RE: Gandi Sex kahani दस जनवरी की रात
अगले दिन विजय का फोन रोमेश को मिला ।
"वही स्टोरी है, असल में उसे जबरदस्त घाटा हो चुका था उसकी लाइफ इंश्योरेंस की कुछ पॉलिसी थी, जगाधरी और उसकी पत्नी में कुछ सालों से अनबन थी, जगाधरी घर नहीं जाता था । उसकी फैमिली पूना में रहती है और उसकी पत्नी वहाँ टीचर है । इसके दो बच्चे भी हैं, दोनों माँ के साथ रहते हैं, जगाधरी की कमाई का वह एक पैसा भी नहीं लेते थे, जगाधरी काफी मालदार व्यक्ति था, फिर वह शेयर के धंधों में सब कुछ गंवा बैठा और पूरी तरह कर्जदार भी हो गया, इसका सब कुछ बिक चुका था । बस उसकी इंश्योरेंस की पॉलिसियां थीं, इसलिये वह चाहता था कि उसकी मौत का नाटक कत्ल की वारदात में बदल जाये, तो पॉलिसी कैश हो जायेगी और उसकी मौत के बाद एक मोटी रकम बीवी-बच्चों को मिल जायेगी ।"
"बड़ी ट्रेजिकल स्टोरी है, वह अपने बीवी-बच्चों को चाहता था ।" रोमेश बोला ।
"हाँ, ऐसा ही है ।"
"बहरहाल तुम्हारा बहुत-बहुत शुक्रिया, तुमने गुत्थी सुलझा दी, अगर मेरी जगह कोई और होता, तो शायद जो स्टोरी जगाधरी बनाना चाहता था, वह अखबारों में छपी होती ।"
"मैं कचहरी जा रहा हूँ, एक दिलचस्प मुकदमे की पैरवी करने । जरा आ जाना ।" इतना कहकर रोमेश ने फोन काट दिया, "सेम स्टोरी ।" रोमश के होंठ गोल हो गये ।
वह कोर्ट जाने के लिए बिल्कुल तैयार खड़ा था और कानून की एक मोटी किताब में कुछ मार्क कर रखा था । उसके बाद उसने दो-तीन लॉ बुक उठाई और फ्लैट से बाहर आ गया ।
श्यामू मोटर साइकिल साफ कर रहा था ।
"श्यामू तूने कभी अपना बीमा करवाया ?"
"नहीं तो साब, क्या करना बीमा करके, जो रुपया अपने काम न आये, वह किस काम का और फिर साब, मेरी अभी शादी ही कहाँ हुई ।"
"ओहो यह तो मैं भूल ही गया था, तेरी उम्र क्या है ?"
"उम्र मत पूछो साब, रोना आता है ।"
श्यामू, रोमेश का घरेलू नौकर था । जो उसे तनख्वाह मिलती थी, सब खर्च कर देता था । अच्छे कपड़े पहनना उसका शौक था और एक फिल्म को कम-से-कम तीन बार तो देखता ही था । जो फिल्म केवल बालिगों के लिए होतीं, उन्हें तो वह दस-दस बार देखता था ।
रोमेश कोर्ट के लिए रवाना हो गया ।
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