RE: Thriller Sex Kahani - अचूक अपराध ( परफैक्ट जुर्म )
-“जिसे खर्च कर पाना सैनी के लिए भी मुमकिन नहीं था।”
-“प्रत्यक्षत: इस बात की जानकारी सैनी को नहीं थी। जौनी और लीना ने मिलकर उसे बेवकूफ बना दिया और वह बन गया। क्योंकि जौनी उस लड़की को चारे के तौर पर इस्तेमाल कर रहा था सैनी को फसाने के लिए।”
-“हो सकता है।” राज ने कहा- “लेकिन सैनी के साथ भाग जाना लीना के लिए असलियत थी। वह सैनी को प्यार करती थी।”
चौधरी ने भौंहें चढ़ाईं।
-“तुम यह कैसे कह सकते हो?”
-“लीना की बातों और लहजे से और उन दोनों को साथ-साथ भी मैंने देखा था।”
-“यह कोई ऐसा सबूत नहीं है जिससे साबित किया जा सके लड़की वाकई उससे प्यार करती थी या सैनी उसे साथ लेकर भागने वाला था।”
-“लेकिन इसे नजर अंदाज भी तो नहीं किया जा सकता।”
चौधरी के चेहरे पर अफसराना भाव पैदा हो गए।
-“इस पर बहस हम नहीं करेंगे। अहम बात यह है कि वह मनोहर की हत्या के मामले में इनवाल्व थी।”
-“कैसे?”
-“वह जौनी की साथिन थी। और हम जानते हैं मनोहर की हत्या जौनी ने की थी।”
-“आप यकीनी तौर पर जानते हैं?”
-“मुझे यकीन है मनोहर और सैनी दोनों को उसी ने शूट किया था। उन दोनों की जान लेने वाली गोलियां एक ही गन से चलाई गई थीं। अब जौनी के पुराने रिकॉर्ड पर निगाह डालो। यह महज इत्तेफाक है कि पहले कभी हत्या उसने नहीं की। विस्की के उस ट्रक के लिए हत्या करने को तैयार था। यह उसके लिए पैसे से कहीं ज्यादा बेहतर था। कम से कम उस पैसे से जो उसके पास था। विस्की अच्छी क्वालिटी की थी। वह सही कीमत पर उसे बेच सकता था। और उस पैसे को इत्मीनान से खर्च भी कर सकता था। हमने सभी हाईवेज पैट्रोल और चैक पोस्टों को अलर्ट कर दिया है। जब उस ट्रक को निकालने की कोशिश करेगा। पकड़ा जाएगा। और हमारा केस सुलझ जाएगा।”
-“मुझे नहीं लगता।”
-“क्यों?”
-“आपकी यह थ्योरी तर्कसंगत नहीं है।”
-“कैसे?”
-“आपने कहा- मनोहर और सैनी को एक ही गन से शूट किया गया था।”
-“एस. आई. दिनेश जोशी और बैलास्टिक एक्सपर्ट की रिपोर्ट के मुताबिक सैनी की खोपड़ी में धंसी गोली और मनोहर की छाती से निकाली गई गोली दोनों एक ही कैलीबर की थीं और एक ही गन से चलाई गई थीं।”
-“कौन सी गन से?”
-“चौंतीस कैलीबर की रिवाल्वर से।”
-“अगर बैलास्टिक एक्सपर्ट की रिपोर्ट सही है तो जौनी ने सैनी को शूट नहीं किया था।”
-“मैं कहता हूं उसी ने शूट किया था।”
-“आप जानते हैं इसका मतलब क्या है?”
-“क्या है?”
-“इसका मतलब है जौनी उस ट्रक को एयरबेस से सीधा डीलक्स मोटल ले गया था- हाईवे से होकर। वो भी उस वक्त जब आपका हर एक पुलिस मैन उसी को ढूंढ रहा था। फिर उसने विस्की लदा वही ट्रक मोटल के बाहर पार्क किया और अंदर जाकर जुर्म में अपने भागीदार की हत्या कर दी। अब सवाल यह पैदा होता है सैनी की हत्या करने का ऐसा क्या तगड़ा मोटिव उसके पास था जिसकी खातिर इतना भारी रिस्क उसने लिया?”
चौधरी अपने डेस्क पर हाथ रखकर तनिक आगे झुक गया।
-“सैनी की मौत के साथ ही जौनी के खिलाफ वह इकलौता गवाह खत्म हो गया जो उसके खिलाफ बेहद खतरनाक साबित होना था जैसे ही उसे पता चलता कि जौनी द्वारा दी गई रकम बेकार थी। खासतौर पर उस सूरत में जबकि सैनी अपनी चहेती के साथ शहर से भाग रहा था।”
-“यह तर्क संगत नहीं है।” राज बोला।
-“कैसे?”
-“जौनी जो चाहता था उसे मिल चुका था और वह उसे लेकर अपनी राह पर निकल गया था। पुलिस को ट्रक की और उसकी तलाश थी यह भी वह जानता था। ऐसे में सैनी की हत्या करने के लिए जानबूझकर पुलिस के जाल में फंसने का खतरा उसने हरगिज़ मोल नहीं लेना था। और अगर उसने सैनी की हत्या नहीं की तो मनोहर का हत्यारा भी वह नहीं था.....बशर्तें कि जोशी और बैलीस्टिक एक्सपर्ट की रिपोर्ट सही है।”
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