैठी थी.
मैं ने उनको समझा दिया कि सरदारजी के घर के बाहर मेरा इंतजार करें.
जैसे ही कार स्टार्ट हुआ,
पापा ने मुझे कमर से पकड़ कर अपनी ओर खींच कर सटा लिया.
बांया हाथ मेरी कमर पर था और दाहिने हाथ से मेरी चूचियों पर हाथ साफ करने लगा.
फिर जैसे ही मुझे चूमने को था, मैं ने उन्हें आंख दिखाई.

रीयर व्यू आइने में करीम चाचा ने हमारी हरकतों को देख लिया और बोला,
“यह क्या हो रहा है हरिया? साले अकेले अकेले?”
पापा हड़बड़ा गये.
“अरे कुछ नहीं भाई”.
“क्या कुछ नहीं साले.
मुझे उल्लू समझा है? हमने सब कुछ देख लिया है.
लगता है तूने अकेले अकेले इस पर हाथ साफ कर लिया है.
मुझे भूल गए क्या साले हरामी?
याद है ना, आजतक हम मिल बांट कर खाए हैं.
हां तो कम्मो बिटिया,
हम पर भी थोड़ी मेहरबानी कर देना, नहीं तो मालिक को सब बता दूंगा.”
वह बोला.
मैं घबराकर बोली, “नहीं करीम चाचा,
प्लीज घर में किसी को कुछ मत बताइएगा. मैं आपकी ख्वाहिश पूरी करने को तैयार हूं.”
मुझे पापा पर गुस्सा आ रहा था,
“न जगह देखा न माहौल देखा,
बस शुरू हो गये.” मैं ने पापा को डांटा.
पापा खिसिया कर मुझ पर से हाथ हटा लिए. करीम चाचा को इस बात का ज़रा भी आभास नहीं था कि हरी मेरा सगा बाप है.
पता नहीं इस प्रकार के अनैतिक रिश्ते के बारे में जानकर उनकी प्रतिक्रिया क्या होती.

खैर मैंने बात को दूसरी ओर मोड़ दिया और कहा, “देखिए फिलहाल तो हम उस सरदारजी से निपट लें, उसके बाद आपको जो करना है कर लीजिएगा.”
“ठीक है, तो अभी सरदारजी से निपटने के लिए तुम्हारा प्लान क्या है?”
पापा ने पूछा.
” उसकी टेंशन आप लोग मत लीजिए.
आप लोग केवल बाहर मेरा इंतजार कीजियेगा.
मुझे उससे वह वीडियो हासिल करना है बस.
जरूरत पड़ी तो बुला लूंगी.
जैसे ही मेरा काम हो जाएगा, मैं आ जाऊंगी.
फिर हम वापस लौट चलेंगे,” मैं ने पूरे आत्मविश्वास से कहा.
करीब 15 मिनट में हम लालपुर चौक पहुंचे. चौक के पास एक पेट्रोल पंप के पास ही सरदारजी खड़े थे.
मैं ने करीम चाचा को थोड़ा किनारे कर के कार खड़ी करने को कहा और कार से उतर कर सरदारजी के पास गयी.
जैसे ही उसने मुझे देखा, उसकी बांछें खिल गईं.
वे झक्क सफेद रेशमी चूड़ीदार पाजामा और कुर्ता में थे. लाल पगड़ी में खूब फब रहे थे.

“गुड ईवनिंग सरदारजी” मैं पास पहुंच कर बोली.
“गुड, तुम बिल्कुल समय पर आ गई हो.
चलो यहीं सामने मेरा घर है.” वे प्रसन्नता से बोले.
मैं ने सामने एक आलिशान बंगला देखा,
जिसका गेट खुला था.
गेट पर कोई पहरेदार नहीं था.
मैं सरदारजी के पीछे पीछे गेट के अंदर आई तो सरदारजी ने गेट बंद कर सिटकनी लगा दिया लेकिन ताला नहीं लगाया.
उस सुनसान आलिशान बंगले में लाईट जल रही थी जिसका मुख्य द्वार बंद था किन्तु सिर्फ उढ़का हुआ था.
सामने बरामदा था जिसे पार कर के मुख्य द्वार तक आए.
ढकेलने से ही दरवाजा खुल गया और हम ड्राइंग रूम में आये.
ड्राइंग रूम में पहले से एक काला कलूटा भीमकाय हब्शी बैठा हुआ था.
करीब 50 – 55 की उम्र का. लाल लाल होंठ बाहर की ओर निकले हुए थे,
गोल चेहरा, सर पर अधपके घुंघराले बाल,
नशे से बोझिल आंखों को बड़ा बड़ा करके मुझे वहशी अंदाज में देखने लगा.
टेबल पर विदेशी दारू की आधी खाली बोतल और दो ग्लास आधी खाली थी और सामने एक प्लेट पर काजू और बादाम रखा हुआ था.
इसका मतलब ये लोग पहले से पी रहे थे.
” Come gurpreet, oh so this the girl. So young? She will die if I will fuck her.
(आओ गुरप्रीत, ओह तो यह है लौंडिया.
इतनी कम उमर की? इसको चोदेंगे तो यह तो मर ही जाएगी.)”
उस दैत्य ने अंग्रेजी में कहा,
शायद उसे हिंदी बोलना नहीं आता था.
“डोंट वरी सर, इसे कुछ नहीं होगा.
मैं जानता हूं. आप आराम से जैसे मर्जी चोद सकते हैं.”
सरदार बोला. उसका boss हिंदी समझता था.
उनकी बातें सुन कर पहले तो घबराई,
मगर फिर संभल कर बोली, “यह क्या सरदारजी, आप तो रंडी की तरह किसी के सामने भी मुझे परोसे दे रहे हैं.”
“चुपचाप मेरे boss को खुश कर दे, नखरे न कर.
सर चलिए इसे बेडरूम में ले कर चलते हैं.” सरदार बोला.

