RE: Bhai Bahan XXX भाई की जवानी
विशाल भी प्रिया की बातों को सुनकर हैरान था।
तभी आरोही चाय लेकर ऊपर आ जाती है- "क्या-क्या बातें हो रही हैं दोनों में?"
विशाल- पढ़ाई के लिए पूछ रहा था।
और थोड़ी देर , ही चाय पीते हुए बातें करते रहे। रात के 10:00 बजे चुके थे। विशाल ऊपर रूम में जाकर लेट गया। राजेश और सुमन भी अपने रूम में सो चुके थे। नीचे मम्मी पापा के रूम के बराबर में एक रूम और था। आरोही और प्निया दोनों उसी रूम में लेट गये।
आरोही- प्रिया तूनें विशाल को राहुल के बारे में तो कुछ नहीं बताया?
प्रिया- बस बताने वाली थी की त आ गई।
आरोही अपने माथे पर हाथ मारते हुए- "तू कैसी बेवकूफ है? ये बातें तू किसी को नहीं बतायेगी.."
प्रिया- "अच्छा बाबा नहीं बताऊँगी..." फिर कहा- "आराही, अपना मोबाइल दिखाना..."
आरोही- किसलिए?
प्रिया- एक काल करनी है।
आरोही- किसे?
प्रिया- राहल को।
आरोही- नहीं।
प्रिया- प्लीज मार, बस एक काल करेंगी।
आरोही- तुझे इतना समझाने पर समझ में नहीं आ रहा?
प्रिया- प्यार ऐसा ही होता है।
आरोही- ये प्यार नहीं है।
तभी प्रिया की नजर टेबल पर रखें मोबाइल पर जाती है, और प्रिया मोबाइल उठाकर राहुल का नंबर मिला देती है। आरोही प्रिया को देखती रह जाती है। मगर ल का नंबर स्विच-आफ जा रहा था, और प्रिया आकर आरोही के बराबर में लेट जाती है।
आरोही- प्रिया तू तो बहुत आगे निकल चुकी है।
प्रिया. मेरा तो ऐसा दिल कर रहा है की अभी भागकर राहुल के पास पहुंच जाऊँ।
आरोही- क्या?
प्रिया- इतना क्यों चकित हो रही है?
आरोही- "वैसे तुम्हारे बीच... मेरा मतलब है कुछ ऐसा वैसा?"
प्रिया- हौं, थोड़ा बहुत किस वगैरह।
आरोही- "ओह माई गोड... तमनें आपस में किस भी कर लिया?"
प्रिया- "अरें किस तो नार्मल है.." कहकर प्रिया अपना एक हाथ बढ़ाकर आरोही की चूचियों पर रखते हए- "राहल
तो मेरी चूचियों को भी मसल चुका है.."
आरोही अपनी चूचियों से प्रिया का हाथ हटाते हुए- "ये सब क्या हैं प्रिया?"
प्रिया- "ये ही तो जवानी के मजें हैं मेरी जान."
तभी प्निया को बराबर वाले रूम से कुछ आवाजें सुनाई देती हैं- "आहह... सस्सीई..."
प्रिया- "लगता है तेरे मम्मी पापा का शो स्टार्ट हो गया..."
आरोही- तुझं ऐसा क्यों लगता है?
प्रिया. साइलेंट होकर गौर से सुन।
आरोही बड़े गौर से कुछ सुनने की कोशिश करती है। उसे भी मम्मी के कराहने की आवाजें सुनाई देती है "आहह... सस्स्स्सी ... ऊहह.."
आरोही- लगता है मम्मी की तबीयत ठीक नहीं हैं।
प्रिया- "तू तो वाकई बिल्कुल ढक्कन है। ये कराहने के आवाजें तबीयत खराब की नहीं, मजे की है। चल तुझे दिखाती हूँ..."
आरोही- नहीं मुझे नहीं देखना।
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