RE: Thriller Sex Kahani - हादसे की एक रात
सुबह के 5 बजे का समय ।
यह वो समय होता है, जब मॉर्निंग वॉक के लिये लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकलते हैं ।
लेकिन उस दिन की शुरुआत बड़े ही सनसनीखेज ढंग से हुई, इंडिया गेट के आसपास चहलकदमी करते लोगों का जमघट एकाएक अमर जवान ज्योति के नजदीक वाली झाड़ियों के आसपास लग गया था ।
जमघट लगने का कारण था, घनी झाड़ियों में एक लाश का पाया जाना ।
अजनबी की क्षत-विक्षिप्त लाश को सबसे पहले कारपोरेशन के एक माली ने देखा, जो सूरज निकलते ही झाड़ियों की कंटाई-छंटाई के वास्ते रोजाना वहाँ आता था ।
झाड़ियों में लाश देखते ही उसने गला फाड़-फाड़कर चिल्लाना शुरू कर दिया ।
परिणामस्वरूप वहाँ भीड़ जमा हो गयी।
यह भी बड़ी दिलचस्प बात थी कि राज उस समय खुद भी वहाँ पुलिस और आम लोगों की प्रतिक्रिया जानने के लिये मौजूद था, उसने ट्रेक सूट पहन रखा था और उसके हाव-भाव ऐसे थे, मानो वह भी दूसरे लोगों की तरह ही मॉर्निंग वॉक के लिये निकला हो और लाश की बाबत सुनकर चौंका हो ।
दरअसल रात वह फ्लाइंग स्क्वॉयड दस्ते का सामना करने के बाद इतना घबराया था कि अमर जवान ज्योति के पास सन्नाटा देखकर उसने लाश को वहीं झाड़ियों में फेंक दिया, वरना राज का इरादा तो लाश को किसी ऐसी जगह ठिकाने लगाने का था, जहाँ से वो पुलिस को कई हफ्ते तक बरामद न होती ।
राज जानता था कि उसने लाश ऐसी जगह फेंकी है, जहाँ सुबह होते ही हड़कम्प मच जायेगा, इसलिये वो खुद भी उस हड़कम्प का नजारा करने के लिये वहाँ मौजूद था ।
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