Desi Sex Kahani कामिनी की कामुक गाथा
11-27-2020, 03:55 PM,
#31
RE: Desi Sex Kahani कामिनी की कामुक गाथा
“चुप साली हरामजादी, तू खुद मेरे लंड में गिर रही है और चिल्ला रही है, हट मेरे ऊपर से” मैं ने बनावटी गुस्से से डांटा। उसको भी लगने लगा कि यह एक एक्सीडेंट है, अतः फिर उठने की कोशिश करने लगी लेकिन असफल रही। जितनी बार कोशिश करती उतनी बार मेरा लौड़ा अंदर बाहर होता।

“हाय रे मोय आईज मोईर जाबों (हाय, मैं आज मर जाऊंगी)। माय रे बाप रे” चिल्ला चिल्ला कर रोने लगी थी। लेकिन यह कुछ ही देर की बात थी, फिर तो उसे भी मजा आने लगा और शरमाती हुई अपने आप कमर चलाने लगी। उसकी सिसकारियां निकलने लगी थी। अब मैं समझ गया कि अब खुल के चोदने का समय आ गया है।

मैं बोला, “अब क्या हुआ? अब काहे हटती नहीं है?”

वह शरमाती हुई कमर चलाती धीरे से बोली, “अच्छा लग रहा है अब”

“ओह तो यह बात है। सीधे बोल ना चुदवाने का मन हो गया है।” मैं बोला और उसको नीचे करके दोनों पैरों को फैलाकर घपाघप चोदना शुरू किया। वह अपने दोनों पैरों से मेरी कमर को जकड़ कर चुदाई का मजा लेने लगी, “आह राजा ओह बाबू खूब मज़ा आ रहा है जी, और जोर से चोदिए राजा, ओह ओह”

अब मैं पागल हो गया था, उसकी ब्लाऊज को खोल कर बड़े बड़े चूचियों को दबाने और मसलने लगा और धकाधक चोदने लगा। “साली रंडी इसी के लिए इतना नाटक कर रही थी हरामजादी कुतिया अभी देख कैसा मज़ा आ रहा है।” मैं बोल रहा था।

“हां राजा ओह सैंया, ओह चोदू, चोद हरामी चोद, साले कुत्ते हम सब समझते हैं, हमको चोदने के लिए ड्रामा किया मादरचोद, चोद हरामजादा, अपना मोटा लौड़ा से आह ओ्ओ्ओ्ओह” अब वह शर्मोहया को ताक में रखकर चुदने लगी थी।

उधर हरिया कमला को उलट पलट कर चोदने में लगा हुआ था। कमला भी खूब मज़ा ले रही थी। करीब आधे घंटे तक हमने उनको चोद चोद कर पगली कर दिया था और वो दोनों हमारे चुदाई की दिवानी हो गई थी। आधे घंटे बाद जब हम खलास हुए, तब तक तो वे दोनों हमारे लौड़ों की पुजारन बन चुकी थी। चुदाई के बाद जब हम उठे तो हीरा और कमला की हालत देखने लायक थी। उठने के लिए तेल वाले जगह से लुढ़क कर फर्श के भूखे भाग में गये। चुदने के बाद उनकी चूत फूल कर पावरोटी की तरह हो गई थी। खड़े हो कर ठीक से चल भी नहीं पा रहे थे। सबसे बुरी हालत कमला की थी। फिर भी कमला मुझसे बोली, “मेरा गांड़ आधा चोद कर छोड़ दिया ना”

“तू अभी रुक, पांच मिनट बाद तेरी गांड़ की चटनी बनाता हूं।” वह ना ना करती रही मगर मैं उसे उठा कर सोफे पर झुका कर कुतिया बना दिया और उसकी गांड़ चाटने लगा। कुछ ही देर में मेरा लौड़ा फिर खड़ा हो गया और वह भी मस्ती में आह ओह करने लगी। उसी समय उसके गांड़ में थूक लगा कर अपना लौड़ा पेल दिया। “हाय हाय” कर उठी वह। फिर तो पूरी कुतिया की तरह पन्द्रह मिनट तक चोदने के बाद ही उसे छोड़ा। इस दौरान हीरा और हरिया हमारी चुदाई के लिए तालियां बजाते रहे। कमला तो ठीक से खड़ी भी नहीं हो पा रही थी।

उस दिन के बाद से जबतक घर का काम नहीं खत्म हुआ हम दोनों कमला और हीरा को रोज मौका निकाल निकाल कर अदल बदल के चोदने लगे। इसी दौरान पता चला कि हीरा गर्भवती हो गई है। लेकिन तब तक घर का काम भी तकरीबन खतम हो गया था। घर काम खत्म होने के बाद भी हम कमला को चोदने पहुंच जाते थे और पास के जंगल में ले जाकर चोद लेते थे। फिर काम के सिलसिले में कमला का आदमी कमला को लेकर अंडमान चला गया। इधर बच्चा होने के साल भर बाद हीरा एक दिन आई और बोली कि उसे हमारी बहुत याद आती है। हमने उसको बच्चा जो दिया था। वह हमारी अहसानमंद थी। हमारे लंड की दीवानी तो थी ही। हमारे अहसान के बदले उसने हमें कहा कि हम जब चाहें उसे चोद सकते हैं। हमें और क्या चाहिए था। । बच्चा होने के बाद उसकी चूचियों का साइज़ और बड़ा बड़ा हो गया था, दूध से थलथला कर भरा हुआ। उसी समय वहीं पर हम दोनों ने उसे पूरी नंगी करके उसके कोयले जैसे काले बदन को पूरे दो घंटे तक जम के चोदा, उसकी थलथलाती चूचियों को दबा दबा कर चूसा और दूध पिया, बुर चोदा, गांड़ चोदा, लंड चुसवाया। जी भर के मन मुताबिक मजा लिया। फिर धीरे धीरे हमारा मिलना कम हो गया। अभी तो वह भी करीब 55 साल की हो गई है, लेकिन अभी भी कभी कभी मिलते हैं तो उसको चोदने का अलग ही मजा मिलता है।”

