RE: Thriller Sex Kahani - अचूक अपराध ( परफैक्ट जुर्म )
राज तो मानो सातवें आसमान में था.... इतने में रंजना का ध्यान उसके आंडों पर गया... अब उसने राज के आंडों को एक एक करके अपने मुँह में भरकर चूसना शुरू किया..
वो गर्म होता गया और अब तो रंजना कभी कभी उसके दोनों आंडों को एक साथ लेकर चूस रही थी , राज ने आज से पहले अपने आंड कभी किसी को चुसवाये नहीं थे ,
आगे पढ़िये राज के शब्दों में.........
मुझसे अब और नहीं रहा गया,मैंने उसको अपने लंड से हटाया, उसकी पेंटी को उतार फेंका और उसे पेट के बल लिटाकर उसके गोरे, मुलायम चूतड़ों और चूत को दबाने और चूमने लगा.
कुछ देर बाद मैंने उसके दोनों पैरों को अलग करते हुए उसकी चूत के छेद को अपनी जीभ से सहलाने और चाटने लगा.
जिसके कारण उसके चूत का छेद खुलने लगा. मैं उसकी गुलाबी चूत को अपनी जीभ से चोदने लगा.
अब रंजना भी एकदम गर्म हो चुकी थी और वो बोलने लगी - राज मेरे प्यार , और कितना तड़पाओगे ? जल्दी से अपना मस्त और बड़ा लंड मेरी चूत में डालो और उसकी आग बुझाओ,
फिर उसकी चूत के छेद पर मैंने बहुत सारा थूक लगाया और लंड को रगड़ते हुए कहा- हां रंजना , मेरी जान, इस चूत को चोदने में मेरे लंड को बहुत मजा वाला है,
आज तेरे चूत का भोसड़ा बनाके ही दम लूँगा ....
मुझको सेक्स करते वक्त गालिया देना और सुनना दोनों ही पसंद है ,
मैंने अपना लंड धीरे धीरे से रंजना की लाल चूत में घुसाना शुरू किया.... सिर्फ टोपा ही अन्दर गया था कि उसने कहा- आह… राज .. आराम से, मुझे चूत मरवाए बहुत दिन हो गए हैं...(यह रंजना का नाटक था राज को उकसाने के लिए )
उसकी बात को मैंने अनसुना कर दिया और एक जोर का झटका दिया... आधे से ज्यादा लंड उसके चूत में घुस चुका था.
रंजना चीखते हुए बोली - बहनचोद, धीरे से कर.. वरना मेरा छेद फट जाएगा साले...
मैंने मुस्कुराते हुए कहा- रंजना मेरी जान , मैं तो धीरे कर रहा हूँ, पर मेरे लंड को कौन समझाए...
इतना कहकर मैं धीरे धीरे उसकी चूत की चुदाई करने लगा... बस 5 मिनट में ही उसकी चूत ढीली हो गई और मेरा लंड पूरा अन्दर जाने लगा....
अब रंजना को भी मजा आने लगा था,
रंजना बोली - आह.. राज .. और जोर से करो, अपने लंड को मेरी चूत के अन्दर पूरा घुसा दो,
मैं- आज तो तेरे चूत को फाड़ कर ही दम लूँगा मेरी रंजना...
फिर मैंने उसे डॉगी पोज में आने को कहा और अपना लंड पूरा बाहर निकालता और पूरा अन्दर घुसाता...
उसकी चूत पूरी तरह खुल चुकी थी... अन्दर का लाल भाग साफ दिख रहा था... ऐसा करने में मेरे लंड को बहुत मजा आ रहा था,
मेरा लंड लोहे जैसा सख्त हो गया था,
फिर मैंने उसे पलटा और मेरे फेवरेट पोज मिशनरी में.. उसे चोदने लगा.... रंजना भी अब खुल कर मेरा साथ दे रही थी ,
करीब 15 मिनट तक मैं उसे इसी पोज में चोदता रहा... अब रंजना भी अपना लंड हिलाने लगी थी , पूरा कमरा खचपच की आवाज से भर चुका था,
मैंने रंजना को इशारा किया कि मेरा पानी निकलने वाला है... तो उसने मुझे रोका और मुझे लेटने को कहा और वो मेरे लंड के ऊपर बैठकर अपनी चूत को ऊपर नीचे करने लगी ,
मैं- यार रंजना तुम तो बहुत ही सेक्सी हो कितना मस्त मजा दे रही हो ऐसा मैंने आज तक नहीं किया था ,
रंजना - अब तो आपने देखा ही क्या है. .. अब तो आपसे रोज नई चीजें करवाउन्गी... और बताउन्गी भी कर के ,
यह कहकर उसने अपनी स्पीड बढ़ा दी, उसके चूतड़ों के मेरी जांघों से टकराने के कारण छपछप की आवाज आने लगी. हमारी चुदाई को करीब आधा घंटा हो चुका था.
मैंने उससे कहा- अब और नहीं रोक पाऊँगा रंजना में अपने आप को झड़ने से,
तो वो उठकर अपने पैरों पर किसी प्यासी रंडी की तरह जीभ बाहर निकालकर मेरे लौड़े को देखने लगी ,
मैं खड़ा हुआ और अपने लंड को हिलाने लगा... कुछ ही पलों में मेरा पानी निकला, तो मैंने अपना लंड सीधा उसके मुँह में दे दिया,
उसने मेरा पूरा पानी किसी रंडी की तरह पी लिया और लंड को चूसचूस के साफ करने लगी ,
मैंने एक बड़ी लम्बी सांस ली और अपने आधे खड़े लंड से उसका मुँह चोदने लगा,
अब रंजना ने फिर अपने लंड को हाथ में लेकर हिलाने लगी और साथ ही जोर जोर से मेरा लंड भी चूसने लगी कुछ ही देर में उसका पानी निकल गया
जो बेड पर गिर गया और फिर हम एक दूसरे को चूमते हुए एक दूसरे को बांहों में भरकर लेट गये.... क्यूंकि हम इस चुदाई से बहुत ही थक चुके थे
कुछ देर आराम करने के बाद राज ने अपने कपड़े पहने और जाते हुए रंजना से गुडनाइट कहा
-“गुड नाइट।” संक्षिप्त मौन के पश्चात वह बोली- “अब मैं सॉरी तो नहीं कहूँगी लेकिन कुछेक पल के लिए मेरा दिमाग घूम गया था। कौशल को अक्सर रात में देर तक काम करना पड़ता है। उसके घर आने पर मैं ठीक हो जाऊँगी। मुझे घर पहुंचाने का शुक्रिया।”
-“डोन्ट मैनशन इट।”
-“अगर मीना तुम्हें मिल जाती है तो फौरन मुझे बताओगे न?”
-“जरूर।”
राज बाहर निकला। कार में सवार होकर वापस शहर की ओर ड्राइव करने लगा।
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