RE: Bhai Bahan XXX भाई की जवानी
आरोही- नहीं ऐसा कुछ भी नहीं है। अब में आफलाइन होती हैं, काफी देर हो गई चैटिंग करते हुए।
विशाल- अच्छा ठीक है। ये तो बता दो फिर आजलाइन कब आओगी?
आरोही- देखती हूँ, 9:00 बजे के बाद। बाड़।
विशाल- "बाइ आरोही." और विशाल अपने मोबाइल में आईंडी लोग आउट कर देता है।
थोड़ी देर बाद आरोही नीचे आती है।
विशाल- आरोही सफाई हो गई?
आरोही आकर बिल्कुल विशाल के बराबर में बैठ जाती है, और कहती है- "जी भैया हो गई."
विशाल- आरोही तू भी अब कुछ पढ़ाई कर ले एउजाम्स सिर पर हैं।
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आराही- भैया आप फिकर मत करो, मैं एग्जाम्स की पूरी तैयारी कर चुकी हैं। देखना इस बार आपसे आगे ना निकली तो कहना।
विशाल- हाँ हाँ देखेंगे। ये एग्जाम्स है कोई लड़ो का गेम नहीं। जिसे त हँसी मजाक में जीत लेंगी।
आरोही- भैया मेरे लिए तो पढ़ाई भी एक गेम ही है।
विशाल- अच्छा आरोही आज डिनर में क्या बनायंगी?
आरोही- भैया आज तो आप होटल से ले आजा।
विशाल- ठीक है।
तभी आरोही साफे से उठती है।
विशाल- अब कहां चली?
आरोही- "भैया नहाने जा रही हैं."
कहकर आरोही नहाने के लिए बाथरूम में पहुँचती है और एक-एक करके अपने सारे कपड़े उतार देती है। शावर खोलकर ठंडे-ठंडे पानी के नीचे खड़ी हो जाती है। आज आरोही को नहाते हए बड़ा अच्छा लग रहा था। और आरोही जैसे ही अपने जिम पर साबुन मलने लगती है एकदम से आरोही का पोर्न पिक याद आ जाती है। जैसे जैसे आरोही अपने जिस्म पर साबुन लगा रही थी आगही की मस्ती बढ़ती जा रही थी। फिर जैसे ही आरोही का हाथ अपनी चूत पर पहुँचता है। एकदम से आरोही की आँखें बंद हो जाती हैं और उंगलियां अपने आप चूत की फांका के बीच चलने लगती हैं।
आरोही को कितना प्यारा अहसास हो रहा था, और ये जो भी कुछ हो रहा था, इसका होश आरोही को भी नहीं था। जाने कितनी देर तक आरोही अपनी चत मसले जा रही थी।
विशाल बाहर बैठा ये सोच रहा था की आरोही से कैसे बात करें की आरोही इस रास्ते पर ना चले।
उधर अंदर आरोही की उंगली ने अब तक चूत के छेद को टटोलना शुरू कर दिया था। इसका होश आरोही को तब आता है जब उंगली ने चूत में हल्का सा दर्द पैदा कर दिया था। आरोही दर्द में एकदम आअहह... की सिसकारी के साथ होश में आती है, और खुद को इस हालत में देख कर खुद ही शर्मा जाती है।
आरोही- "ओह शिट... ये सब मैं क्या करने लगी?" फिर आरोही जल्दी-जल्दी नहाकर बाहर निकलती है, और हाल में आकर शीशे के सामने अपने बाल सुखाने लगी। आरोही ने काटन का पीला शूट पहना था, जिसकी कमीज काफी छोटी थी। गीले बाल होने के कारण पीछे से आरोही की कमीज भी गीली हो चुकी थी। जिस कारण कमर पीछे से साफ दिखाई दे रही थी।
विशाल सोफे पर बैठा हुआ था। जैसे ही उसकी नजर आरोही की तरफ पहुँचती है। विशाल को झटका सा लगता है। विशाल अपनी नजरें वहां से हटाना चाह रहा था, मगर जाने क्यों बार-बार नजर वहीं जा रही थी।
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