RE: Bhai Bahan XXX भाई की जवानी
आरोही- क्या भैया.. आप बिना देखे ही तैयार हो जाओगे?
विशाल- तो क्या हुआ? मम्मी पापा मेरा कुरा थोड़े चाहेंगे? त भी क्या बातें लेकर बैठ गई? चल कुछ खाना तैयार कर बड़े जोरों की भूख लगी है।
आरोही- जी भैया जाती हैं। मगर मुझे आपसे इस बारे में और बात करनी है।
विशाल- ठीक है कर लेना। मैं कही भागा नहीं जा रहा।
आरोही चली जाती हैं और विशाल अपना लैपटाप उठाकर चालू करता है। जैसे ही लैपटाप खुलता है विशाल को एक जोरदार झटका लगता है। सामने स्क्रीन पर नंगी नंगी पिक देखकर विशाल के लौड़े में हलचल हो जाती है। मगर विशाल सोचता है- "ये सब मेरे लैपटाप पर कैसे खुल गया? क्या ये आरोही ने सर्च किया है? उसके अलावा घर में और कोई है भी तो नहीं..."
विशाल- "ओह माई गोड... ये आरोही किस रास्ते चल पड़ी है? जरूर में सब प्रिया की वजह से हो रहा है। अब मैं आरोही का कैसे समझाऊँ की ये रास्ता गलत है। सिवाय बदनामी के कुछ हासिल नहीं होगा.." यही सब सोचते हए विशाल परेशान सा हो जाता है, और अपनी बाइक लेकर बाहर जाने लगता है।
तभी आरोही बाइक की आवाज सुनकर किचैन से बाहर आती है, और कहती है- "कहां जा रहे हो भैया?"
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विशाल- अपनी कुछ बुक लानी है।
आरोही- भैया जल्दी आ जाना। खाना थोड़ी देर में तैयार हो जापगा।
विशाल- ठीक है आ जाऊँगा।
आरोही- भैया मेरे फोन में रीचार्ज भी करा देना। कई दिन से वाटसप बंद है।
विशाल- "ठीक है करा देगा..." और विशाल बाइक लेकर निकल जाता है।
आरोही दरवाजा बंद करके जैसे ही अंदर आती है, सोफे पर रखा लैपटाप देखकर- "ओह माई गोड. मैंने हिस्ट्री तो डिलिट ही नहीं की थी। कहीं विशाल में तो नहीं देख लिया?" और आरोही लैपटाप ऑन करती है फिर से स्क्रीन पर वही पिक आ जाती है। आरोही बड़े गौर से अपनी नजरें इन पिक पर लगा देती है। एक पिक में दो लड़कियां आपस में किस कर रही थीं।
आरोही सोचती है- "दो लड़कियां आपस में कैसे किस कर रही हैं? तभी आरोही को एक पिक और नजर आती है जिसमें दो लड़कियां एक दूसरे की चूत चाट रही थी..' आरोही ये सब देखकर बहत हँगन थी और थोड़ी देर देखने के बाद आरोही ये सब लैपटाप में डिलिट कर देती है और लैपटाप बंद करके किचन में खाना बनाने पहुँच जाती है।
उधर विशाल बड़ा परेशान था की आरोही को कैसे समझा। तभी विशाल को एक आईडिया समझ में आता है
और विशाल अपनी एक किताब और एक चाकलेंट लेकर घर वापस आने लगता है। तभी विशाल को याद आता है की आरोही का माबाइल रीचार्ज भी करना है। विशाल बाइक रोककर आरोही का मोबाइल रीचार्ज करवाकर घर आ जाता है।
आरोही- भैया खाना तैयार है, लगा दूं?
विशाल- हाँ लगा दे, और ये ले अपनी चाकलेट।
आरोही मुश्कुराते हुए- "बैंक यू भैया.."
विशाल भी मुस्कुराए बिना रह ना सका, और दोनों मिलकर खाना खाते हैं।
आरोही- भैया आपने मेरा मोबाइल रीचार्ज करा दिया?
विशाल- ही चैक कर लो।
आरोही खाना खाकर बर्तन किचेन में ले जाती है। विशाल अपना लैपटाप उठाकर चाल करता है। मगर उसमें से सारी पोर्न पेज हिस्ट्री गायब थी।
विशाल मन में "ओह तो ये सब आरोही ने ही डिलिट किया है." विशाल के दिमाग में एक प्लान आता है
आरोही को समझाने का- "क्यों ना एक नये नाम से ई-मेल आईडी बनाऊँ और आरोही को समझाऊँ। सीधे-सीधे तो मैं आरोही को समझा नहीं सकता.." और विशाल अपनी फेसबुक खोलता है और एक नई आइंडी बनता है, राज नामें से। और फिर आराही को दोस्तों रिक्वेस्ट भेज देता है और फिर लैपटाप बंद करके सामने टेबल पर रखकर अपनी किताबें उठाकर पटने लगता है।
आरोही किचंन से काम निपटाकर बाहर आती है- "क्या कर रहे हो भैया?"
विशाल- पढ़ाई कर रहा है।
आरोही- भैया में ऊपर रूम की सफाई करने जा रही है।
विशाल- "ठीक है.." और यूँ ही करीब आधा घंटा गजर जाता है।
विशाल अपने मोबाइल पर फेसबुक पर राज वाली आईडी चेक करता है। आरोही दोस्त रिक्वेस्ट आक्सेप्ट कर चुकी थी। विशाल के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है, और विशाल मेसेज़ बाक्स में पहुँचकर आरोही को एक मेसेज़ भेजता है- "मिस आराहा- मेरी दोस्ती आक्सेप्ट करने के लिए धन्यवाद..."
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