RE: Gandi Sex kahani दस जनवरी की रात
"रोमेश सक्सेना ।" जे.एन. मुट्ठियाँ भींचे अपने ड्राइंगरूम में चहलकदमी कर रहा था, "उसकी ये मजाल !"
मायादास सामने हाथ बांधे खड़ा था ।
"वैसे तो जो आप कहेंगे, वह हो जायेगा ।" मायादास ने कहा, "मगर हमें जल्दीबाजी में कुछ नहीं करना चाहिये, हमें हर काम का नकारात्मक रुख भी तो देखना चाहिये । अगर रोमेश सक्सेना सारे शहर में यह गाता फिर रहा है कि वह आपका कत्ल करेगा, तो यकीनन आपका कत्ल नहीं होने वाला । हाँ, इससे वह आपको उत्तेजित करके कोई ऐसा कदम उठवा सकता है कि आप कानून के दायरे में आ जायें ।"
"कानून ! कानून हमारे लिए है क्या ? कानून तो हम बनाते हैं मायादास ।"
"ठीक है, यह सब ठीक है । मगर जरा यह तो सोचिये कि सावंत के कत्ल का मामला गर्मी न पकड़े, इसलिये आपको थोड़े दिन के लिए चीफ मिनिस्टर की सीट छोड़नी पड़ी । अब अगर हम सब वकील के क़त्ल का बीड़ा उठाते हैं और किसी वजह से वह बच गया, तब क्या होगा ? पूरा कानून का जमावड़ा, अख़बार वाले हमारे पीछे पड़ जायेंगे, हालाँकि पकड़े तो आप तब भी नहीं जायेंगे, मगर मंत्रीपद तो खतरे में पड़ ही सकता है ।"
"देखिये, यह तो आप भी महसूस कर रहे होंगे कि कातिल का नाम जानने के बाद आप रिलैक्स महसूस कर रहे हैं । क्योंकि यह बात आप भी समझते हैं कि रोमेश जैसा व्यक्ति आपका कत्ल नहीं कर सकता, आपको तो क्या वह किसी को भी नहीं मार सकता, वह कानून का एक ईमानदार प्रतीक माना जाता है, ऐसा शख्स कत्ल कैसे कर सकता है ? वो भी इस तरह कि सारे शहर को बताकर चले । तारीख मुकर्रर कर दे ।"
"हाँ, यह तो है, मगर धमकी देकर मुझे तो परेशान किया ही न उसने ।"
"अब पुलिस को उससे निपटने दें और अगर ऐसी कोई आशंका होगी भी, तो हम साले को नौ जनवरी को ही ठिकाने लगा देंगे, मगर अभी उसको कुछ नहीं कहना ।"
"बटाला से कहो कि वह उसके फ्लैट की घेराबंदी हटा दे ।"
"घेराबन्दी तो चलने दे, अब हम भी तो उस पर कड़ी नजर रखेंगे । उसकी बीवी उसे छोड़कर चली गई है, इसी वजह से हो सकता है कि वह कुछ पगला गया हो ।"
"उसकी बीवी कहाँ है ?"
