RE: Thriller Sex Kahani - अचूक अपराध ( परफैक्ट जुर्म )
बूढ़े के निर्देशानुसार कार ड्राइव करते राज को चढ़ाई पर बार-बार मोड़ काटने के कारण रफ्तार बहुत धीमी रखनी पड़ रही थी।
अंत में बूढ़े के कहने पर कार रोकनी पड़ी।
दोनों नीचे उतरे।
राज बूढ़े के पीछे चल दिया।
गड्ढा करीब छह फुट गुणा दो फुट आकार का था। हालांकि देखने में कब्र जैसा नजर आता था लेकिन उसकी गहराई मुश्किल से फुट भर थी।
राज ने नीचे बैठकर गड्ढे को चैक किया। मिट्टी नर्म थी। गड्ढा गहरा नहीं खोदा गया था और खोदी गई मिट्टी वापस उसी में भर दी गई थी।
-“मैंने पहले ही कहा था मामूली गड्ढा है।” पीछे खड़ा बूढ़ा बोला- “मगर मेरी समझ में नहीं आता वे बेवकूफ यहां खुदाई कर ही क्यों रहे थे। क्या उन्हें खजाना मिलने की उम्मीद थी?”
राज खड़ा होकर उसकी और पलटा।
-“खुदाई कौन कर रहा था?”
-“लड़की।”
-“क्या उसने लड़की पर पिस्तौल वगैरा तानी हुई थी?”
-“मैंने ऐसा कुछ नहीं देखा। हो सकता है उसकी जेब में पिस्तौल रही हो। अपनी जेबों में हाथ घुसेडे़ ठीक इसी जगह खड़ा हुआ था जहां मैं खड़ा हूं। बड़ा ही कमीना है। अपना गंदा काम उस लड़की से करा रहा था।”
-“जब वे दोनों भागे तो पहले वही भागा था?”
-“हां। ठीक वैसे ही जैसे सर पर पैर रखकर भागना कहते हैं। लड़की उसके साथ नहीं लग पा रही थी। सड़क तक पहुंचने से पहले वह गिर भी गई थी।”
-“कहां?”
-“आओ दिखाता हूं।”
राज पुनः उसके पीछे चल दिया।
एक स्थान पर रुककर बूढ़े ने झाड़ियां उगी उथली खाई की ओर इशारा किया।
-“यही जगह है। जब लड़की गिरी वह पहले ही कार में जा बैठा था। हरामजादा उसी तरह बैठा रहा। बाहर निकलकर उठने में उसकी मदद नहीं की।”
-“आपको सैनी पसंद नहीं है?”
-“नहीं, बिल्कुल नहीं।”
-“आप उसे किसलिए फटकारना चाहते थे?”
-“इस बारे में ज्यादा बातें करना भी मुझे पसंद नहीं है। यह मेरे परिवार का मामला है। इसका संबंध मेरी पोती से है। वह जवान लड़की है....।”
राज को ध्यान देता न पाकर बूढ़ा खामोश हो गया।
राज की निगाहें धूप में चमकती एक चीज पर जमी थीं। दो पत्थरों के बीच फंसी वह एक जनाना सैंडल की एड़ी थी। उसमें गड़ी कीलो के सिरे धूप में चमक रहे थे।
उसने नीचे झुककर उसे पत्थरों से निकाल लिया।
ब्राउन चमड़े से ढंकी वो औसत ऊंचाई की हील थी।
-“लगता है, लड़की के सैंडल की एड़ी उखड़ गई थी।” बूढ़ा बोला- “मुझे याद है जब उठकर चली तो लंगड़ा रही थी। तब मैंने सोचा उसके पैर में चोट आ गई थी।”
-“यहां से वे कहां गए थे?”
-“यहां से सिर्फ नीचे ही जाया जा सकता है।”
कुछ देर और आसपास का मुआयना करने के बाद राज बूढ़े सहित अपनी कार की ओर चल दिया।
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