इतना सुनते सुनते मैं इतनी उत्तेजित हो उठी थी कि बेसाख्ता बोल पड़ी, “बस बस, अभी इतना ही बताईए। मैं सुन कर बहुत गरम हो गई हूं। आप लोगों का लंड भी टनटना गया है। एक बार फिर से मुझे भी उन्हीं रेजा लोगों के जैसा समझ लीजिए और वही कीजिए जैसे उनके साथ किया था” मैं उत्तेजना के अतिरेक में पागल हो कर बोल उठी। मुझे क्या पता था कि इस तरह मैं ने दो वहशी जानवरों के अंदर के राक्षसों को जगा दिया है। फिर तो क़यामत आ गया। दोनों खुंखार दरिंदे मुझ पर टूट पड़े और करीम चाचा मेरी चूचियों को इतनी बुरी तरह मसलने लगे कि मैं चीख पड़ी। “आ्आ्आ्आ्ह्ह्ह्ह्, धीरे धीरे ओ्ओ्ओ्ओ्ओमार ही डालोगे क्या?” मैं तड़प उठी।

“चुप साली बुर चोदी रंडी, अभी तू हीरा है। अभी तेरी चूत का भोसड़ा बनाता हूं” कहता हुआ मुझे पलट दिया और टांगें फैला कर अपना मूसल लंड मेरी पनियायी बुर के मुहाने पर रख कर एक ही झटके में पूरा जड़ तक सर्र से पेल दिया। अचानक एक ही बार में पूरा लंड अन्दर घुसा तो एकबारगी उठे दर्द से बिलबिला उठी। “आह हरामी धीरे”

“बंद कर चिल्लाना हरामजादी कुतिया, तू अभी रेजा है। हरिया तू इसकी गांड़ का भुर्ता बना, आज साली बुर चोदी को सच का रंडी रेजा बना दे।” कहता हुआ बड़ी बेरहमी से मेरी चूत में भकाभक लंड ठोकने लगा। और करवट ले कर ख़ुद नीचे आ गया और मैं उसके ऊपर। मेरी गांड़ जैसे ही ऊपर हुई मेरा बाप अपना फनफनाता लौड़ा भच्च से एक ही करारे धक्के से पूरा का पूरा मेरी गांड़ में उतार दिया। एक ही बार में सड़ाक से जब उसका लंड मेरी गांड़ में घुसा तो मैं दर्द के मारे तड़प उठी। “हाय धीरे करो ना प्लीज”

” कुतिया अब बोलती है धीरे करो चूत मरानी अभी बोल रही थी रेजा जैसे चोदो, साली तू अभी रेजा है, अभी मैं तेरी गांड़ का भुर्ता बनाऊंगा, गांड़ का गूदा निकाल दूंगा रंडी कहीं की” बोलते हुए मेरा बाप मेरी गांड़ का कचूमर निकालने लगा।

मैं ने खुद उनके अंदर के जानवर को जगाया था इसलिए मुझे भुगतना ही था। दांत भींचे चुदती जा रही थी। मुझे ऐसा लग रहा था कि मानो मेरा बलात्कार हो रहा हो। धीरे धीरे मुझे इसमें अद्भुत आनंद का अनुभव होने लगा। “ओह आह चोद बेटी चोद, हरामी मादरचोद, कुत्ते, मुझे रंडी बना, कुतिया बना, आह ओह” मैं बोल रही थी। दोनों मुझे पैंतीस मिनट तक जंगली जानवरों की तरह नोचते खसोटते हुए भंभोड़ते रहे और उनकी हर हरकतों और गालियों से मुझे बेहद मज़ा आ रहा था। सबसे पहले मैं खलास हुई फिर करीम चाचा खलास होने वाले थे, अचानक ही उन्होंने अपना लौड़ा मेरी चूत से निकाल कर मेरे मुंह में ठूंस दिया और फचफचा कर मुझे अपना नमकीन और कसैला वीर्य पिलाने लगे और मैं हलक में उतारने को वाध्य हो गई। जैसे ही करीम चाचा हटे मेरे पापा भी अपना लौड़ा मेरी गांड़ से निकाल कर मेरे मुंह में घुसा दीए और फचफचा कर अपना मदन रस उंडेलने लगे। मैं उनका वीर्य भी पीने को वाध्य हो गई। उनके लंड से निकलने वाले एक एक कतरे को पीना पड़ा क्योंकि पूरे स्खलन के दौरान उनका लंड मेरे मुंह में अड़ा हुआ था।

अब हम थक कर चूर हो गये थे। “हां तो हमारी हीरा, हमारी कमला, हमारी रंडी रेजा, कैसा लगा रेजा बन के?” करीम चाचा पूछे।

“आह पूछिए मत, बहुत मजा आया। आप लोग सचमुच में बहुत हरामी और प्यारे जंगली कुत्ते हो। प्यारे चुदक्कड़ जंगली जानवर।” मैं बोली और उनके नंगे जिस्म से लिपट कर प्यार भरा चुम्बन दे बैठी।

वे दोनों पूर्ण संतुष्टि के भाव लिए मंद मंद मुस्कुरा रहे थे।

इसके बाद की घटना अगले भाग में।
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RE: Desi Sex Kahani कामिनी की कामुक गाथा - by desiaks - 11-27-2020, 03:55 PM

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