Desi Sex Kahani कामिनी की कामुक गाथा
11-28-2020, 02:31 PM,
RE: Desi Sex Kahani कामिनी की कामुक गाथा
“नहीं मुझे नहीं जानना।” विरोध करने लगी मैं।

“मगर मुझे बताना है।” जिद पर उतर आया वह।

“जबर्दस्ती?” भयभीत हो कर बोली।

“हां, जबर्दस्ती।” बचपने की जगह उसके चेहरे पर वासना की चिरपरिचित भूख दिखाई दे रहा था मुझे। यह उसकी पाशविक शक्ति थी, जिस कारण मुझ पर छाता जा रहा था। मुझे पता था कि पागलों की शक्ति के आगे आम इन्सान की एक नहीं चलती। भयभीत हो गयी मैं, अपनी दुर्गति की कल्पना मात्र से सिहर उठी थी।। मेरे मना करने का कोई असर नहीं हो रहा था उस पर। छीना झपटी करते करते पहले मेरी मेरी नाईटी को, फिर मेरी पैंटी और ब्रा को ऐसे मेरे तन से अलग किया कि मैं भौंचक्की रह गयी। पूर्णतः नग्न अवस्था में उसके दानवी तन के आगे परकटी पंछी की तरह फड़फड़ा कर रह गयी। चीख कर हरिया और करीम को बुला सकती थी, किंतु पता नहीं मैं ऐसा क्यों नहीं कर पा रही थी या करना नहीं चाह रही थी। उसके लिंग का आकार मुझे डरा भी रहा था और आकर्षित भी कर रहा था। दुविधा की स्थिति थी मेरे लिए। अब तक वह मेरी योनि को चाटना आरंभ कर चुका था। वह बिल्कुल किसी कुत्ते की तरह चपर चपर चाट रहा था। मेरा शरीर शनैः शनैः अवश होता जा रहा था।

“बस बस्स्स्स्स्स, हो गय्य्य्य्आ्आ्आ्आ्आ्ह्ह्ह्ह,” बड़ी मुश्किल से बोली मैं।

“नहीं, अभी तो शुरू हुआ है। फिर मुझे अपनी चूचियों को चुसवाते हैं, ऐसे।” कहकर मेरी चूचियों पर धावा बोला और चप चप चूसने लगा। मुह में भर कर चूसने लगा।

“न्न्न्न्न्नननहींईंईंईंईं, ओ्ओ्ओह्ह्ह। बस करो, उफ्फ्फ्फ्फ्फ।” मैं सिसक पड़ी।

“आगे तो सुनिए। पहले मेरा लंड पकड़ कर खेलिए। वे मेरा लंड पकड़ कर खेलते हैं।” कहते कहते मेरे हाथ में अपना भीमकाय लिंग थमा दिया। बाप रे बाप, उसका गरम और सख्त लिंग अब अपने पूरे शबाब पर था। करीब ग्यारह इंच लंबा हो चुका था और मोटा इतना कि मेरी मुट्ठी में भी नहीं आ रहा था। भयावह, दहशतनाक, आतंकित करने वाला आकार प्राप्त कर चुका था उसका लिंग।

“ओह मां्मां्आ्आ्आ्आ, यह क्या्आ्आ्आ्आ है?”

“लंड है लंड। सरोज इसे लंड कहती है और रबिया इसे लौड़ा कहती है।”

“तो यह भी पता है?”

“हां, जब वे मेरे लौड़े से खेलती हैं तो मुझे बड़ा मजा आता है।”

“उफ्फ्फ्फ्फ्फ, बस करो, आह्ह, मेरे बूर को चाटना बंद करो।” मैं तड़प कर बोली।

“मगर मुझे अच्छा लग रहा है। आपकी चिकनी चमचमाती चूत बड़ी है लेकिन बहुत सुंदर है, ठीक रबिया की बेटी शहला की तरह।” चौंक उठी मैं।

“तो, तो रबिया की बेटी को भी? कितनी उमर है उसकी?”

