RE: Thriller Sex Kahani - अचूक अपराध ( परफैक्ट जुर्म )
राज लॉबी से बाहर आ गया।
इन्सपैक्टर चौधरी की पुलिस कार जा चुकी थी। तेज रोशनी में नहाया प्रवेश द्वार के आसपास का एरिया सुनसान था।
राज अपनी कार में सवार होकर हाईवे पर पहुँचा। उसकी फिएट शहर की ओर जाते वाहनों में शामिल हो गई। दूसरों के फटे में टाँग अड़ाने की अपनी आदत की वजह से अब वह चाहता था मिसेज सैनी की मुसीबत दूर हो जाए और सैनी ढेर सारी मुसीबतों में जा फंसे।
उसने मौका पाते ही अपनी कार को यू टर्न देकर वापस घुमाया। मोटल के सामने से गुजरा। करीब सौ गज दूर ले जाकर पुन: यू टर्न लेकर पेड़ों के साए में कार पार्क कर दी।
मोटल के प्रवेश द्वार पर निगाहें जमाए एक-एक करके दो सिगरेटें फूँक डालीं। ठीक उस वक्त जब वह तीसरी सिगरेट सुलगाने के लिए जेब से पैकेट निकालने वाला था मोटल के बाहर की रोशनियाँ बुझ गईं। डीलक्स मोटल और नो वैकेंसी के साइन बोर्ड भी अंधेरे में डूब गए।
राज ने फिएट का इंजिन चालु कर दिया।
मुश्किल से पाँच मिनट बाद।
सैनी मोटल से निकला और पीछे की ओर चला गया।
दो-तीन मिनट बाद उधर से एक जिप्सी प्रगट हुई। दो बार हार्न बजाया गया। जवाब में मिसेज सैनी प्रवेश द्वार से निकली और जिप्सी की ओर दौड़ गई।
राज को जिप्सी का पीछा करने में कोई कठिनाई नहीं हुई। दोनों कारें अलीगढ़ में दाखिल हुई।
पूरे शहर से गुजरने के बाद जिप्सी पहाड़ी पर बने रिहाइशी इलाके में एक दो मंज़िला मकान के सामने जा रुकी।
मिसेज सैनी नीचे उतर गई।
राज ने उस मकान की लोकेशन अपने दिमाग में अंकित कर ली।
सैनी ने जिप्सी वापस घुमाई और शहर के मध्य भाग की ओर दौड़ाने लगा।
अंत में वह मेन रोड के पास एक साइड स्ट्रीट पर पहुँचा। जिप्सी पार्क करके पैदल चल दिया।
राज भी अपनी कार पार्क करके उसके पीछे लग गया।
इलाका बढ़िया नहीं था।
आगे जा रहा सैनी रुक गया। वहाँ साइन बोर्ड लगा था- ग्लोरी बार कम रस्टोरेंट।
सैनी को गली में आगे पीछे देखता पाकर राज एक दुकान के अंदर खिसक गया और वहाँ शोकेस में सजी चीजें देखने लगा।
कोई दो मिनट बाद वह दुकान से बाहर निकाला तो सैनी कहीं नजर नहीं आया।
वह उसी रेस्टोरेंट के सम्मुख पहुँचा।
सैनी एक वेटर के साथ रेस्टोरेंट के पिछले हिस्से में उस तरफ जाता दिखाई दिया जहाँ मेहराबदार दरवाजे पर परदा झूल रहा था।
वेटर ने आगे बढ़कर परदा खिसकाया।
सैनी अंदर चला गया।
चंदेक क्षोणोंपरांत राज भीतर दाखिल हुआ।
रेस्टोरेंट काफी बड़ा और पुराने फैशन का था। एक साइड में बार थी, दूसरी में कोई दर्जन भर केबिन बने थे और बीच के स्थान में मेजे पड़ी थीं, वहाँ मौजूद ख़ासी भीड़ का जायजा लेते राज के पास पिछले हिस्से की तरफ से आता वही वेटर पहुँचा।
-“आपकी केबिन चाहिए सर?”
-“प्राइवेट रूम नहीं मिलेगा?”
-“सॉरी सर। वो दिया जा चुका है। अगर आप दो मिनट पहले आ जाते....।”
-“कोई बात नहीं।”
राज सामने के एक केबिन में बैठ गया ताकि बार के पीछे लगे शीशे में मेहराबदार दरवाजे को वाच कर सके।
वेटर वारटेंडर से लार्ज ड्रिंक लेकर मेहराबदार दरवाजे की ओर चला गया।
फिर मीनू सहित राज के पास लौटा।
राज ने दीवार पर एक स्थान पर उखड़ी बिजली की वायरिंग की ओर इशारा किया।
-“इसे ठीक क्यों नहीं कराते? इस तरह की लापरवाही से आग लग जाती है। मुझे इन चीजों से बड़ा डर लगता है। क्या यहाँ से बाहर जाने का पीछे की तरफ भी कोई रास्ता है?”
-“नो, सर। लेकिन यह वायरिंग पूरी तरह सेफ है।”
राज निश्चिंत हो गया। सैनी उसकी निगाहों से बचकर वहाँ से बाहर नहीं जा सकता था।
उसने दो लार्ज पैग विस्की और तंदूरी चिकन का आर्डर दे दिया।
वेटर आर्डर सर्व कर गया।
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