RE: Gandi Sex kahani दस जनवरी की रात
अगले सप्ताह उसी दिन एक बार फिर रोमेश सक्सेना के सामने थी ।
"अब बताइए आपकी पटरी किसी एक लाइन पर चढ़ी ?" एडवोकेट सक्सेना ने प्रश्न किया ।
रोमेश सक्सेना की आयु करीब पैंतीस वर्ष थी । उसका आकर्षक व्यक्तित्व था और गोरा चिट्टा छरहरा शरीर । उसकी उजली-सी आँखें, चौड़ा ललाट और बलिष्ट भुजायें, इस कसरती बदन को देखकर कोई भी सहज ही अनुमान लगा सकता था कि वह शख्स एथलीट होगा ।
रोमेश सक्सेना सिगरेट का धुआं छोड़ रहा था और उसकी दूरदृष्टि शून्य में बैलेंस थी ।
"बोलिए कौन-सा ट्रैक चुना है ?" इस बार रोमेश ने सीधे वैशाली की आँखों में देखते हुए कहा ।
"मैंने उससे जेल में मुलाकात की थी ।" वैशाली बोली ।
"फिर ।"
"उससे मिलने के बाद मैं इस नतीजे पर पहुँची हूँ कि कत्ल उसी ने किया है, आई एम सॉरी सर, मैंने व्यर्थ में आपका समय नष्ट किया ।"
"क्या तुमने उसे यह भी बता दिया था कि तुमने रुपया पुलिस स्टेशन में जमा कर दिया है ।"
"मैंने उससे रुपए का कोई जिक्र नहीं किया, ऐसा इसलिये कि कहीं यह जानकर उसे सदमा न पहुंच जाये, उसने मुझे साफ-साफ बताया कि मेरी शादी के लिए उसने सेठ से कर्जा माँगा था, सेठ ने देने से इन्कार कर दिया और फिर वह अवसर की ताक में रहा, वह मेरे लिए कुछ भी कर गुजर सकता था बस ।"
"तो आपके दिमाग ने यह तय कर लिया कि सोमू हत्यारा है, इसलिये उसे सजा मिलनी ही चाहिये ।"
"कानून के आगे मैं रिश्तों को महत्व नहीं देती सर ।"
"हम तुम्हारे जज्बे की कद्र करते हैं और हमने यह फैसला किया है कि हम सोमू का मुकदमा लड़ेंगे ।"
"क्या ? मगर सर ?"
"मिस वैशाली, तुम्हारी नजर में सोमू हत्यारा है, मगर मेरी नजर से वह हत्यारा नहीं है और यह जानने के बाद कि सोमू हत्यारा नहीं है, मैं आँख नहीं मूंद सकता, ऐसे मुकदमों को मैं जरूर लड़ता हूँ ।"
"लेकिन आप यह किस आधार पर कह रहे हैं ?"
"आधार आपको अदालत में पता चल जायेगा । अब आप निश्चिन्त हो जायें, बेशक आप सबको बता सकती हैं कि आपका ब्रदर बरी होकर बाहर आयेगा, क्योंकि रोमेश सक्सेना जिस मुकदमे को हाथ में लेता है, दुनिया की कोई अदालत उसमें मुलजिम को सजा नहीं दे सकती ।"
"मेरे लिए वह क्षण बेहद अद्भुत और आश्चर्यजनक होंगे ।"
"नाउ रिलैक्स ।" रोमेश उठ खड़ा हुआ, "मुझे जरूरी काम से जाना है ।
"
वैशाली और रोमेश दोनों साथ-साथ फ्लैट से बाहर निकले और फिर रोमेश ने अपनी मोटरसाइकिल सम्भाली, जबकि वैशाली आगे की तरफ बढ़ गई ।
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