RE: Thriller Sex Kahani - अचूक अपराध ( परफैक्ट जुर्म )
-“जो चाहो समझ लो। मैं अपने मुंह से कुछ नहीं कहूंगा। यह ठीक है कोई बहुत बढ़िया सिंगर वह नहीं है। लेकिन यहां हमेशा लोगों का मनोरंजन किया करते थी। बेवजह उसे किसी मुसीबत में फंसाना मैं नहीं चाहता।”
-“वह मिलेगी कहां?”
-“पता नहीं एक पैग विस्की के बदले में तुम तो पुलिस जैसी पूछताछ करने पर उतर आए।”
-“मैं और पैग ले लूंगा।”
-“लेकिन मैं और नहीं दूंगा। बवेजा के पास जाओ और उससे कहो जहन्नुम में जाए। उसके साथ तुम भी वहां जा सकते हो।”
-“शुक्रिया।”
राज ड्रिंक खत्म कर के उठ गया।
उन तीन लड़कियों में से दो फ्लोर के सिरे पर डांस कर रही थीं।
राज उनके पास पहुंचा और उनमें से एक के साथ डांस करने लगा।
आंखों में अपने पेशे के अनुरूप चमक के बावजूद लड़की काफी खूबसूरत थी। डांसर भी अच्छी थी। लेकिन जिस ढंग से वह रह-रह कर अपने वक्षों और जांघों को राज के साथ रगड़ रही थी उससे जाहिर था- डांस उसके मुख्य पेशे का हिस्सा भर था।
राज को उसकी सस्ती परफ्यूम से घुटन सी महसूस हो रही थी।
कुछ देर बाद लड़की मुस्कराई।
-“में रोजी गोल्डन हूं।”
-“तुम्हारी तरह नाम भी खूबसूरत है।” राज ने तारीफ की।
-“मुझे डांस से प्यार है।”
-“मुझे भी हुआ करता था।”
-“तुम थक गए लगते हो। आओ बैठते हैं।”
-“मैं लेटना ज्यादा पसंद करूंगा।”
इस बात का अपने ढंग से मतलब निकालकर वह दिलकश अंदाज में मुस्कराई।
-“बहुत फास्ट हो। मैं तो तुम्हारा नाम तक नहीं जानती।”
-“मैं राज हूं।”
-“कहां के रहने वाले हो?”
-“विराट नगर।”
-“मैं भी कुछ अर्सा वहां रही हूं। बहुत बढ़िया शहर है। तुम क्या काम करते हो?”
-“कई काम है।”
-“समझी। कई तरह के बिजनेस हैं। मैं तुम्हारे बारे में जानना चाहती हूं। आओ किसी केबिन में बैठते हैं। मेरे लिए ड्रिंक का आर्डर दोगे न?”
-“जरूर।”
-“तो फिर आओ।”
-“कोई ऐसी जगह नहीं है जहां हम सिर्फ हम अकेले रह सके?”
लड़की ने उसके कंधे पर हाथ मारा।
-“बहुत ऊंची चीज हो। लड़की को फंसाने में जवाब नहीं है तुम्हारा। तुम वाकई एकांत चाहते हो?”
-“हां।”
-“ऊपर एक कमरा है।”
-“चलो, दिखाओ।”
राज उसके साथ चल दिया।
बारटेंडर ने कड़ी निगाहों से उसे घूरा मगर रोकने का प्रयास नहीं किया। आखिरकार धंधे का सवाल जो था।
लड़की कोने में बनी सीढ़ियां चढ़ने लगी।
राज ने भी उसका अनुकरण किया।
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