Desi Sex Kahani कामिनी की कामुक गाथा
11-28-2020, 02:05 PM,
RE: Desi Sex Kahani कामिनी की कामुक गाथा
ओह साली की होंठ है कि चूत, उफ्फ्फ अल्लाह, आह्ह्ह्ह्ह मजा आ रहा है वाह" साहिल खिल उठा मेरी इस अदा से। मैं गिनना भूल गई कि उन तीनों की सम्मिलित चुदाई के दौरान कितनी बार झड़ी। करीब पैंंतालीस मिनट तक तो सरदार नें ही चोदते चोदते मेरी चूत का भोसड़ा बना दिया। वह जब झड़ने लगा तो मुझे इतनी सख्ती से जकड़ा कि मानो मेरी सारी पसलियां कड़कड़ा उठी हों। उसके झड़ने के कुछ पलों पश्चात ही घासीराम भी फचफचा कर मेरी गुदा में ही अपने गरमागरम वीर्य का पिचकारी छोड़ने लगा। जैसे ही सरदार किसी जंगली भालू की तरह मुझे चोद कर हांफते हुए हटा, साहिल ने मोर्चा संभाल लिया। मेरे मुह से अपना लिंग निकाल कल सीधे मेरी चूत मे सट्ट से घुसा दिया। इधर घासी भी मेरी गुदा में अपना मदन रस सींच कर मैदान छोड़ चुका था। अब साहिल पूरी स्वतंत्रता के साथ मेरे शरीर से खिलवाड़ करने लगा। मेरी चूचियों को अपने विशाल पंजों से बीच बीच में भींचते हुए मुझे चीखने के लिए मजबूर करता करता। चोदने के अंतहीन ठापों से मुझे बेहाल कर दिया उसनें। झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था। लंबे कद और छरहरे बदन का होने के साथ ही साथ काफी लचीला भी था वह। अलग अलग मुद्राओं में उलट पलट कर, तोड़ मरोड़ कर, मेरी चुदाई किए जा रहा था। उसके खतना किए हुए लिंग का भी असर रहा हो शायद, जो उसकी स्तंभन क्षमता इतनी अधिक थी। पानी पानी कर दिया था मुझे। घासीराम, फिर सरदार, और अब साहिल की अंतहीन चुदाई ने मुझे पूरी तरह निचोड़ कर रख दिया था कितनी बार झड़ती रही पता नहीं। बलराम, श्यामलाल के चक्कर में पड़कर मैं कहां से कहाँ पहुंच गई थी मैं। पूरी रंडी बन गई थी मैं उस रात।
"उफ्फ्फ मेरे चोदू, मार ही डालोगे क्या आज? आह्ह्ह्ह्ह, ओह्ह्ह्ह, ओह्ह्ह्ह मां्म्म्आ्आ्आ्आ्आ", मैं अपनी पूरी कोशिश करती रही कि किसी तरह इस चुदक्कड़ जानवर की हवस पूरी करके निजात पाऊं। शायद उसके अल्लाह को मुझ पर तरस आ गया, अंततः, करीब एक घंटे की अथक चुदाई के पश्चात स्खलित हुआ वह कमीना। मैं पूरी तरह नुच चुद कर किसी बेजान गुड़िया की तरह बिस्तर पर फैल गई। वे तीनों मुझे चोदकर बेहद खुश हो रहे थे। मेरे बेजान पड़े शरीर के करीब आ कर पुनः मेरे अंग प्रत्यंग का दीदार कर रहे थे। अपनी किस्मत पर शायद उन्हें भी यकीन नहीं हो रहा था कि इतनी खूबसूरत चिड़िया का शिकार किया था उन लोगों ने। उस वक्त रात का करीब बारह बज रहा था।

"चल घासीराम, एक एक ग्लास और दारू दे। इस मैडम को भी पिला। थोड़ी जान आ जाएगी इस मैडम के शरीर में भी। साली अभी इतनी रात को कहाँ जाएगी। सवेरा होने में अभी बहुत समय है। तबतक हमलोग और थोड़ी मस्ती करते हैं। ऐसी लौंडिया हमें मिलती कहाँ है।" सरदार मेरे शरीर को लार टपकाती नजरों से देखते हुए बोला।
"नहीं नहीं प्लीज, मर जाऊंगी मैं। बहुत हो गया, अब आज और नहीं।" कांप उठी थी मैं।
"अब तू कुछ न बोल रंडी। हमने देख ली तेरी हिम्मत और ताकत। चुपचाप यह दारू पी और हमारे साथ मस्ती करने के लिए तैयार हो जा। तेरे जैसी खूबसूरत चुदक्कड़ औरत हमें और कभी मिलेगी भी या नहीं पता नहीं। आज तो जिंदगी में पहली बार तू हमारी किस्मत से मिली है। ऐसे कैसे छोड़ दें।" सरदार बोला। मैं समझ गई कि आज बड़ी बुरी फंसी हूं मैं। छुटकारे का कोई और मार्ग नहीं था। फिर मन ही मन सोचने लगी कि चलो झेल ही लिया जाय। आखिर मैं भी एक नंबर की चुदक्कड़ जो ठहरी। वैसे भी कल रविवार है, पूरा दिन आराम ही तो करना है।
"ठीक है बाबा ठीक है, लाओ दारू लाओ हरामियों, थोड़ा मेरे बदन में भी जान आने दो, फिर चोदते रहना मादरचोदो। रंडी तो बना ही दिया साले कमीनो, अब जब चुदना ही है तो खुल के क्यों न चुदूं।" मैं खुल कर एकदम रंडीपन पर उतर आई। घर में हरिया को फोन कर दिया कि रात को मैं नहीं आऊंगी, मैं आवश्यक कार्य में व्यस्त हूँ। तीनों कमीनों की बांछें खिल उठी। उसके बाद उस कमरे में वासना का जो नंगा नाच हुआ, वह सवेरे तक चलता रहा। मुझे चलने फिरने तक भी नहीं छोडा़ कुत्तों ने।
"वाह मैडम, दिल खुश कर दिया आपने, वरना आप जैसी खूबसूरत औरतें हमें तो घास तक नहीं डालतींं। यहां की जवान बूढ़ी गरीब मजदूर औरतों से काम चलाना पड़ता है। आपकी दरियादिली का तहे दिल से शुक्रिया।" मुझे छोड़ते वक्त साहिल बोला। उसकी बातों से ऐसा लग रहा था मानो मैंने उन पर बड़ा उपकार किया हो। बेचारगी भी झलक रही थी उसकी बातों में।
"अरे शुक्रिया मत बोल कमीने, सिर्फ तुमलोग ही मजे नहीं लिए हो, मैं भी तुम लोगों के साथ साथ खूब मजा ली हूं। गजब के चुदक्कड़ हो तुमलोग। आती रहूंगी बीच बीच में, और हो सका तो मेरे जैसी और भी औरतें, जिनके पति उन्हें खुश नहीं कर सकते, वैसी औरतें तुम्हारे पास भेज दिया करूंगी," उनके चेहरों पर बेचारगी और मौन निवेदन को पढ़ कर अपनी दुर्दशा के बावजूद मैं बोली, वैसे भी मैं भी तो पूरी रात उनके साथ पूरी मस्ती करती हुई आनंद का उपभोग करती रही थी

कहानी जारी रहेगी

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RE: Desi Sex Kahani कामिनी की कामुक गाथा - by desiaks - 11-28-2020, 02:05 PM

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