Desi Sex Kahani कामिनी की कामुक गाथा
11-28-2020, 02:42 PM,
RE: Desi Sex Kahani कामिनी की कामुक गाथा
तेरे डर की ऐसी की तैसी।” मैं उस पर चढ़ बैठा और वह छटपटाने से भी लाचार हो गयी थी। मैं जोश में आकर उसकी चूचियों को बेदरदी से मसलने लगा। मुझे बड़ा मजा आ रहा था। उसे चूमने लगा। उसकी चूत सहलाने लगा। इन सबका नतीजा यह हुआ कि धीरे धीरे उसका छटपटाना बंद हो गया। अब मैं और उत्साहित हो उठा। उसके पैरों को फैला कर उसकी लसलसी चूत पर अपना लंड रख दिया। उसे आभास हो गया कि अब हमला होने वाला है।

अंतिम बार मरी मरी सी आवाज में रोने गिड़गिड़ाने लगी, “मत करो ना, इतने जालिम न बनो प्लीज।”

“अरे रो काहे रही है? डर मत, कुछ नहीं होगा।” मुझे क्या पता था कि लंड जब घुसेगा तो उसका क्या होगा क्या नहीं होगा, मुझे तो बस चोदना था। मंजिल इतना करीब था, उत्सुकता और उत्तेजना के मारे मैं पागल हुआ जा रहा था। अब और बर्दाश्त नहीं हो रहा था। मैं अपने लंड पर दबाव देने लगा।

“आ्आ्आ्आ्ह्ह्ह्ह्ह नहीं।” वह रोते रोते बोली।

“रोना गाना बंद कर हरामजादी, चुपचाप पड़ी रह। घुसा रहा हूं लंड।” मैं उसके रोने से खीझ उठा था। बहुत टाईट थी उसकी चूत। चूत से निकले लसलसे रस और मेरे लंड से निकलते हुए रस के कारण फिसलते हुए मेरा लंड उसकी चूत को फैलाता हुआ घुसता चला जा रहा था। बहुत गरमी थी उसके चूत के अंदर।

“ओह्ह्ह्ह्ह्ह मांआंआंई्ई्ई्ई्ई गे्ए्ए्ए्ए, मरी मैं मरी आ्आ्आ्आ्ह्ह्ह्ह्ह।” वह दर्द से बेहाल हो रही थी लेकिन मुझे तो बस चोदने की पड़ी थी। उसकी चूत को फाड़ता हुआ घुसाता चला गया, घुसाता चला गया, पूरा जड़ तक घुसा बैठा।

“देख, हो गया न, पूरा घुस गया।” मैं बोला।

“आ्आ्आ्आ्ह्ह्ह्ह्ह नहीं ््ईंंईंईंईंईंईंईंईंई, ओह्ह्ह्ह्ह्ह फट गयी मेरी चूत ओह मांआंआंई्ई्ई्ई्ई।” वह चीख पड़ी।

“चुप साली, एकदम चुप।” मैं गुस्से से बोला। मैं कुछ देर वैसा ही पड़ा रहा। मुझे लगा मेरा लंड भट्ठी में घुसा हुआ है। मैं एक झटके में लंड बाहर खींच लिया। अंदर घुसा कर बाहर निकालने की इस क्रिया में मुझे बड़ा अच्छा लगा। जैसे ही मैं लंड बाहर निकाला, नैना नें राहत की लंबी सांस खींची, लेकिन मैं लंड बाहर निकाल कर बेचैन हो उठा, अतः दुबारा घुसाने को तत्पर हो गया। अब मैं और रहम दिखाने के मूड में नहीं था। मुझे मजा मिल चुका था। लंड घुसाने और निकालने में मेरे लंड पर चूत का जो घर्षण हुआ, उससे मुझे बड़ा मजा आया। मैं दुबारा लंड घुसा दिया।

