Desi Sex Kahani कामिनी की कामुक गाथा
11-27-2020, 11:03 PM,
#97
RE: Desi Sex Kahani कामिनी की कामुक गाथा
सारे पुरुष एक स्वर में बोल उठे, “मंजूर है, मंजूर है” मर्दों के लिए क्या है, तीनों स्त्रियों में कोई भी चलेगी, तीनों अपने आप में कम नहीं थीं। किंतु मम्मी और चाची असमंजस में थीं। सशंकित होते हुए भी अंततः उन्होंने भी अपनी मंजूरी दे दी। मैं ने डिब्बों से पुर्जी निकालने के लिए पंडित जी को आमंत्रित किया। पहली ही पर्ची में चाची जी का नाम “रमा” निकला। सभी तालियां बजाने लगे। चाची झिझकते हुए सबके सामने आई। दूसरे डिब्बे से पर्ची निकाली। लिखा था “कपड़े उतारो”।

चाची विरोध करते हुए बोली, “यह चीटिंग है।”

“चीटिंग कैसा? हां, पर्ची में लिखा मैंने है, किन्तु पर्ची निकालने वाला तो पर्चियों को पहचानता नहीं है। वैसे भी पंडित जी तो इस खेल में संयोग से ही शामिल हुए हैं, इनको पर्चियों के बारे में क्या पता है।” मैं बोली और सभी ने एक स्वर से मेरा समर्थन किया, क्योंकि अब सभी को आभास हो चुका था कि खेल बड़ा ही मनोरंजक होने वाला है। हां चीटिंग तो मैं कर रही थी, क्योंकि पंडित जी को मैं ने पहले ही फोन पर पर्चियों की पहचान (अलग अलग रंगों के मार्कर के मार्क) के बारे में सब कुछ बता दिया था।

चाची मजबूर थी। पहले उन्होंने साड़ी उतारी। “पूरे कपड़े, पूरे कपड़े।” सभी बोल उठे। सभी पुरुषों के लिंग सिर उठाने लगे थे। फिर ब्लाऊज खुला। उफ्फ क्या नजारा था, ब्रा से बमुश्किल कसे हुए विशाल उरोज बाहर छलक पड़ने को आतुर। मर्दों के मुख से लार टपकने लगे थे। खास कर हरिया का लिंग तो तन कर पैजामा फाड़ कर बाहर निकल आने को बेताब हो रहा था। फिर नंबर आया पेटीकोट का। झिझकते हुए चाची ने पेटीकोट का नाड़ा खींच दिया और लो, एक झटके में पेटीकोट कालीन को चूमने लगा। ओह गजब का दृश्य था। कसी हुई पैंटी में भी चाची की फूली हुई योनि का उभार और योनि के मध्य का दरार स्पष्ट दृष्टिगोचर हो रहा था। कमरे की दूधिया रोशनी में मझोले कद से तनिक कम, करीब पांच फुट की चाची की उत्तेजक काया दमक रही थी। केले के थंभ की मानिंद जंघाएं और गोल गोल अनुपात से बड़े-बड़े नितंबों की छटा देखते ही बन रही थी। पिछली रात सबके सामने पंडित जी के कामुकता की भीषणता झेल चुकने के बावजूद इस वक्त लाज से दोहरी हुई जा रही थी। अब बारी थी ब्रा और पैंटी की। सभी सांस रोके इंतजार कर रहे थे।

“बस बस और नहीं प्लीज।” चाची ना नुकुर करने लगी। “चुप साली रंडी, कल रात को सब के सामने बेशरम कुतिया की तरह पंडित जी का लौड़ा खा रही थी तब कुछ नहीं हुआ और अब नखरे कर रही है। चल उतार जल्दी।” नानाजी अब बेहद उत्तेजित हो चुके थे। चाची मजबूर थी, खेल के नियम के अनुसार उसे कार्य को पूरा करना ही था। उसने धीरे से अपनी ब्रा का हुक खोल दिया और अपनी बड़ी बड़ी कबूतरियों को बंधन से मुक्त कर दिया। चाची के बड़े बड़े उरोज बेपर्दा हो कर कमरे की रोशनी में दमक उठे। सबके मुंह खुले के खुले रह गए। कल रात को वासना की आंधी में किसी ने इतनी अच्छी तरह चाची के इन विशाल गोल गोल दर्शनीय उरोजों का दीदार नहीं किया था। वहां उपस्थित मर्दों का वश चलता तो चाची पर टूट ही पड़ते, किंतु खेल के नियम से बंधे, अपने अपने स्थान पर बैठे कसमसा कर रह गए। अब बारी थी बहुप्रतीक्षित योनि के बेपर्दा होने की। इतनी देर में शनै: शनै: चाची भी भीतर ही भीतर उत्तेजित होती जा रही थी, जिसकी चुगली उनके खड़े हो चुके चूचक और पैंटी के अग्रभाग में आ चुकी नमी कर रहे थे। चाची ने अब तक अपने को पूर्ण रूप से परिस्थिति के हवाले कर दिया था और एक ही झटके में पैंटी से मुक्त हो गई। इस्स, क्या ही रसीली योनि थी चाची की। फूली फूली योनि, योनि के ऊपर काले काले रोयें और योनि की दरार के निकट चिकना तरल स्पष्ट दिखाई दे रहा था। पूर्णतय: नग्न चाची की दपदपाती कामोत्तेजक काया मानो माहौल में आग लगा डालने को बेताब थी। माहौल में अब एक चिंगारी दिखाने की देर थी, फिर तो क़यामत ही आ जाना था।

“लो हो गया ना। अब?” चाची ने फौरन पूछा।

“अभी आप वहीं उसी तरह खड़ी रहिए। अभी हम खेल आगे बढ़ाते हैं।” मैं फौरन बोली और चाची के सारे कपड़े समेट कर और कमरे के एक कोने में रख दी।

अब मैं ने पंडित जी को पहले डिब्बे से पर्ची निकालने का निर्देश दिया जिसका पालन उन्होंने तत्काल ही किया। नाम निकला “हरिया”। हरिया के शरीर में तो मानो बिजली दौड़ गई। पल भर में उछल कर सीधे बीच में आ गया। उसकी स्थिति देख कर सभी ठठा कर हंस पड़े। हालांकि उत्तेजना के मारे सभी मर्दों की हालत ऐसी ही थी। हरिया के लिए कार्य निकला, “बुत बन कर खड़े रहो।” हरिया खिसिया गया लेकिन खेल के नियम के अनुसार उसे बुत बन जाना पड़ा। “ये हैं चाची के पहले पार्टनर” मैं बोली। चाची विरोध करने की स्थिति में नहीं थी, चुपचाप खड़ी रही। फिर नाम निकला, “रमा”।

कहानी जारी रहेगी
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RE: Desi Sex Kahani कामिनी की कामुक गाथा - by desiaks - 11-27-2020, 11:03 PM

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