RE: Gandi Sex kahani दस जनवरी की रात
आभूषणों को गिरवी रख तीस हज़ार का प्रबंध करना, यह एक तरीका था या फिर मकान के कागजात रखकर रकम मिल सकती थी । वह सोचने लगा कि तीस हज़ार की रकम, वह साल भर में किसी तरह चुकता कर देगा और गिरवी रखी वस्तु वापस मिल जायेगी । अंत में उसने तय किया कि आभूषण रख देगा ।
रोमेश की घरेलू जिंदगी में अब छोटी-छोटी बातों पर झगड़े होने लगे थे । अगर इस वर्ष रोमेश अपनी पत्नी को अंगूठी प्रेजेंट कर न पाया, तो कोई तूफ़ान भी आ सकता था । सीमा ने अब क्लब जाना बंद कर दिया था । यह बात रोमेश ने उसे एक दिन बताई ।
"जब वह एयरहोस्टेज रही होगी, तब उसे यह लत पड़ गई थी । उसके कुछ दोस्त भी होंगे, जो जाहिर है कि ऊंचे घरानों के होंगे । मैंने सोचा था वह खुद समझकर घरेलू जिंदगी में लौट आयेगी, मगर ऐसा नहीं हो पाया । जाहिर है, मैंने भी कभी उसके प्रोग्रामों में दखल नहीं दिया । मगर फिर हद होने लगी, मैं जो कमाऊँ वह उसे क्लबों में ठिकाने लगा देती थी । और फिर मैं उसके लिए अंगूठी तक नहीं खरीद सका ।''
''अब क्या दिक्कत है, उस दिन के बाद भाभी ने क्लब छोड़ दिया, शराब छोड़ दी, अब तो तुम्हें शादी की सालगिरह पर जोरदार पार्टी दे देनी चाहिये ।''\
''उसके मन के अंधड़ को मैं समझता हूँ । वह मुझसे रुठ गई है यार, क्या करूं ?"
"इस बार अंगूठी दे ही देना, क्या कीमत है उसकी ?"
''अठावन हज़ार हो गई है ।''
"साठ हज़ार मिलते ही अबकी बार मत चूकना चौहान । बस फिर सब गिले-शिकवे दूर हो जायेंगे ।''
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