“नहीं, आप ये ग़लत कर रहे हैं. आपके पास मेरा वीडियो है तो इसका मतलब आप किसी से भी मुझे चुदवा लीजिएगा?” मैं ने विरोध किया.

“चुप साली रंडी, चुपचाप चल बेडरूम में.”
गाली देता हुआ मेरा हाथ पकड़ा और बड़े से बेडरूम में ले आया.

मैं सोच रही थी कि अगर सरदार अकेला होता तो आराम से उसका मोबाइल छीन लेती और वीडियो डिलीट कर देती,
मगर यहां तो दो दो पहलवान मौजूद थे.
मैं ने फिलहाल चुपचाप उसकी बात ली,
फिर भी मैं उपयुक्त मौके की ताक में थी.
मैं थोड़ी घबराई हुई थी, उस लंबे चौड़े भैंस जैसे पहलवान टाईप हब्शी को कैसे झेल पाऊंगी.
जब वह खड़ा हुआ तो देखा,
उसका कद करीब करीब छः फुट नौ इंच के करीब रहा होगा.

हमारे पीछे पीछे वह हब्शी भी झूमता हुआ अंदर आया और सरदार को बोला,
” Now you stay outside till i am fucking her.
(अब तुम बाहर रुको जब तक मैं इसे चोद रहा हूं.)
Come baby, lets have fun.
(आओ बेबी हम मजा करें).”
सरदार आज्ञाकारी नौकर की तरह चुपचाप बाहर निकल गया.
उसका boss मेरे पास आया और मुझे अपनी मजबूत बाहों में भर कर चूमने लगा.
मैं 5 फुट 8 इंच कद की होती हुई भी उसके सामने बच्ची लग रही थी.
मैं ने कोई विरोध नहीं किया और उसकी बांहों में बंधी उससे सहयोग करने लगी.
वह मेरे कपड़े उतारने लगा.
मेरे तन से पूरा कपड़ा उतार कर नंगी कर दिया और आंखें फाड़कर मेरी मदमस्त जवानी का दीदार करने लगा.
(oh so beautiful and sexy)
” ओह इतनी सुन्दर और सेक्सी.” मैं चाहती थी कि जल्दी इसे निपटा कर फारिग हो जाऊं और सरदार की खबर लूं.
मैं खुद ही बेशरम हो कर उस हब्शी के पैंट शर्ट को उतारने लगी.
ज्यों ही उसका पैंट खुला मैं उसकी चड्डी देख कर दंग रह गयी. चड्डी सामने से फूल कर विशाल लंड की चुगली कर रहा था.
डरते हुए जैसे ही उसकी चड्डी नीचे की, भयानक काला और मोटा करीब चार इंच और लंबा करीब दस इंच का लौड़ा उछल कर मेरे सामने आ गया.
मैं घबराकर एक कदम पीछे हट गई.

इससे पहले कि मैं उस हौलनाक दृश्य के सदमे से उबर पाती,
हब्शी ने ने मुझे गोद में उठा लिया और बेड पर लिटा कर पागलों की तरह मुझ पर टूट पड़ा.
बड़ी बेरहमी से मुझे चूमना चाटना, मेरी चूचियों को मसलना और चूसना शुरू कर दिया.
डर और घबराहट के बावजूद उसकी उत्तेजक हरकतों से मैं भी उत्तेजित हो गई और,
“ओह आह इस्स्स इस्स्स” करने लगी.
मेरी चूत पनिया उठी थी.
अब उसका ध्यान मेरी चुद चुद कर फूली हुई पनियाई चूत की ओर गया.
उसकी खुशी मैं स्पष्ट देख रही थी.
वह भी समझ गया कि मै बिल्कुल तैयार माल हूं.
मुझे चोदने में उसे कोई समस्या नहीं होगी.
वह पहले अपने लंबे और मोटे जीभ से मेरी चूत चाटना शुरू किया.
मैं बेहद चुदासी के आलम में पूरा पैर फैला कर छटपटाती हूई अपनी कमर नीचे से उछालने लगी और उत्तेजना के मारे मेरी सिसकारियां निकलने लगीं.
बिना यह सोचे कि उसके विशाल लंड से चुदने से मेरी चूत का क्या हाल होगा मैं बड़बड़ाने लगी,
“अब चोद भी लीजिए सर, और मत तड़पाईए.” इस्स्स इस्स्स करने लगी.

“Yes my bitch, now I’m going to fuck your nice cunt, get ready”
(हां मेरी कुतिया, अब मैं तेरी सुंदर चूत को चोदने जा रहा हूं, तैयार हो जाओ.)
उस हब्शी ने जब मेरा यह हाल देखा तो मेरे दोनों पैरों को फैला कर उठाया और अपने कंधे पर रख लिया और अपना गधे सरीखे विशाल लौड़े का सुपाड़ा मेरी चूत के मुहाने पर रख कर रगड़ना शुरू किया और बोला.

“हां अब चोद भी डालिए सर”, मैं बेताबी से बोली.
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RE: Desi Sex Kahani कामिनी की कामुक गाथा - by desiaks - 11-27-2020, 03:53 PM

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