"यह हमें भी नहीं मालूम, हमने जरूरत भी नहीं समझी, हम उसे सबक तो पढ़ाना चाहते थे पर सबक का मतलब यह तो नहीं कि उसे कत्ल कर डालें, कत्ल तो अंतिम स्टेज है । जब सारे फ़ॉर्मूले फेल हो जायें और पानी सर से ऊपर चला जाये, अभी तो पानी घुटनों में भी नहीं है ।"
"मायादास तुम वाकई अक्लमंद आदमी हो, हम तो गुस्से में उसे मरवा ही देते ।"
"अब आप माफिया किंग नहीं, एक लीडर हैं । सियासी लोग हर चाल सोच-समझकर चलते हैं ।"
जनार्दन नागारेड्डी अब नॉर्मल था । वह रात के फोन का इन्तजार करने लगा । वह जानता था कि रोमेश का फोन फिर आयेगा, आज जे.एन. उसका जमकर उपहास उड़ाना चाहता था ।
☐☐☐
माया देवी की नौकरानी ने फ्लैट का दरवाजा खोला ।
"कहिये आपको किससे मिलना है ? "
रोमेश ने अपना विजिटिंग कार्ड देते हुए कहा, "मैडम माया देवी से कहिये, मैं उनसे एक केस के सिलसिले में मिलना चाहता हूँ, उनके फायदे की बात है ।"
नौकरानी द्वार बंद करके अन्दर चली गई । कुछ देर बाद वह आई और उसने रोमेश को अंदर आने का संकेत किया । रोमेश सिटिंग रूम में बैठ गया । थोड़ी देर बाद माया देवी प्रकट हुई, वह लम्बे छरहरे कद की खूबसूरत महिला थी । नीली बिल्लौरी आँखें, गोरा रंग, गदराया हुआ यौवन, सचमुच जे.एन की पसंद चोरी की थी ।
कुछ देर तक तो रोमेश उसे ठगा-सा देखता रह गया ।
"नौकरानी पानी लेकर आ गई ।"
"लीजिये !" माया देवी ने कहा, "पानी ।"
"हाँ ।" रोमेश ने गिलास लिया और फिर पानी पी गया, "मुझे रोमेश कहते हैं ।" पानी पीने के बाद उसने कहा ।
"नाम सुना है अख़बारों में । कहिये कैसे आना हुआ मेरे यहाँ ?"
रोमेश सीधा हो गया । उसने नौकरानी की तरफ देखा । रोमेश का आशय समझ कर माया ने नौकरानी को किचन में भेज दिया ।
"अब बोलिये ।"
"मैं आपको एक मुकदमे में गवाह बनाने आया हूँ ।"
"इंटरेस्टिंग, किस किस्म का मुकदमा है ?"
"मर्डर केस ! कोल्ड ब्लडेड मर्डर केस ।"
"ओह माई गॉड ! मैं किसी मर्डर केस में गवाह… ।"
"हाँ, चश्मदीद गवाह ! यानि आई विटनेस !"
"आप कुछ पहेली बुझा रहे हैं, मैंने तो आज तक कोई मर्डर होते हुए नहीं देखा ।"
"अब देख लेंगी ।" रोमेश ने सिगरेट सुलगाते हुए कहा, "आप एक मर्डर की चश्मदीद गवाह बनेंगी, डेम श्योर ! आप घबराना मत ।"
"आप तो पहेली बुझा रहे हैं ?"
"दस तारीख की रात यह पहेली खुद हल हो जायेगी, बस आप मुझे पहचानकर रखें ।" रोमेश ने उठते हुए कहा, "मेरा यह गेटअप पसंद आया आपको, इसी को पहन कर मैंने एक कत्ल करना है और उसी वक्त की आप चश्मदीद गवाह बनेंगी । अदालत में मुलजिम के कटघरे में, मैं खड़ा होऊंगा और तब आप कहेंगी, योर ऑनर यही वह शख्स है, जो पांच जनवरी को मेरे पास आकर बोला कि मैं तुम्हारे सामने ही एक आदमी का कत्ल करूंगा और इसने कर दिया ।"
"इंटरेस्टिंग स्टोरी, अब आप जाने का क्या लेंगे ?"
"मैं जा ही रहा हूँ, लेकिन मेरी बात याद रखना मैडम माया देवी ! आप जैसी हसीन बला को आई विटनेस बनाते हुए मुझे बड़ी ख़ुशी होगी, गुडलक । "
रोमेश ने मफलर चेहरे पर लपेटा और सीटी बजाता बाहर निकल गया । माया देवी ने फ्लैट की खिड़की से उसे मोटर साइकिल पर बैठकर जाते देखा और फिर बड़बड़ाई, "शायद पागल हो गया है ।"
☐☐☐
|