RE: Thriller Sex Kahani - हादसे की एक रात
यह बात तो डॉली की कल्पना में भी न थी कि राज इस तरह इतनी रात को रुपये कमाने निकल पड़ेगा ।
तभी एकाएक काले सितारों भरे आसमान पर बादल घिरते चले गये ।
काले घनघोर बादल ।
पलक झपकते ही उन्होंने स्याह आसमान के विलक्षण रूप को अपने दानव जैसे आवरण में ढांप लिया ।
तेज बिजली कौंधी और फिर मूसलाधार बारिश होने लगी । डॉली का दिल कांप गया ।
दैत्याकार काली घटाओं से घिरे आसमान की तरफ मुँह उठाकर बोली वह “मेरे राज की रक्षा करना भगवान, मेरे राज की रक्षा करना ।”
लेकिन नहीं ।
उसका राज तो पल-प्रतिपल अपनी बर्बादी की तरफ बढ़ता जा रहा था ।
अपनी मुकम्मल बर्बादी की तरफ ।
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राज ने अपनी ऑटो रिक्शा कनॉट प्लेस के रीगल सिनेमा के सामने ले जाकर खड़ी की ।
जिस हिस्से में उसने ऑटो रिक्शा खड़ी की, वहाँ घुप्प अँधेरा था ।
सिनेमा पर ‘दिलवाले दुल्हनियाँ ले जायेंगे’ चल रही थी ।
राज ने सोचा कि वह नाइट शो छूटने पर वहाँ से सवारियाँ ले जायेगा ।
लेकिन अभी तो सिर्फ सवा दस बजे थे ।
शो छूटने में काफी टाइम बाकी था ।
राज ने सीट की पुश्त से पीठ लगाकर इत्मीनान से आंखें बंद कर ली ।
मूसलाधार बारिश लगातार हो रही थी ।
मस्त बर्फीली हवा ने राज पर चढ़े दारू के नशे को दो गुना कर दिया ।
परन्तु एक बात चौंकाने वाली थी, इतनी तेज मूसलाधार बारिश में भी फ्लाइंग स्क्वॉयड की एक मोटरसाइकिल लगातार उस इलाके का चक्कर काट रही थी ।
मोटरसाइकिल पर दो पुलिसकर्मी सवार थे ।
जरूर कुछ चक्कर था ?
जरूर कोई गहरा चक्कर था ?
“होगा कुछ ?” फिर राज ने जोर से अपने दिमाग को झटका दिया- “उसकी बला से ।”
फिर कब मस्त बर्फानी हवा के नरम-नरम रेशमी झौंकों ने राज को सुला दिया, उसे पता न चला ।
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