RE: Gandi Sex kahani दस जनवरी की रात
"सर यह झूठ बोलता है ।" बलदेव बोल उठा, "इसने फायर की आवाज सुनी । उसी वक्त अंदर भी आया और फिर दरवाजा बन्द करके बाहर जम गया । फिर गोली चलाने वाला कहाँ गया ? मैंने सारा फ्लैट देख मारा है, इस दरवाजे के सिवा बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं है, एक खिड़की है जिस पर ग्रिल लगी है, सलामत है ग्रिल भी ।"
"यही तो मैं पूछता सांई, वो गोली चलाके गया किधर ?"
"जगाधरी का पार्टनर कहाँ रहता है ?"
"मैं इतना नहीं जानता सांई, ना उसने कबी बताया । मैंने कभी उसके घर का लोग नहीं देखा, एक-दो बार पूछा, बताके नहीं देता था । छ: महीने पहले यह फ्लैट किराये पर लिया ।"
"जगाधरी का क्या बिजनेस था ?"
"शेयर मार्केट में दलाली करता था, बस और हम कुछ नहीं जानता, हमारी दोस्ती शतरंज से शुरू हुई, दोनों एक क्लब में मिले, फिर पता लगा वो हमारा पड़ोसी है, उसके बाद यहीं जमने लगी, मगर आदमी बहुत अच्छा था सांई ! हफ्ते में एक दिन पीता था सण्डे को और मैं भी उसी दिन पीता, कबी वो जीतता कबी मैं ।"
"कबी मैं जीतता कबी वो ।" विजय चीख पड़ा ।
"आपको कैसे मालूम जी ।" हीरालाल ने एक बार फिर चश्मा दुरुस्त किया ।
"अब तुम ड्राइंगरूम से बाहर बैठो, कहीं फूटना नहीं, तुम्हारे बयान होंगे ।" विजय ने हीरालाल को बाहर भेज दिया ।
विजय ने गहरी सांस ली और तफ्तीश शुरू कर दी ।
कुछ ही देर में फिंगर प्रिंट्स और फोटो वाले भी आ गये ।
पुलिस कंट्रोल रूम को मर्डर की सूचना दे दी गई थी ।
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सण्डे था ।
सण्डे का दिन रोमेश अपनी पत्नी सीमा के लिए सुरक्षित रखता था, बाथरूम से नहा धोकर नौ बजे वह नाश्ते की टेबिल पर आ गया ।
"डार्लिंग, आज कहाँ का प्रोग्राम है ?"
"पूरे हफ्ते बाद याद आई मेरी ।" सीमा मेज पर नाश्ते की प्लेटें सजाती हुई बोली ।
"क्या करें डार्लिंग, तुम तो जानती ही हो कि कितना काम करना पड़ता है । दिन में कोर्ट, बाकी वक्त इन्वेस्टीगेशन, कई बार तो खतरों से भी जूझना पड़ता है, मुझे इन क्रिमिनल्स से सख्त नफरत है डार्लिंग ।"
"अब यह कोर्ट की बातें बन्द करिये, सण्डे है ।"
"हाँ भई, आज का दिन तुम्हारा होता है, आज के दिन हम जोरू के गुलाम, किधर का प्रोग्राम बनाया जानेमन ?"
"बहुत दिनों से झावेरी ज्वैलर्स में शॉपिंग करने की सोच रही थी ।"
"झावेरी ज्वैलर्स ।" रोमेश के हलक में जैसे कुछ फंस गया, "क… क्या खरीदना था ?"
"हीरे की एक अंगूठी, तुमने हनीमून पर वादा किया था कि मुझे हीरे की अंगूठी लाकर दोगे, वही जो झावेरी के शोरूम में लगी है और कुल पचास हजार की है ।"
"म…मारे गये, यह अंगूठी फिर टपक पड़ी ।" रोमेश बड़बड़ाया ।
"क्यों, कुछ फंस गया गले में, लो पानी पी लो ।" सीमा ने पानी का गिलास सामने कर दिया ।
रोमेश एक साँस में पूरा गिलास खाली कर गया ।
"डार्लिंग गिफ्ट देने का कोई शुभ अवसर भी तो होना चाहिये ना ।"
"पाँच साल हो गये हैं हमारी शादी हुए । इस बीच कम-से-कम पांच शुभ अवसर तो आये ही होंगे ।" सीमा ने व्यंगात्मक स्वर में कहा, "आपको याद है जब हमारे प्यार के शुरुआती दिन थे तो । "
"याद तो सब कुछ है, तुम्हें भी तो बंगला कार वगैरा से बहुत लगाव है ।"
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