RE: Hindi Antarvasna - प्रीत की ख्वाहिश
#50
माँ- कुछ कहने की जरुरत नहीं सब मालूम है मुझे, तुम दोनों एक दुसरे को पसंद हो तो मुझे और क्या चाहिए, कम से कम तुम्हारे बहाने ही सही घर तो लौटेगा ये,
मैं- आप जानती हो मैं वहां कभी नहीं जाऊंगा
माँ-अपनी माँ के लिए इतना तो कर ही सकता है कम से कम मेरे जिन्दा रहने तक तो .
मैं- अब मजबूर करोगी मुझे
माँ- मजबूर तो तब भी नहीं किया था जब तुमने घर छोड़ा था .
मैं- कम से कम मेघा के सामने तो ये सब मत करो माँ
माँ- ठीक है ठीक है , पहले तू बता कब आएगा घर ,
मैं- क्या मालूम
भाभी ने एक बैग मेरी तरफ बढाया
मैं- क्या है ये
भाभी- रख लो देवर जी
मैंने बैग खोला पूरा पैसो से भरा था .
मैं- इतने बुरे दिन भी नहीं आये है , की ठाकुरों के टुकडो पर जीना पड़े.
भाभी- ऐसा क्यों कहते है , आपका ही है सब
मैं- भाबी, आप नहीं जानती कुछ बातो को आपकी भावनाओ की कद्र करता हु पर मुझे मेरे हाल पर छोड़ दो
माँ- बेटी तुम ही समझाओ इसे कुछ
अब मेघा क्या बोले,
मेघा- कबीर, रख लो
मैं- तुम जानती हो न मेघा, मुझे दौलत की जरुरत नहीं होती
मेघा- जानती हु, मांजी कह रही है तो रख लो फिर भी
न चाहते हुए भी मैंने भाभी के हाथ से वो बैग ले लिया
माँ और भाभी कुछ देर बाद चली गयी इस बात के साथ की मैं उन्हें मेघा के घर का पता दू ताकि वो रिश्ते की बात कर सके, पर वो कहाँ जानती थी की ये इतना भी आसान नहीं था
मेघा- बता नहीं सकते थे क्या तुम्हारी माँ और भाभी आने वाले थे,
मैं- मुझे कहाँ मालूम था पर ठीक ही है न एक न एक दिन तो आमना सामना होना ही था
मेघा- पता नहीं वो क्या सोचेंगे,ऐसे हम तुम अकेले उनके सामने
मैं- छोड़ो अब इस बात को
मेघा- मुझे जाना होगा मैं निकलती हु थोड़ी देर में जल्दी ही मिलूंगी या तो यहाँ या फिर अपनी उसी जगह पर
मैं- यहाँ सुरक्षित नहीं है वही मिलेंगे
मेघा- ठीक है
कुछ देर बाद वो चली गयी, मैंने कुछ देर इधर उधर टाइम पास किया और फिर वापिस आ गया. दिमाग में वाही सब घूम रहा था , इस जंगल में न जाने क्या क्या छुपा हुआ था . जो नक्शा मेघा यही छोड़ गयी थी मैंने उसे फिर से देखना शुरू किया, , हर जगह आपस में जुड़ रही थी पर किस वजह से ये मालूम नहीं था , वो जोड़ा किसका था , वो घर किसका था , वो जंगल वाला कमरा किसका था , वो सोना, लॉकेट, टूटे चबूतरे से क्या सम्बंध था और सबसे बड़ी बात माँ तारा का मंदिर इन सब में क्या रोल लिए था.
वो औरत जो कई बार मिली थी मुझे वो कौन थी , मेरा क्या रिश्ता था उस से , वो कैसे जुडी थी मुझसे . तमाम बातो को सोचते सोचते दिमाग ख़राब हो गया , एक पल लगता था की बस ढूंढ लिया और अगले ही पल एक नयी डोर हाथ लग जाती थी . लगता था की डोर में तो हम बंधे है और कोई अपने हिसाब से खिला रहा है खेल हमें.
अपने बिस्तर पर लेटे मेघा गहरी सोच में डूबी थी, उसे कैसे मालूम था मेरी सप्त सिद्दी के बारे में, उसने बस एक बार में ही सब जान लिया था , उसने कैसे जान लिया मेरी गलती के बारे में , उसे मालूम था ६ दिशाओ की आन के बारे में .
और क्यों उसने मुझे चेतावनी दी की मैं इस रस्ते पर आगे न चलू, वैसे तो बात सही थी , कबीर का जीवन दांव पर लग गया था उस दिन, मेघा के होंटो से एक आह निकल गयी. वो उठी और उसने उस लाल जोड़े को झोले से निकाला
“अद्भुद है ये, इसकी नक्काशी ये चांदी के तार, मुझे लगता है महज ये लिबास नहीं है, ये चांदी , चांदी शीतलता का प्रतीक होती है , पर हमें सोना भी मिला ये कैसा संजोग है फिर आग पानी एक साथ , कैसे मुमकिन है या फिर मैं इस काबिल नहीं की इस गूढ़ रहस्य को समझ सकू. ” मेघा ने अपने आप से कहा
“पर सबसे बड़ा सवाल ये है की कबीर को कैसे जानती है वो औरत, उसने दो बार कबीर की जान बचाई, एक बार टूटे चबूतरे पर और दूजी बार खेत में, मैं तो मान रही थी की मेरी सिद्धि काम आई पर उसने एक पल में मुझे बौनी साबित कर दिया. आखिर क्या नाता है उसका कबीर से ” मेघा ने फिर से खुद से सवाल किया
इधर प्रज्ञा मंदिर के पुनर्निर्माण का प्रयत्न कर रही थी , राणा अपने काम से बाहर था तो प्रज्ञा पर दुनी जिम्मेदारी थी , और उसकी परेशानी को और बढ़ा रहा था पुजारी
पुजारी- मालकिन, तक़रीबन मलबा हटा दिया है पर वो माता की मूर्ति
प्रज्ञा- क्या हुआ मूर्ति को
पुजारी- जी वो अपने स्थान से हट नहीं रही है
प्रज्ञा- अपने आप हटेगी क्या , मजदूरो से बोलके हटाओ उसे
पुजारी- जी बहुत कोशिश की पर वो स्थान से खिसक ही नहीं रही
प्रज्ञा - क्या दिक्कत है
पुजारी- बहुत भारी है वो
प्रज्ञा- तो मजदुर बढ़ा दो न , छोटी सी बात के लिए मेरा समय ख़राब कर रहे हो
पुजारी- तीस तीस मजदुर मिलके नहीं सरका पा रहे है
प्रज्ञा का माथा और ख़राब हो गया . ये सुनकर
प्रज्ञा- कल आती मैं फिर देखती हु
सबकी अपनी अपनी कहानी थी , फ़साने थे सब उलझे थे पर कोई तो डोर थी जो सबको साथ बांधे थी, रात जैसे तैसे बीत गयी पर अगली सुबह अपने साथ एक तूफ़ान लायी थी ऐसा तूफ़ान जो सब कुछ बदल के रख देने वाली थी .
मेघा के लिए सबसे पहली खबर थी की वो जोड़ा उसके कमरे से गायब था .
|