“आ्आ्आ्आ्ह्ह्ह्ह्ह।” नैना फिर चीखी, मगर इस बार थोड़ी धीमे से। शायद मेरे डर से या फिर उसे तकलीफ कम हुई। फिर तो अब मैं शुरू हो गया। उसकी गांड़ के नीचे हाथ रख कर शुरू में थीरे धीरे अंदर बाहर करता रहा, फिर दनादन दनादन ठोकने लगा। अब नैना चीख चिल्ला नहीं रही थी। उसकी चूत भी थोड़ी ढीली हो गयी थी। मुझे तो मानों स्वर्ग मिल गया था। खूब जम के चोदने लगा। मुझे आश्चर्य और खुशी हो रही थी कि अब नैना भी मेरी कमर पकड़ कर अपनी कमर उछाल उछाल कर मेरे धक्के का जवाब देने लगी थी।

“आह ओह्ह्ह्ह्ह्ह आह ओह्ह्ह्ह्ह्ह आह।” उसके मुंह से आनंद की आहें निकल रही थीं। उसकी आंखें बंद थीं। मैं और उत्साहित हो कर धमाधम चोदने लगा, तभी, “आ्आ्आ्आ्ह्ह्ह्ह्ह््ह््ह््हह्हह्ह्ह्ह म्म्म्म्म्आं्आं्आं्आं,” कहते हुए मुझसे जोर से चिपक गयी। उसका बदन थरथराने लगा। मुझे ऐसा लगा मानों उसकी चूत मेरे लंड को चूसने लगी हो। फिर उसका शरीर शिथिल हो गया। कुछ पलों के लिए मुझे समझ नहीं आ रहा था। लेकिन उन कुछ पलोंं की दुविधा भरे ठहराव से मेरे अंदर की आग और भड़क उठी। मैं फिर चालू हो गया, उसके शिथिल पड़ते शरीर का भुर्ता बनाने। फच फच चट चट की आवाज बढ़ गयी। मेरे दनादन ठुकाई से हलकान होने की बजाय पांच मिनट बाद ही वह फिर अपने रंग में आ गयी। “आह ओह पंक पंक पंकज्ज्ज्ज ओह राम ओह मांआंआंई्ई्ई्ई्ई ओह्ह्ह्ह्ह्ह, चोद चोद आह साले कुत्ते मादरचोद मां के लौड़े, चोद चोद आह।” ऐसे ही बड़ बड़ करती कमर उछाल उछाल कर मुझसे चिपकी जा रही थी। तभी, और तभी मेरे अंदर का ज्वालामुखी मानो फटने लगा। मेरा शरीर तनने लगा और मैं पूरी शक्ति से नैना को जकड़ कर चिपक गया। उफ वे पल। मैं कभी नहीं भूल सकता। मेरे लंड से फच्च फच्च लंड का रस निकलने लगा, “आ्आ्आ्आ्ह्ह्ह्ह्ह ई्ई्ई्ई्ई्ई ऊ्ऊ्ऊ्ऊ्ऊ्ऊ स्स्स्स्स्स्आ्आ्आ्आली्ई्ई्ई्ई्ई नै्ऐ्ऐ्ऐ्ऐ्ऐन्न्न्ना्आ्आ्आ्ह्ह्ह।” उफ, ये थे मेरे मुंह से निकलने वाले उद्गार। तभी दुबारा नैना भी थरथरा उठी और छिपकली की तरह चिपक गयी मुझ से। करीब तीन चार मिनट तक हम यूं ही एक दूसरे से चिपके रहे फिर हमारा शरीर ढीला पड़ गया। मेरे शरीर का सारा तनाव लंड के रास्ते बाहर आ गया। मेला लंड भी ढीला हो गया और फच्चाक की आवाज के साथ चूत से बाहर निकल आया। सफेदी और खून से लिथड़ा हुआ। मगर अब नैना को अपने चूत के फटने या खून निकलने की कोई परवाह थी। वह तो थकी मांदी, शिथिल पड़ी लंबी लंबी सांसें ले रही थी। उसके होंठों पर मुस्कान थी, संतुष्टि की, खुशी की
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RE: Desi Sex Kahani कामिनी की कामुक गाथा - by desiaks - 11-28-2020, 02:42 PM

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