“पता नहीं, कॉलेज में पढ़ती है।” यह पागल तो बहुत आगे निकल गया है। मैं समझ गयी कि यह अर्धविक्षिप्त और अर्धविकसित दिमाग के बावजूद स्त्री संसर्ग सुख से खूब परिचित है। मेरी उत्तेजना और उत्सुकता बढ़ती जा रही थी। उसकी असीमित विक्षिप्त शक्ति से बेबस मैं सिर्फ कसमसा पा रही थी, मेरे उरोजों को पकड़ कर भोंपू की तरह दबा रहा था और योनि को कुत्ते की तरह चाटता चूसता मुझे भी पागल किए दे रहा था। उत्तेजना के अतिरेक में मैं न चाहते हुए भी आनंद विभोर स्खलन में डूब गयी।

“आ्आ्आ्आ्ह्ह्ह्ह इस्स्स्स्स्स्स्स ऊ्ऊ्ऊ्ऊ्ऊफ्फ्फ्फ्फ्ओ्ओ्ओ्ह्ह्ह।” थरथर कांपती झड़ती चली गयी। लंबी लंबी सांसें लेने लगी।

“हां हां ऐसी ही होती हैं वे भी।” वह मेरी स्थिति को भांप कर बोला।

“फिर? फिर क्या करने को बोलती हैं?” अपनी सांसों पर काबू पाते हुई बोली।

“फिर चोदने को बोलती हैं।”

“चोदने?” चकित हो कर बोली।

“हां चोदने।”

“हाय, कैसे?” अनजान बनती हुई बोली।

“लंड को बूर में ठूंस कर चोदने।”

“बा्आ्आ्आ्आप रे बा्आ्आ्आ्आप, इतने बड़े्ए्ए्ए्ए्ए्ए लंड से?” भयभीत स्वर में बोल उठी मैं।

“हां, हां।”

“ऐसा कैसे संभव है?”

“आसान है।”

“विश्वास नहीं होता।”

“विश्वास हो जाएगा आपको।”

“कैसे?”

“अभी चोद कर दिखाता हूं।” कहते कहते मेरी टांगों को जबर्दस्ती फैला कर चोदने को तत्पर हो गया।

“नहींईंईंईंईंईंईंई।” आतंक के मारे घुटी घुटी चीख निकल गयी। हिलन डुलने में असमर्थ थी।

“हांआंआंआंआंआं।” अपने भीमकाय लिंग को मेरी योनि छिद्र के मुख पर किसी माहिर चुदक्कड़ की भांति स्थापित किया।

“नहींईंईंईंईंईंईंई” भय के मारे हलकान हो रही थी।

“हांआंआंआंआंआं, लीजिए, हू्ऊ्ऊ्ऊ्ऊ्ऊम्म्म्म्म।” बेदर्दी से उसका विशाल, गधे की तरह भयावह लिंग मेरी योनि को अपनी क्षमता के बाहर फैला कर चीरता हुआ, घुसाता चला गया। एक तिहाई तो एक ही धक्के में अंदर हो गया। बेइंतहा पीड़ा, उफ्फ्फ्फ्फ्फ, मेरी आंखें फटी की फटी रह गयी।

“आ्आ्आ्आ्ह्ह्ह्ह, नननननहींईंईंईंईं।” मैं तड़प उठी दर्द के मारे। तड़प भी तो नहीं सकती थी। उस पीड़ा से अभी संभल भी नहीं पाई थी कि एक और हौलनाक धक्का लगा, और लो, मेरी योनिमार्ग को विशाल गुफा में तब्दील करता हुआ पूरा का पूरा लिंग उतार दिया।

“ओ्ओ्ओह्ह्ह मां्मां्आ्आ्आ्आ, मर गयी्ई्ई्ई्ई्ई।” दबी दबी दर्दनाक चीख निकल गयी। ऐसा लगा,
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RE: Desi Sex Kahani कामिनी की कामुक गाथा - by desiaks - 11-28-2020, 02:31 PM

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