Desi Sex Kahani कामिनी की कामुक गाथा
11-28-2020, 02:36 PM,
RE: Desi Sex Kahani कामिनी की कामुक गाथा
सरोज को पता लगेगा तो?”

“तो क्या?”

“उसको बुरा नहीं लगेगा?”

“बुरा क्यों लगेगा? वैसे भी कल फिर हम जा रहे हैं। उससे भी मिल लेंगे।” वह बोला और मैं सोचने लगी, लो, मैं झूठ मूठ का परेशान हो रही थी कि इनको कल कैसे घर से बाहर रखूंगी।

“वाह रे बुढ़ऊ, कल फिर? आपने तो आज रबिया को ही निपटाया होगा?”

“नहीं नहीं, रबिया तो रामलाल से ही उलझी हुई थी। शहला मुझ पर मरी जा रही थी।”

“वाह, उस लौंडिया को बुढ़ऊ पसंद है? आप तो बड़े खुशकिस्मत निकले। उस लौंडिया को बुड्ढा पसंद आया, वाह, आपकी तो निकल पड़ी।” मैं बोली।

“बार बार बुड्ढा बोल कर मेरी बेईज्जती न कर। अभिए पटक के चोद दूंगा हरामजादी।” ताव में आ गया करीम।

“ज्यादा ताव खाने की जरूरत नहीं है। मैं तो यूं ही मजाक कर रही थी।” मैं मुस्कुरा कर बोली।

“कल भी जाएंगे। कल शहला की भी छुट्टी है ना।दिनभर का प्रोग्राम है।” करीम बोला।

“मैं भी जाऊंगा कल इनके साथ। कल सरोज को भी नहीं छोड़ेंगे।” हमारी बातों के बीच हरिया भी कूद पड़ा। वह भी वहां पहुंच कर हमारी बातें सुन रहा था। वाह रे ऊपर वाले, कैसी कैसी योजना बना लेते हो तुम? कहाँ तो मैं इन सबको कल घर से बाहर रखने के लिए जुगत सोच रही थी और कहाँ ऊपरवाले नें इसकी व्यवस्था खुद ब खुद कर दी।

अंदर की खुशी को किसी प्रकार छुपाती हुई प्रत्यक्षतः बोली, “हरामियों, छुट्टी के दिन तुमलोगों की मस्ती चढ़ रही है? कहीं नहीं जा रहे हो तुमलोग।”

“हम तो जाएंगे जरूर।” अब हरिया बोला।

“ठीक है, जाओ तुम सब भाड़ में, मरो सालो।” मैं रोष से बोली।

“हाय हाय, गुस्सा हो गयी हमारी छम्मकछल्लो मैडम?” रामलाल जो अबतक चुप था, मुझ से लिपट कर बोला।

“चलिए हटिए, बड़े आए हैं लल्लो चप्पो करने। छोड़िए मुझे” मैं नाराज होने का ड्रामा करती हुई छिटक कर अलग होने की कोशिश करने लगी।

“नहीं छोड़ता जा। क्या कर लोगी आप?” मुझे कस के दबोच कर चूमते हुए बोला वह। अब मैं उसकी बांहों में कसमसाती पिघलने लगी थी। फिर से उफान मारने लगीं मेरे अंदर की वासना की तरंगें।

“ओह, पागल, छोड़िए मुझे, उफ।” मैंने बड़ी मुश्किल से अपने अंदर की उफान मारती वासना की तरंगों पर नियंत्रण पाया और पूरी शक्ति लगा कर खुद को उसके चंगुल से मुक्त किया और कहा, “बड़े कमीने हो तुमलोग। अभी मुझे छोड़कर रबिया और शहला को नोचने गये थे, जी नहीं भरा जो अब मेरे पीछे पड़ गये हरामियों।”

“अरे मैडम जी, तुम तो देती ही बड़ी मुश्किल से हो, तो जाएं कहां? चले गये जहां हमें मिलने की गुंजाइश थी। अब इसमें हम क्या करें?” बड़ी मासूमियत से रामलाल बोला।

“तो वहीं रह जाते, सरोज को भी ठोक आते।” मैं तनिक रुष्ट दिखा रही थी अपने को।

“अच्छा छोड़िए गुस्सा। तरसाती भी हो और गुस्सा भी करती हो। चलिए अभी तुम्हारा गुस्सा शांत कर देता हूं। देखिए खड़ा हो गया मेरा।” अपने पैंट के अग्रभाग की ओर इंगित करते हुए बोला रामलाल।

“खाली तुम्हारा? मादरचोद, हमारा भी खड़ा हो गया।” हरिया बोला।

“तो मैं क्या करूं?” मैं कलप कर बोली।

“करना क्या है रानी बिटिया, बस, दे दे चोदने।” साला बेटीचोद ठरकी बुढ़ऊ हरिया बोला। “ये दोनों मुझे यहां अकेले छोड़कर गये और चोद आए मां बेटी को। यहां साला मेरा लंड इतनी देर से इनकी बकवास सुन सुन कर उठक बैठक कर रहा है।” मेरे पैर ठिठक गये उसकी बात सुनकर। उस चुदक्कड़ बुड्ढे बाप पर तरस आ गया मुझे।

“और अभी रात का खाना क्या तेरा बाप बनाएगा बेटीचोद?” मैं मुड़ कर वापस आई और हरिया से लिपट कर बोली।

“पहले अपनी चूत खिला दे मां की लौड़ी, खाना तो दो मिनट में बन जाएगा। मुंह से बाद में खा लेना, पहले चूत से मेरा लौड़ा तो खा मेरी रानी बिटिया।” खुशी से मुझे अपनी बांहों में समेट कर चूमते हुए बोला। इसी तरह कभी कभी मैं अपने तन को उन बुड्ढों के आगे बिछा देती थी, आखिर मेरी कमसिन उम्र में ही औरत बनाने वाले यही लोग तो थे। मेरे दादाजी, बड़े दादाजी तथा नानाजी के साथ मेरी उतनी कम उम्र में, अल्पविकसित कली से फूल बनाने वाले, एक नादान बाला से औरत बनाने वाले, सम्मिलित रूप से साझा भोग्या बना कर मेरे तन में कामुकता की आग जगा कर उसी अल्पव्यस्क उम्र में संभोग सुख प्रदान करन वालों में से ले दे कर यही दो तो बचे थे। हरिया और करीम। दादाजी, बड़े दादाजी और नानाजी तो कब के काल कवलित हो चुके थे। अपनी जवानी इन लोगों के हवाले करके मैं कितनी निर्द्वन्द्, निश्चिंत अपने कैरियर संवारती गयी और आज इस मुकाम पर पहुंची हूं। अपनी कमसिन देह लुटाने का तनिक भी मलाल नहीं था, बल्कि खुश थी, बेहद खुश थी, बेहद संतुष्ट तथा आभारी थी उनकी। आभार स्वरूप मैं अपना तन उन्हें सौंपती थी, हालांकि मुझे घर से बाहर मर्दों की कमी कहाँ थी। फिर भी चल रहा था सब कुछ निहायत आत्मीयता तथा भावनात्मक जुड़ाव सहित।
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RE: Desi Sex Kahani कामिनी की कामुक गाथा - by desiaks - 11-28-2020, 02:36 PM

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